छत्तीसगढ़ में आज विधानसभा चुनाव के लिए दूसरे चरण में मतदान हो रहे हैं। चुनाव से पहले राज्य में अपनी पकड़ को मजबूत करने के लिए सभी पार्टियां स्टार प्रचारक का सहारा लिया. कांग्रेस की तरफ से छत्तीसगढ़ में पंजाब सरकार के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने भी प्रचार किया। हमेशा अपने बड़बोलेपन से आए दिन अपनी और कांग्रेस की किरकिरी कराने वाले नवजोत सिंह सिद्धू छत्तीसगढ़ में प्रचार के बाद से एक बार फिर से चर्चा में हैं। दरअसल, छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में स्टार प्रचारक की संवेदनशील जिम्मेदारी दिए जाने के बावजूद वो अपनी आदतों से बाज नहीं आ रहे हैं। इस बार उन्होंने पिछले 2 दिनों में 2 नेताओं को छत्तीसगढ़ में कांग्रेस का सीएम उम्मीदवार बना डाला है। जबकि पार्टी आलाकमान ने अभी किसी भी नेता को सीएम के तौर पर प्रोजेक्ट करने से सख्त मना किया है।
छत्तीसगढ़ में शुक्रवार को सिद्धू ने डॉ. चरणदास महंत को सीएम उम्मीदवार बताकर वोट देने के लिए कहा था। इसके बाद रविवार को सक्ती में एक सभा को संबोधित करते हुए सिद्धू ने कहा कि टीएस सिंहदेव को वोट दें। आपका विधायक सीएम बन सकता है। सिद्धू ने फिल्मी अंदाज में कहा, “बाजार में तो टू-इन-वन मिलता है लेकिन आपका विधायक ऑल-इन-वन है। “ हवाई महल तैयार करते हुए उन्होंने कहा कि हो सकता है 15 दिन के बाद इनकी गाड़ी पर बड़ी सी बत्ती लग जाए और सड़कों पर सायरन सुनाई दे।
बता दें, ये सारी घटनाएं एक ऐसे समय में हो रही हैं, जब नेतृत्व और जनाधार से जूझ रही कांग्रेस ने अपने नेताओं से चुनाव तक किसी भी प्रत्याशी को सीएम पद का दावेदार कहने से मना किया है। दरअसल, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ नेताओं संग बैठक करके सख्त हिदायत दे चुके हैं कि अभी कोई भी नेता किसी भी नेता को सीएम पद का उम्मीदवार नहीं बताएगा। ऐसे में सिद्धू का बयान इस ओर इशारा करता है कि कांग्रेस अध्यक्ष की कोई सुन नहीं रहा है। ऐसा लगता है कि नेतृत्व से जूझ रही कांग्रेस में थोड़ी सी भी जिम्मेदारी मिल जाने वाले नेता खुद को ही कांग्रेस का सर्वेसर्वा समझने लगते हैं।
बता दें, ये पहला मामला नहीं है जब सिद्धू अपने बड़बोलेपन से कांग्रेस के लिए फजीहत बने हैं। इससे पहले भी वो अपने बयानों और करतूतों से भारी जनविरोध का सामना कर चुके हैं। पाकिस्तान के नवनिर्वाचित पीएम इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह में जाने और वहां पाकिस्तानी सेनाध्यक्ष से गले मिलने पर भी उनकी जमकर किरकिरी हुई थी। उसके ठीक बाद उन्होंने प्रधानमंत्री को लेकर विवादित ट्विट किया जिसपर भी उन्हें जमकर आलोचना झेली पड़ी थी। सिद्धू ने अपने ट्विट में लिखा था कि, “अब नवाज की मां के पैर में नाक रगड़ने वाला सिखाएगा मुझे देशभक्ति?”
ऐसे में ये सवाल उठना लाजमी है कि प्रचारक बना दिए जाने से क्या नवजोत सिंह सिद्धू खुद खुद ही राज्य में कांग्रेस की तरफ से सीएम उम्मदीवार कौन बनेगा तय कर रहे हैं? या फिर स्टार प्रचारक बनाये जाने के बाद से वो इतने उत्साहित हो गये हैं कि पार्टी के लिए जनता को गुमराह करने में जुट गये हैं? अगर हां, तो क्या जनता एक ऐसे चेहरे को पसंद करेगी, जो कुछ कि मैंने ये क्या बोल दिया। ऐसी स्थितियों में इस बात पर भी सवाल उठते हैं कि क्या कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी कांग्रेस को भी नहीं संभाल पा रहे हैं। सिद्धू ने जिस तरह से उनके मना करने के बाद सीएम उम्मीदवार की घोषणा की उससे तो यही लगता है कि वो राहुल गांधी के नेतृत्व का सम्मान नहीं करते हैं या फिर नवजोत सिंह सिद्धू के बड़बोलेपन का लाभ उठाकर कांग्रेस हर क्षेत्र के प्रत्याशियों को सीएम पद का उम्मीदवार बनाने का लालच देकर जनता को एक बार फिर से गुमराह करने का प्रयास कर रही है! खैर कंग्रेस के पैंतरे काम अन्हीं आने वाले हैं क्यों जनता पहले की तरह बेवकूफ नहीं है कि भ्रमजाल और बड़बोलेपन में फंसकर अपने ही पैरों पर कुल्हाड़ी नहीं मारेगी।