तेलंगाना में मुस्लिम मतदाताओं को लुभाने के लिए कांग्रेस ने खोला वादों का पिटारा

कांग्रेस पार्टी घोषणापत्र

PC: Zee News

हम धर्मनिरपेक्ष पार्टी हैं, लेकिन हम प्रधानमंत्री की जाति पूछते हैं। हम सेक्युलर हैं, लेकिन हम लिंगायत को अलग धर्म बनाएंगे। हम धर्म निरपेक्ष हैं, लेकिन हम खुद को मुसलमानों की पार्टी बताने में जरा भी नहीं हिचकते। हम सेक्युलर हैं, लेकिन हम मुस्लिम तुष्टिकरण पग-पग पर करते हैं। हम धर्मनिरपेक्ष हैं लेकिन हम ईसाईयों को अलग से अवास, मुफ्त बिजली, चर्च के लिए मुफ्त बिजली देने में कोई संकोच नहीं होता। हम सेक्युलर हैं क्योंकि हम हिंदुओं से वोट मांगते समय जनेऊधारी हो जाते हैं, मुसलमानों से वोट मांगते समय मुसलमानों की पार्टी बन जाते हैं, ईसाइयों के बाहुल्य क्षेत्र में जाते हैं तो हम सच्चे ईसाई बन जाते हैं। हम सेक्युलर इसलिए नहीं हैं क्योंकि हम सभी धर्मों को मानते हैं बल्कि हम इसलिए सेक्युलर हैं क्योंकि हम हर धर्मों का तुष्टिकरण कर लेते हैं। जी हां, आपने सही पहचाना। मैं ‘कांग्रेस’ हूं। अब इस पार्टी ने तेलंगाना में अपने घोषणापत्र में तो सारी हदें ही पार कर दी हैं।

जी हां, आपने बिल्कुल सही पढ़ा है। चुनाव के समय में कांग्रेस पार्टी के कई चेहरे दिखने लगते हैं। इन दिनों इसके एक से बढ़कर एक उदाहरण दिख रहे हैं। पांच राज्यों (राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, मिजोरम) में चुनावी दंगल चल रहे हैं। इस दंगल में कांग्रेस एक के बाद एक नकाब उठा रही है। चेहरे पर चेहरे बदल रहे हैं। इस समय कांग्रेस तेलंगाना में वोट मांगने पहुंच चुकी है। खुद को जनेऊधारी,  पंडित, शिवभक्त…जैसे तमाम उपनाम दिलवा चुके राहुल गांधी और उनकी कांग्रेस इस समय अपनी सेक्युलरिज्म तेलंगाना में महका रहे हैं। 

दरअसल, तेलंगाना में कांग्रेस पार्टी ने ईसाई तुष्टिकरण करते हुए ईसाई बिशप, पास्टर की रक्षा, हर मंडल में चर्च के लिए जमीन, ईसाई तीर्थाटन के लिए सब्सिडी, लोकसभा, राज्यसभा और विधानसभा में ईसाईयों के लिए सीट, ईसाई पत्रकारों के लिए घर और स्वास्थ्य सुविधा जैसी योजनाएं तैयार की है।  

दूसरी ओर कांग्रेस मुस्लिमों की तुष्टिकरण में भी पीछे नहीं रहना चाहती है। कांग्रेस पार्टी ने अपने घोषणापत्र में दर्ज योजनाओं में चर्च के साथ-साथ मस्जिदों को मुफ्त बिजली देने का वादा, मुस्लिम युवाओं को सरकारी ठेकों में विशेष अवसर देने का वादा, गरीब मुस्लिम छात्रों को 20 लाख रुपये की सहायता, मुस्लिमों के लिए स्थानीय स्कूल, अल्पसंख्यकों के लिए अस्पताल, अल्पसंख्यकों के लिए विशेष उर्दू डीएससी (डिस्ट्रिक्ट सिलेक्शन कमिटी), जिन संस्थाओं में धर्म के आधार पर भर्ती की जाती है उन्हें दंडित किया जाना भी शामिल है। हालांकि स्थिति की संवेदनशीलता को समझते हुए कांग्रेस ने तुरंत सफाई देते हुए कहा कि अभी इस घोषणापत्र को अंतिम रुप नहीं दिया गया है।

वैसे तुष्टिकरण की नीति कांग्रेस पार्टी के लिए कोई नई बात नहीं है। इतिहास को न पलटते हुए अभी हाल ही की बात करें तो मध्यप्रदेश में कांग्रेस के दिग्गज नेता कमलनाथ का एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें वह मुस्लिम तुष्टिकरण करते हुए पाए गए थे। वीडियो में कमलनाथ कह रहे हैं, “अगर मुस्लिम इलाकों में 90 प्रतिशत वोट नहीं पड़े तो कांग्रेस का बहुत बड़ा नुकसान हो जाएगा।“ इस वीडियो के बाद कांग्रेस की बड़ी फजीहत हुई थी। लेकिन इसके बाद भी कांग्रेस पार्टी वोटबैक बनाने की चालाकी में अपनी आदत सुधारने का नाम नहीं ले रही है। हालांकि हर बार उसकी चाल को जनता समझ जाती है जिससे इस पार्टी को चुनाव दर चुनाव उस झटके पर झटके लगते आ रहे हैं। लेकिन सत्ता पाने की बेचैनी में वो भूल जाती है कि अब जनता समझदार हो चुकी है।

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