कांग्रेस का असंवेदनशील बयान, कहा, ‘गोवा के CM मनोहर पर्रिकर नहीं रहे’

मनोहर पर्रिकर कांग्रेस

PC: Amar Ujala

कांग्रेस सत्ता के लिए कितनी हताश है इस बात का खुलासा एक बार फिर से उसके असंवेदनशील बयान से साफ हो गया है। गोवा के मुख्यमंत्री को लेकर कांग्रेस ने शर्मनाक टिप्पणी की है। कांग्रेस ने सोमवार को कहा कि गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर 14 अक्टूबर से कहीं नहीं दीखते हैं, संभवत: वो जीवित नहीं हैं। कांग्रेस प्रवक्ता जीतेंद्र देशप्रभु ने मीडिया से कहा, “जी हां, हम इसे संज्ञान में ले रहे हैं। गोवा के मुख्यमंत्री कहीं नहीं दिखते हैं, ना ही सार्वजनिक रूप से और ना ही व्यक्तिगत रूप से। मुझे संदेह है कि मुख्यमंत्री हैं भी या नहीं। अगर सीएम नहीं हैं तो उनका उठाला और श्राद्ध करो।” जबकि वास्तविकता ये है कि दिल्ली के एम्स से डिस्चार्ज होने के बाद से गोवा के मुख्मंत्री मनोहर पार्रिकर अपने निजी निवास पर हैं जहां उनके निजी आवास को अत्याधुनिक चिकित्सा केंद्र के रूप में परिवर्तित कर दिया गया है। उनकी देखरेख के लिए चिकित्सक और पैरा मेडिकल स्टॉफ से जुड़े लोग 24 घंटे वहां तैनात हैं। ऐसे समय में कांग्रेस नेता का ये शर्मनाक बयान पार्टी की सत्ता के लिए हताशा को दर्शाता है ऐसा लगता है कि पार्टी चाहती ही नहीं है कि पार्रिकर जी ठीक हों बल्कि आम जनता को गुमराह करने का प्रयास कर रही है।

हद तो तब हो गयी जब कांग्रेस प्रवक्ता जीतेंद्र देशप्रभु ने अपने बयान में कहा कि बीजेपी और उसके सहयोगी दल गोवा के लोगों के समक्ष ये साबित करें कि पर्रिकर जिंदा हैं। गोवा के सीएम की तबियत सही है नहीं है वो एक गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं ऐसे में लगातार डॉक्टरों की निगरानी में हैं। ऐसे समय में कांग्रेस को इस तरह की राजनीति करने से बाज आना चाहिए।

बता दें कि मनोहर पर्रिकर अग्नाशय कैंसर से जूझ रहे हैं। वो 6 सितंबर को ही अमेरिका में चले एक हफ्ते तक इलाज कराकर भारत लौटे थे। इसके बाद वो दिल्ली के एम्स में भर्ती थे। एम्स से छुट्टी मिलने के बाद वो वापस गोवा लौट गये जहां उनके आवास पर ही उनके इलाज के लिए लिए चिकित्सक और पैरा मेडिकल स्टॉफ से जुड़े लोग 24 घंटे वहां तैनात रहते हैं। हालांकि, जब वो गोवा से दूर थे तब राज्य सरकार के सहयोगी दलों में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा था। सरकार के सहयोगी दलों में राज्य के प्रभार को लेकर खींचतान के बीच कांग्रेस ने स्थिति का आंकलन करते हुए स्थिति का फायदा उठाते हुए राज्य में सरकार बनाने का दावा किया। यही नहीं इस संबंध में राज्यपाल मृदुला सिन्हा से मुलाकात भी की। कांग्रेस ने राज्यपाल से विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए भाजपा सरकार को फ्लोर टेस्ट कराने का निर्देश देने की मांग की। हालात को संभालने के लिए खुद देखते हुए पर्रिकर ने 12 अक्टूबर को गोवा सरकार के सहयोगी दलों के नेताओं को एम्स में बैठक लिए बुलाई थी। इस बैठक के कुछ समय बाद ही वो गोवा लौटे थे।

फिलहाल, मनोहर पार्रिकर एम्स से जबसे इलाज कराकर वापस लौटे हैं अपने परिवार के साथ समय बिता रहे हैं लेकिन कांग्रेस को उनके आराम से भी परेशानी है। जिस समय में कांग्रेस को उनके जल्दी ठीक होने की कामना करनी चाहिए उस समय में इस तरह का बयान बेहद शर्मनाक है। पार्रिकर जी ने गोवा के लोगों की हमेशा से सेवा की है और राज्य के भले के लिए काम किया है ऐसे में क्या उन्हें इतना भी अधिकार नहीं है कि वो अपनी बीमारी के समय में कुछ पल आराम से बिता सकें?

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