कैसे कुणाल कामरा और AIB ने सच जानने के बाद भी उत्सव का किया था बचाव

उत्सव चक्रवर्ती

कॉमेडियन और यू-ट्यूबर उत्सव चक्रवर्ती के खिलाफ महिमा कुकरेजा नाम की एक यूजर ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया जिसके बाद एक एक करके कई महिलाएं अब अपने साथ हुई अभद्रता को लेकर खुलकर सामने आ रही हैं। इस मामले में मुख्यधारा की मीडिया ने चुप्पी साध रखी है और शर्मनाक तरीके से उत्सव का समर्थन कर रही हैं और अब अभिषेक उपमन्यु ने भी स्पष्ट कर दिया है कि उत्सव चक्रवर्ती ने महिमा कुकरेजा को अश्लील फोटो भेजी थी लेकिन सवाल ये है कि उन्हें जब इस बारे में पता था तब उन्होंने इसपर कुछ क्यों नहीं कहा था? वो अभी तक चुप क्यों बैठे थे? उत्सव चक्रवर्ती पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों के बाद AIB ने उत्सव को ग्रुप से बाहर कर दिया है जो काम बहुत पहले कर दिया जाना चाहिए था वो AIB ने आज किया है।

महिमा कुकरेजा ने ट्विटर थ्रेड के जरिये उत्सव चक्रवर्ती पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया और अपने ट्वीट में सबूत भी पेश किये इसके बाद एक के बाद एक महिला उत्सव की करतूतों पर खुलकर बोल रही हैं। अब महिमा के समर्थन में कॉमेडियन अभिषेक उपमन्यु ने कई ट्वीट किये और उस समय की घटना का जिक्र किया।

अपने ट्वीट में अभिषेक ने बताया कि AIB को उत्सव की हरकतों की जानकारी थी लेकिन फिर भी उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गयी क्योंकि वो जनता को हंसाता था और इससे AIB के व्यूज बढ़ते थे। यही नहीं अभिषेक ने बताया कट्टरपंथी और जाने माने कुणाल कामरा को भी इस घटना के बारे में जानकारी थी लेकिन इसके बावजूद उन्होंने इस मामले पर चुप्पी साधी हुई थी। अभिषेक के ट्वीट कुछ इस तरह से हैं:

इस ट्वीट से ये साफ़ हो गया है कि AIB और कुणाल कामरा को इस मामले की पूरी जानकारी आज नहीं हुई है बल्कि उन्हें ये बात उन्हें पिछले तीन सालों से पता थी। ये सब जानने के बावजूद खुद को फेमिनिस्ट कहने वाले AIB और उसके सहयोगियों का सच सामने आ गया है। ये एक महिलाओं के हक और आजादी की बात करते हैं, फेमनिज्म का राग अलापते हैं वहीं, दूसरी तरफ उन्हीं के साथ काम करने वाले शर्मनाक हरकतों में लिप्त हैं। वास्तव में ये फेमिनिस्ट का नकाब पहने हुए बीमारू मानसिकता से पीड़ित हैं और महिलाओं को किस नजर से देखते हैं ये भी अब सामने आ रहा है।

बता दें कि कुणाल कामरा स्टैंड अप कॉमेडी का जाना-माना नाम है और वो पीएम मोदी और भारतीय सेना का कई बार अपने शो के दौरान अपमान किया है।

मोदी के आलोचक कुणाल कामरा बुद्धिजीवियों के गैंग को हंसाने के लिए किसी भी स्तर पर जाने से नहीं चुंकते हैं चाहे वो नोटबंदी हो या कठुआ मामले में हिंदू समुदाय पर निशाना साधना हो या एनडीए के मंत्रियों पर तंज कसना हो वो किसी मामले में पीछे नहीं रहे हैं। ऐसे में तीन साल तक इस मामले में उनकी चुप्पी हैरान करती है।

कुणाल कामरा कहते हैं कि वो एक फेमिनिस्ट है जबकि वास्तव में वो इसके विपरीत हैं। यदि सच में उन्हें लगता है कि वो महिलाओं के हित के लिए बोलते हैं तो खेद है कि वो झूठ बोल रहे हैं क्योंकि महिमा कुकरेजा के साथ उत्सव के अभद्र व्यवहार को जानने के बाद भी उनकी चुप्पी सब बयां करती है। उनका ये ढोंग समझ के बाहर है।

कल तक वो इस मामले में चुप थे जब सच बाहर आया तो कहते हैं कि हमें आप पर भरोसा है?

गुरमेहर कौर हो या स्वरा भास्कर सभी आज इस मामले में चुप है ये वही हैं जो अक्सर ही किसी भी मोदी समर्थक पर हमला करने का एक मौका नहीं छोड़ते और आज जब उन्हें महिमा कुकरेजा जैसी अन्य महिलाओं के समर्थन में आगे आना चाहिए तो सभी ने चुप्पी साध ली है। हालांकि, इस मामले में अभिषेक उपमन्यु ने खुलकर बोला देर ही सही पीड़िता का साथ देने के लिए आगे आये जो सराहनीय है।

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