हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार का इस माह 4 साल पूरे हो गये हैं। 26 अक्टूबर 2014 को उन्होंने हरियाणा के 10 वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण किया था। हरियाणा में 18 वर्ष बाद मनोहर लाल खट्टर हरियाणा इस पद पर विराजमान होने वाले पहले गैर जाट नेता हैं यही नहीं भारतीय जनता पार्टी कि तरफ से भी वो हरियाणा के पहले मुख्यमंत्री हैं। जबसे उन्होंने प्रदेश की बागडोर संभाली है तबसे वो प्रदेश में विकास को गति देने के प्रयासरत हैं। राज्य में लिंगानुपात समस्या से लेकर के भ्रष्टाचार, सड़कों पर जाम जैसी समस्याओं से आम जनता को निजात दिलाने के लिए काम कर रहे हैं।
हरियाणा में चौतरफा विकास के लिए मनोहर लाल खट्टर की सरकार ने सबसे पहले सिस्टम को बदला और पारदर्शी बनाया। राज्य में किसी भी तरह का विकास तभी पूर्ण होगा जब सिस्टम में पारदर्शिता होगी। उन्होंने प्रदेश की राजनीति में भाई-भतीजावाद को बढ़ावा नहीं दिया बल्कि काबिलियत को दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि सभी को नौकरी उनकी काबिलियत के दमपर मिलेगी न कि नेताओं के घर पर चक्कर काटने से। उनकी कोशिशों का ही नतीजा है कि राज्य में भ्रष्टाचार के मामले में 32 फीसदी की कमी आई है। यही नहीं उनकी सरकार को लिंगानुपात में जबरदस्त सफलता मिली है और अनुपात अब 900 से ऊपर पहुंच चुका है। खट्टर सरकार ने न जातिवाद न लिंग आधारित भेदभाव को बढ़ने दिया सभी को समान अधिकार दिए और सभी को आगे बढ़ने के लिए अवसर उत्पन्न कर रहे हैं। उनकी सरकार ने शहीदों के परिवारों को चार साल में 218 नौकरियां दी हैं। महिलाओं की शिक्षा के लिए भी उन्होंने कई कदम उठाये हैं जिसके तहत हर 20 किलोमीटर पर महिला महाविद्यालय खोले गये हैं, 23 महाविद्यालय शुरू किए गए हैं। यही नहीं हरियाणा सरकार के ही प्रयासों का नतीजा है कि शौचमुक्त के मामले में हरियाणा देश में नंबर वन बना है।
हरियाणा की पिछली कांग्रेस सरकार ने राज्य की स्थिती को बिगाड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी खासकर जाम की समस्या दिनों दिन बढती जा रही थी जिसके बाद हरियाणा के गुरुग्राम में ट्रैफिक जाम की समस्या से आम जनता को निजात दिलाने के लिए चौड़ीकरण कार्य को बढ़ावा दिया। दिल्ली रोड स्थित अतुल कटारिया चौक से जाम की समस्या को समाप्त करने के लिए फ्लाईओवर व अंडरपास बनाने की योजना लायी गयी जिसपर तेजी से काम चल रहा है और उम्मीद की जा रही है कि शहरवासियों को वर्ष 2020 की शुरुआत में अंडरपास-फ्लाईओवर की सौगात मिल जाएगी। इसी साल दिल्ली और गुरुग्राम के बीच ट्रैफिक जाम खत्म करने के लिए लंबे वक्त से प्रस्तावित द्वारका एक्सप्रेस-वे के निर्माण को भी मंजूरी मिल चुकी है। प्रोजेक्ट के तहत 1050 करोड़ की लागत से 5 किमी लंबी टनल भी बनेगा जो एक्सप्रेस-वे से जुड़ेगा और ये कार्य 2020 तक में पूरा कर लिया जायेगा।
मनोहर लाला खट्टर की सरकार को हरियाणा में 4 साल पूरे हो गये हैं और इन वर्षों में उन्होंने राज्य के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं। उनके प्रयासों का परिमाण उनकी उपलब्धियां साफ़ बयां करती है। वो आगे भी इसी तरह से राज्य के विकास में कार्य करते रहेंगे।