काले धन पर नोटबंदी का प्रभाव

नोटबंदी

PC: thenewsminute.com

नोटबंदी के बाद जब सरकार ने कहा कि हमने हजारों कंपनियों की अवैध लेन-देन का पता लगाया है और समय आने पर हम उचित कार्रवाई करेंगे तो मीडिया के एक धड़े ने इस पर बहुत ही निराशाजनक प्रतिक्रिया दी। इसे सरकार का एक जुमला बताया ताकि नोटबंदी  की असफलता को छुपाया जा सके। ये खबर उन पत्रकारों और नेताओं के लिए है जो नोटबंदी को मोदी सरकार का तानाशाही फैसला बताते थे और भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए आपदा की संज्ञा देते थे। इकोनॉमिक टाइम्स की खबर के मुताबिक सरकार जल्द ही उन कंपनियों के प्रमोटर्स के खिलाफ करवाई कर सकती है। साल 2016 में नोटबंदी के बाद सरकार ने इन कंपनियों को फ्रॉड ट्रांज़ैक्शन का दोषी माना है। 

मोदी सरकार में कॉर्पोरेट अफेयर्स के राज्य मंत्री पीपी चौधरी ने बताया, “हमने ऐसी 73000 कंपनियों की पहचान की है जिसमें नोटबंदी के बाद 24000 करोड़ रुपये अवैध रूप से जमा किये गए हैं। कई जांच एजेंसियां इस मामले की जांच में लगे हुए हैं।” उन्होंने ये भी बताया कि अब तक करीब 3.25 लाख शेल कंपनियों का रजिस्ट्रेशन कैंसल किया जा चुका है। 

शुरुआत में हमने 1.26 लाख कंपनियों की पहचान की गयी थी जिसमें असामान्य लेन-देन की जानकारी प्राप्त हुई थी, इन कंपनियों के खातों का इस्तेमाल पैसों को खपाने के लिए किया गया था लेकिन कंपनियों की संख्या में प्राथमिक जांच के बाद कमी आई। कॉर्पोरेट अफेयर्स के राज्य मंत्री पीपी चौधरी के मुताबिक सरकार ने नोटबंदी के बाद 3 लाख से ज्यादा शेल कंपनियों को बंद किया है। उन्होंने सरकार के उन प्रयासों पर भी जोर डाला जिसके तहत भारत के ‘इज ऑफ़ डूइंग बिज़नेस’  के रैंक को सुधारने का प्रयास किया जा रहा है। वहीं, कर्ज से दबी IL&FS पर चौधरी ने कहा कि गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआईओ) इसकी जांच कर रहा है। अपने बयान में उन्होंने कहा, “IL&FS में मिस-मैनेजमेंट हुआ था। कंपनी में कॉरपोरेट गवर्नेंस नॉर्म्स को मजबूत बनाने की जरूरत है। हमारा मंत्रालय इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ कॉरपोरेट अफेयर्स के साथ मिलकर बोर्डरूम में कॉरपोरेट गवर्नेंस स्टैंडर्ड्स को सुधारने पर काम कर रहा है।“

मोदी सरकार ईज ऑफ डूइंग बिजनस के लिए कंपनी कानून, 2013 में भी जल्द ही बदलाव कर सकती है। मोदी सरकार इन 73000 कंपनियों पर जल्द ही शिकंजा कस सकती है। काले धन की लड़ाई के खिलाफ इसे एक सराहनीय कदम माना जा रहा है। इससे पहले भी इनकम डिक्लेरेशन स्कीम के तहत सरकार को 65000 करोड़ का काला धन प्राप्त हुआ था। नरेंद्र मोदी अपने चुनावी वादे को पूरा करने के लिए एक्शन मोड में दिख रहे हैं। 

नोटबंदी के दो साल बीतने के बाद भी इस तरह के खुलासे यही सबित करते हैं कि मीडिया और विपक्षी दलों के आलोचनाओं के विपरीत पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा लिया गया नोटबंदी का फैसला सफल रहा है. नोटबंदी के बाद से सरकार के रडार पर आई शेल कंपनियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है। इससे पहले सरकारी एजेंसियों ने 2 लाख 25 हजार 910 शेल कंपनियों की पहचान की थी जिनमें 7191 एलएपी कंपनियां भी शामिल थीं और इस साल के अंत तक इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई भी की जाएगी।

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