विकास पांडेय ने झूठी खबर फैलाने के लिए ध्रुव राठी के खिलाफ दायर किया मानहानि का मुकदमा

ध्रुव राठी विकास पांडेय

आम आदमी पार्टी के समर्थक यू-ट्यूब ब्लॉगर ध्रुव राठी के खिलाफ सोशल मीडिया एक्टिविस्ट विकास पांडेय ने सिविल मानहानि का मुकदमा दर्ज किया है। ये मानहानि ध्रुव राठी के एक तीन सीरीज वाले वीडियो को लेकर किया गया जिसमें ध्रुव राठी ने दावा किया कि विकास पांडेय बीजेपी आईटी सेल के सदस्य हैं और उन्होंने महावीर प्रसाद (बीजेपी आईटी सेल के पूर्व सदस्य होने का दावा) को राठी के खिलाफ बोलने के लिए 50 लाख रिश्वत देने की कोशिश की थी। विकास पांडेय का सोशल मीडिया पर ‘आई सपोर्ट नमो” नाम का एक पेज ही। इस पेज के फेसबुक और ट्विटर पर काफी फोल्लोवर्स हैं। वहीं, ध्रुव राठी आम आदमी पार्टी के समर्थक हैं और अपने नाम से एक यू-ट्यूब चैनल चलाते हैं और फेक न्यूज को फैलाते हैं और कई बार उन्होंने आम जनता को गुमराह करने की कोशिश भी की है। वास्तव में राठी का एकमात्र प्रोपेगंडा है केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधना है और कुछ राजनीतिक पार्टियों का ध्रुव को समर्थन भी प्राप्त है। ऐसा लगता है कि वो कुछ नेताओं के लिए आधारहीन दावों और झूठी खबरों को बढ़ावा देने का काम कर रहे हैं।

दरअसल, ध्रुव राठी महावीर प्रसाद के जरिये अपने यू ट्यूब पर झूठ फैलाने और बीजेपी आईटी सेल के प्रति लोगों को गुमराह करने की कोशिश की। उन्होंने इस वीडियो में दावा किया था कि विकास पांडेय बीजेपी आईटी सेल के सदस्य हैं और महवीर प्रसाद बीजेपी आईटी सेल के पूर्व सदस्य थे। वीडियो में आगे बताया गया कि ध्रुव राठी के खिलाफ बोलने के लिए विकास पांडेय ने महावीर प्रसाद को 50 लाख रुपये की रिश्वत देने की कोशिश की थी। विकास पांडेय ने बताया कि आखिर क्यों उन्होंने ध्रुव राठी पर मानहानि का मुकदमा दायर किया है। उन्होंने कहा कि, “ध्रुव राठी ने अपने वीडियो में कहा कि उन्होंने महावीर प्रसाद को एक एप्प इंस्टाल कर कॉल रिकॉर्ड करने के लिए कहा था जिससे वो सभी कॉल्स को रिकॉर्ड कर सकें। राठी का पूरा वीडियो ‘रिकॉर्डिंग’ पर आधारित था। हालांकि, राठी के पास ऐसी कोई रिकॉर्डिंग नहीं है जिसमें ’50 लाख’ की रिश्वत का जिक्र हो।” ताजुब की बात है कि यू ट्यूब चैनल इस तरह के आरोप लगा रहा है जिसका कोई साक्ष्य ही नहीं है। ऐसे में सवाल ये उठता है कि अगर वास्तव में ध्रुव राठी के दावों में कोई सच्चाई है तो उनके पास अपने दावों के लिए कोई रिकॉर्डिंग क्यों नहीं थी? क्या ये वीडियो सिर्फ गुमराह करने के उद्देश्य से था?

ध्रुव राठी ने ये भी दावा किया कि महावीर प्रसाद को रिश्वत ऑफर करने के लिए अभिषेक मिश्रा (सोशल मीडिया पर कांग्रेस के बड़े समर्थक) का विकास पांडेय ने इस्तेमाल किया था।

हालांकि कॉल रिकॉर्डिंग में अभिषेक मिश्रा और महावीर प्रसाद के बीच हुई बातचीत के दौरान प्रसाद ने पूछा कि क्या विकास पांडेय ने किसी रिश्वत की बात कही है? इसपर अभिषेक मिश्रा ने कोई जवाब नहीं दिया। ऐसे में सवाल ये उठता है कि अगर मैंने पहले ही महावीर प्रसाद को रिश्वत का ऑफर दिया था तो उन्होंने ये सवाल मिश्रा से दोबरा क्यों पूछा? यदि अभिषेक मिश्रा को मेरी तरफ से कोई भी निर्देश मिला होता तो उन्होंने इसपर कोई प्रातक्रिया क्यों नहीं दी। दिलचस्प बात ये है कि मिश्रा के रुख पर राठी ने कुछ नहीं कहा।

ध्रुव राठी ने अपने वीडियो में अभिषेक मिश्रा को कहा कि वो सच को सामने रखें और बताये कि कैसे विकास पांडेय देश को बर्बाद करना चाहते हैं। स्पष्ट रूप से यहां विकास पांडेय की छवि को खराब करने का उद्देश्य नजर आता है। यही नहीं वीडियो का टाइटल भी गुमराह करने वाला था वो भी सिर्फ ज्यादा से ज्यादा दर्शक बटोरने के लिए और अब इससे राठी की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं।

https://www.youtube.com/watch?v=BslKjxaP4Ik

विकास पांडेय ने पहले ध्रुव राठी के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज करवा दी है। इससे स्पष्ट है कि विकास पांडेय ध्रुव राठी को सबक सिखाने के लिए कमर कस चुके हैं। ये जरुरी भी है। सिर्फ ज्यादा से ज्यादा दर्शक बंटोरने के लिए और लोकप्रियता के लिए इस तरह से किसी व्यक्ति की छवि को खराब करना गलत है इसका प्रभाव संबंधित व्यक्ति के आम जीवन पर पड़ता है।

Exit mobile version