अरविंद केजरीवाल से मिलने पहुंचे मौलवी के पास मिला जिंदा कारतूस, गिरफ्तार

केजरीवाल कारतूस

PC: News 18

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल अक्सर सुर्खियों में रहते हैं। सुर्खियों में रहने उनका सबसे बड़ा कारण उनपर नाराज जनता की प्रतिक्रिया होती हैं। वो जनता जिससे तमाम वादे करके वो सत्ता सुख भोग रहे हैं, वो अब अपनी गुस्सा केजरीवाल पर उड़ेल रही है। उनके धोखेबाजी भरे वादों और कामों के प्रति निष्क्रियता के चलते कभी कोई ऑटो वाला उन्हें थप्पड़ जड़कर गुस्सा जाहिर कर देता है तो कभी कोई स्याही फेंक देता है। कभी कोई अंडा मार देता है तो कभी कोई उनपर मिर्च फेंक देता है। इससे भी गुस्सा ठंडा नहीं होता तो कभी किसी और बहाने लताड़ देता है। इस तरह से वो हमेशा सुर्खियों में बने ही रहते हैं। इसी तरह की एक नई और अजीबोगरीब घटना ने फिर से उन्हें सुर्खियों में लाकर मजाक का पात्र बना दिया है। जब उनसे मिलने गये एक शख्स के पास कारतूस मिला लेकिन उस शख्स का जाँच में दिया गया बयान बेहद अजीबोगरीब था। वहीं अब इस मामले में सीएम केजरीवाल ने एक बार फिर से मोदी सरकार को घेरने के लिए दिल्ली पुलिस पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं जो शर्मनाक है। केजरीवाल ने सदन में कहा, ‘‘अगर नरेंद्र मोदी दिल्ली के मुख्यमंत्री को सुरक्षा नहीं दे सकते तो उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए।’’

दरअसल, सोमवार को मुस्लिम समुदाय के कुछ लोग अरविंद केजरीवाल से मिलने गए थे। मिलने से पहले चेकिंग की प्रक्रिया चल रही थी। इसी दौरान उनमें से एक सख्स के पास .35mm की कारतूस बरामद हुई। कारतूस मिलते ही सिक्योरिटी अलर्ट होकर हरकत में आ गई। पूछताछ में शख्स ने बताया कि इसे कारतूस मस्जिद के डोनेशन बॉक्स में मिला था। उसे उसने जब में रख लिया था। बाद में निकालना भूल गया। पुलिस ने आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया है। 

उधर पुलिस का कहना है कि सोमवार सुबह 10-12 लोग मुख्यमंत्री से मिलने पहुंचे थे। ये कार्यक्रम पहले से ही तय था। ये लोग मौलवी थे जो वक्फ बोर्ड की से सैलरी बढ़ाने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री से मिलने पहुंचे थे। इन्हीं में से एक श्ख्स के पास से चेकिंग के दौरान जिंदा कारतूस बरामद हुआ है।

पूछताछ में पता चला है कि जिस शख्स के पास से कारतूस मिला है, उसका नाम इमरान है। वह मस्जिद में मुअज्जिन है। पुलिस पूछताछ में शख्स ने बताया है कि उसे ये कारतूस मस्जिद के डोनेशन बॉक्स में मिला, जिसे उसने जेब में रख लिया और फिर भूल गया। फिलहाल पुलिस ने आर्म्स एक्ट में मामला दर्ज कर लिया और जांच की जा रही है।

ऐसे में सवाल उठता है कि क्या मस्जिदों के डोनेशन बॉक्स में बम-कारतूस जैसे हथियार भी चढ़ाए जाते हैं? सवाल को तो और भी कई खड़े होते हैं. फिलहाल, यहां सोचने वाली बात ये है कि अगर उन्हें पता था कि वो कारतूस है तो उसे लेकर क्यों गये?  यह भी कोई भूलने वाली बात है। अगर कारतूस मिला था तो सबसे पहले पुलिस को सूचना देनी चाहिए या उसे जेब में रखना चाहिए? चलो, अच्छा हुआ कि टाइम बम जैसी घातक चीज नहीं मिला। नहीं तो जनाब उसे भी जेब में रखकर टहल रहे होते। इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर मीम बन रहे हैं। लोग चुटीले अंदाज में कह रहे हैं कि मस्जिदों में चढ़ाए गए बम-गोले-कारतूस को केजरीवाल के पास प्रसाद स्वरूप भेजा गया था। इसे लेकर तरह-तरह के जोक्स बनने लगे हैं।

मालूम हो कि इससे पहले अभी कुछ दिनों पहले भी केजरीवाल पर एक नागरिक ने मिर्च पाउडर फेंक दिया था। जिसे लेकर सोशल मीडिया पर खूब मीम बन रहे हैं। जबकि अगर हम इससे थोड़ा सा पीछे जाएं तो पाएंगे कि पहले भी केजरीवाल को आम जनता की नराजगी को खूब झेलना पड़ा था। जिस जनता ने उनपर विश्वास किया था, अब वह हताश व निराश हो रही है। केजरीवाल से धोखा खाई जनता अब उनपर तरह-तरह से गुस्सा व्यक्त कर रही है। हालांकि, केजरीवाल इसे स्वीकार करने की बजाय यहां भी मोदी-मोदी का राग अलाप रहे हैं। जैसे पीएम मोदी के पास केजरीवाल को परेशान करने के अलावा कोई मुद्दा ही नहीं बचा है।

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