अमृतसर रेल हादसे पर द वायर ने अभिसार शर्मा के बेतुका ‘टॉप लाइट’ थ्योरी वाले वीडियो को किया डिलीट

द वायर अभिसार शर्मा

दशहरा के मौके पर अमृतसर में हुए रेल हादसे के कारण जब पूरे देश में मातम पसरा हुआ था, संयुक्त राष्ट्र से लेकर रूस तक भारत को सांत्वना दे रहे थे लेकिन तब ‘द वायर’ और इनके नए नवेले एजेंडा पत्रकार अभिसार शर्मा अपनी कुंठित विचारधारा का विष फैला रहे थे। एबीपी न्यूज़ से निकाले जाने के बाद ‘द वायर’ का दामन थामने वाले अभिसार शर्मा की मंशा स्पष्ट हो चुकी है और उनकी पत्रकारिता का डेमो भी जारी हो चूका है। द वायर ने एक लेख प्रकाशित किया था जिसमें एक वीडियो था। इस वीडियो में अभिसार शर्मा ने ये दावा किया कि अमृतसर में लोगों को दुर्घटना का शिकार बनाने वाली ट्रेन डीएमयू पर लगी टॉप लाइट उस दिन काम नहीं कर रही थी जिसके कारण ट्रेन के ड्राइवर को ट्रैक पर लोगों का भारी जमावड़ा नहीं दिखा। अभिसार शर्मा का एकमात्र मकसद रेलवे को कठघरे में खड़ा करना था और इस बहाने मोदी सरकार को निशाने पर लेना था।

अभिसार शर्मा ने रेल मंत्री पियूष गोयल पर निशाना साधते हुए कहा कि उनको इस पर जवाब देना चाहिए की आखिर क्यों उस दिन डीएमयू पर लगी टॉप लाइट काम नहीं कर रही थी। अभिसार ने ट्रेन ड्राइवर को भी जांच के दायरे में शामिल करने की बात कही। बिना किसी तथ्य के अभिसार शर्मा ने वैचारिक जहर फैलाया क्योंकि अमृतसर में जिस ट्रेन हादसे में लोगों की मौत हुई वो पुराने मॉडल का लोकोमोटिव इंजन था जिसमें टॉप लाइट की कोई व्यवस्था नहीं थी। जब अभिसार शर्मा को अपनी गलती का अंदाजा हुआ तो उन्होंने अपने कुप्रचार को बचाने के लिए कुतर्कों की झरी लगा दी। वैचारिक बैतरणी में डूब कर अपनी हर गलती को महान बताना इन वामपंथी पत्रकारों और संस्थानों का पुराना पेशा रहा है।

अभिसार शर्मा ने अपने प्रोपोगैंडा वीडियो का बचाव करते हुए रेलवे के सुरक्षा मानकों पर सवाल उठाया और कहा कि यदि नए मॉडल में टॉप लाइट नहीं है तो ये रेलवे के लिए शुभ संकेत नहीं है। बिना टॉप लाइट के लोगों को कैसे पता चलेगा कि कोई ट्रेन आ रही है ? उनका ये तर्क सा नजर आता है क्योंकि ट्रेन की टॉप लाइट का मकसद ट्रेन के ड्राइवर को साफ दृष्टि उपलब्ध करवाना होता है न कि ट्रैक पर बैठे लोगों को। दूसरी बात ये है कि कोई भी ट्रेन जब दूर से आती है तो उसके हॉर्न और साइरन की आवाज इतनी तेज होती है कि वो दूर के लोगों को सचेत करने के लिए काफी होती है। यही नहीं किसी भी हाई स्पीड ट्रेन का वाइब्रेशन इसके आगमन की जानकारी के लिए काफी होता है।

rightlog.in ने अपनी एक पोस्ट में वायर और अभिसार शर्मा के इस झूठ का पर्दाफाश किया था। अंततः जब द वायर का बेशर्म झूठ पकड़ा गया और उन्होंने अभिसार शर्मा के इस वीडियो को डिलीट कर दिया लेकिन फिर भी अपनी इस गलती के लिए द वायर ने कोई माफ़ी नहीं मांगी है और ना ही अभिसार शर्मा ने इसके लिए कोई खेद जताया है।

फेक न्यूज़ पर छाती पीटने वाले लोग आज फेक न्यूज़ के माफिया बन चुके हैं। द वायर को फेक न्यूज़ के खिलाफ कारवाई करते हुए अभिसार शर्मा पर कार्रवाई करनी चाहिए लेकिन ऐसा करने की बजाय वो अभिसार शर्मा के सतह मिलकर अपने प्रोपेगंडा को बढ़ावा दे रहे हैं, अपना एजेंडा साध रहे हैं। द वायर और अभिसार शर्मा को इस हादसे से पीड़ित लोगों से अपने इस झूठ के लिए माफ़ी मांगनी चाहिए।

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