लोकसभा चुनाव में जावेद अख्तर और शबाना आजमी कन्हैया के लिए करेंगे चुनाव प्रचार

कन्हैया कुमार जावेद अख्तर

जेएनयू के पूर्व छात्र नेता कन्हैया कुमार को अपने महत्वकांक्षी सपनों को साल 2019 के आम चुनाव  में पंख लगने वाले है क्योंकि उन्हें मैदान में उतारने के लिए कुछ राजनीतिक दल उनके साथ आ गये हैं। माना जा रहा है कि वो बिहार के बेगूसराय लोकसभा सीट से चुनाव लड़ सकते हैं और ये लगभग तय माना जा रहा है। उनके चुनावी मैदान में में उतरने से लगता है अभिनेत्री शबाना आजमी और  कवि और हिन्दी फिल्मों के गीतकार और पटकथा लेखक जावेद अख्तर कुछ ज्यादा ही खुश है तभी तो वो अब कन्हैया के लिए चुनाव प्रचार करने के लिए तैयार हो गये हैं।

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के अनुसार, जवाहरलाल नेहरू विवि जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष और पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य कन्हैया कुमार को बेगूसराय से उम्मीदवार बनाया जायेगा। भ्क्पा पहले ही बिहार में बड़े पैमाने पर बीजेपी को हराने के लिए प्रचार शुरू कर चुकी है वो भी ‘बीजेपी हराओ, देश बचाव’ के टाइटल के साथ प्रचार कर रहे हैं। इसके जरिये वो राज्य के कई शहरों में बीजेपी के खिलाफ महागठबंधन की ताकत का प्रदर्शन कर रहे हैं। कन्हैया कुमार की रैली में कांग्रेस, राजद, भाकपा माले, माकपा, लोकतांत्रिक जनता दल और हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा के प्रमुख नेताओं को आमंत्रित किया गया है। इसके अलावा पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव एस।सुधाकर रेड्डी, राज्यसभा सांसद डी.राजा, राष्ट्रीय सचिव अतुल कुमार अंजान, के नारायणा एवं रवीन्द्र कुमार समेत अन्य नेता भी रैली में शामिल होंगे।

कन्हैया कुमार बिहार के बेगूसराय सीट के लिए सीपीआईएम के उम्मीदवार के रूप में प्रचार करेंगे। बेगूसराय कन्हैया का जन्मस्थान है और वो लेफ्ट-लिबरल्स का गढ़ के रूप में जाना जाता है और यहां कम्युनिस्ट की पकड़ की काफी मजबूत है। हालांकि, ये क्षेत्र के सांसद भोला सिंह हैं जिन्होंने पिछले चुनाव में बीजेपी के उम्मीदवार के रूप में जीत दर्ज की थी, ऐसे में सत्तारूढ़ पार्टी इस क्षेत्र की सीट पर अपनी पकड़ को कायम रखना चाहते हैं तो उन्हें अभी से इसके लिए कमर कस लेनी चाहिए।

सीपीआई के राज्य सचिव नारायण सिंह और राष्ट्रीय सचिव के नारायण ने इस संबंध में कहा, ” नाराज चल रहे बीजेपी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने भी कहा है कि यदि सीपीआई उन्हें आमंत्रित करती है तो वो फायरब्रांड छात्र नेता (कन्हैया) के लिए प्रचार कर सकते है।

“हमने कन्हैया कुमार के 25 अक्टूबर की रैली में कांग्रेस, राजद, भाकपा माले, माकपा, लोकतांत्रिक जनता दल और हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा के प्रमुख नेताओं को आमंत्रित किया है।।” इसके अलावा कन्हैया के पक्ष में चुनाव प्रचार प्रसिद्ध गीतकार जावेद अख्तर और उनकी पत्नी अभिनेत्री शबाना आजमी भी करेंगे।

वास्तव में ये यही दर्शाता है कि लेफ्ट विंग के पास अब कोई विकल्प नहीं बचा है और अब वो राष्ट्रीय राजनीति में अपने अस्तित्व को बनाये रखने के लिए हर मुमकिन प्रयास कर रहे है।

सीपीआईएम की इस रणनीति से ये भी साबित हो गया कि वो अपनी विचारधारा के अनुरूप चुनाव लड़ने के दावों के विपरीत वामपंथी अब ‘अपने अभियान के लिए सितारों’ का सहारा ले रहे हैं। इससे पहले कभी उन्होंने इस तरह की रणनीति नहीं अपनाई और अपने विरोधियों पर आरोप मढ़ते हैं कि वो सितारों की चमक-दमक का सहारा लेकर चुनाव जीततें हैं। तब वो कहा करते थे कि यदि हमें चुनाव जीतने के लिए सितारों की चमक दमक का सहारा लेना पोदे तो हमारे नैतिक मूल्यों के क्या मायने रह जायेंगे ? ऐसे में सवाल ये उठता है कि क्या कम्युनिस्ट ने अपनी विचारधारा को पीछे छोड़ दिया है और आज उन्हें उसी तरीके का सहारा लेना पड़ रहा है जिसे लेकर अक्सर वो अपने राजनीतिक विरोधियों पर हमलें करते रहे हैं?

इस रणनीति ने जावेद अख्तर और शबाना आजमी की वैचारिक प्राथमिकताओं का भी खुलासा किया है जो अक्सर ही निष्पक्ष और लोकतांत्रिक  होने का दावा करते हैं। यदि कोई व्यक्ति ऐसे नेता के लिए प्रचार करने के लिए तैयार है जो भारत को तोड़ने की बात करता है, देश विरोधी गतिविधियों का समर्थक हो।

वैसे जावेद अख्तर के लिए कोई नयी बात भी नहीं है उन्होंने पहले भी गुलमेहर कौर के ढोंग पर टिप्पणी करने के लिए पहलवान योगेश्‍वर दत्त और क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग की आालेचना की थी। अब ये बेगूसराय की आम जनता पर है वो एक अवसरवादी को अपने निर्वाचन क्षेत्र के लिए चुनती है या नहीं।

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