उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भाजपा के एक फायर ब्रांड नेता हैं तो अब भाजपा को दक्षिण भारत के लिए भी एक नये ‘योगी’ मिल गए हैं। खबरों की मानें जल्द ही स्वामी परिपूर्णानंद बीजेपी में शामिल हो सकते हैं। इस बीच अटकलों का बाजार गर्म है कि भारतीय जनता पार्टी उन्हें तेलंगाना के मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर सकती है। इसके साथ ही ये भी कहा जा रहा है कि उन्हें सिंकदराबाद या मलकानगिरी लोकसभा सीट या फिर कारवान या चंद्रयानगुट्टा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने के लिए कहा जा सकता है। न्यू इंडिया रिपोर्ट्स के अनुसार वो आगामी चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी के प्रचार भी कर सकते हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार सोमवार को स्वामी परिपूर्णानंद ने दिल्ली में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और कई अन्य वरिष्ठ पार्टी नेताओं के साथ मुलाकात की जिसके बाद से उनके भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने की अटकलें तेज हो गयी है।
न्यू इंडिया एक्सप्रेस रिपोर्ट के अनुसार, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात के बाद स्वामी परिपूर्णानंद ने कहा, “हमने देश, धर्म और मूल्यों को लेकर विचार-विमर्श किया। हमने भविष्य की योजनाओं पर भी चर्चा की। जो भी निर्णय लिया जाना है वो अमित शाह ही लेंगे। वो मुझे जो कहेंगे मैं वही करूंगा। उन्होंने आगे कहा, “जो भी फैसला करना है वो अमित शाह जी को करना है। मेरा इसमें कोई निजी हित नहीं है
स्वामी परिपूर्णानंद ने ये भी संकेत दिया कि जो भी आखिरी योजना है नवरात्री और दशहरे के बाद ही सामने आएगा। फिलहाल, कुछ कहा जाना उचित नहीं होगा। इसका मतलब साफ़ है कि वो बीजेपी में शामिल होंगे और जल्द ही ये सबके सामने होगा।
बता दें कि स्वामी परिपूर्णानंद पिछले महीने ही हैदराबाद लौटे हैं। तेलंगाना पुलिस ने हैदराबाद उनके प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया था और उनपर भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगाया था। हिंदू देवताओं के खिलाफ कथित अपमानजनक टिप्पणियों के लिए फिल्म आलोचक काठी महेश को शहर से बाहर करने के दो दिन बाद ये कार्रवाई की गयी थी। हालांकि, अगस्त में आंध्र-तेलंगाना उच्च न्यायालय ने ये आदेश रद्द कर दिया। हैदराबाद से बाहर निकाले जाने पर परिपूर्णानंद ने पाने बयान में कहा, “गुंडों और राष्ट्र-विरोधी तत्वों की बजाय उन्हें बाहर किया गया था।“ अपनी वापसी पर स्वामी ने हाथ हिलाते हुए कहा, “मैं धर्म के लिए मरने के लिए तैयार हूं। और सभी हिंदुओं को एकजुट करूँगा।”
खबरों की मानें दक्षिण में आरएसएस परिपूर्णानंद को ‘दक्षिण का योगी आदित्यनाथ’ मानता है। दक्षिण तेलंगाना में जहां जनसांख्यिक घनत्व (लगभग 20 % मुस्लिम आबादी है) उसे देखते हुए बहुतायत हिंदू समुदाय को एकजुट करने में स्वामी परिपूर्णानंद की भूमिका अहम हो सकती है। स्वामी परिपूर्णानंद आदिवासियों में काफी लोकप्रिय हैं और सभी हिंदू उनका सम्मान करते हैं। ऐसे में वो हिंदुओं को एकजुट करने में अहम भूमिका निभाकर बीजेपी के प्रयासों में और तेजी ला सकते हैं।
तेलंगाना को योगी आदित्यनाथ जैसे नेता की जरूरत है ऐसे में राज्य एक लिए स्वामी परिपूर्णानंद से बेहतर और कोई और विकल्प नहीं होगा। ऐसे में परिपूर्णानंद का बीजेपी में शामिल होना बीजेपी को कर्नाटक की तरह ही तेलंगाना में अपने मतदाता आधार को मजबूत करने में मदद मिलेगी।