कांग्रेस में चापलूसों के क्या कहने, देश बाद में पहले पार्टी के हाई कमान

कांग्रेस पार्टी

PC: Livemint

चाटुकारिता क्या होती है, इसका उदाहरण कांग्रेस पार्टी के राजनेताओं की चापलूसी में आए दिन देखने को मिल ही जाता है। खासकर ऐसे मामले चुनावी मौसम में ज्यादा देखे जाते हैं। ताजा उदाहरण राजस्थान का है। वायरल हुए वीडियो में एक वरिष्ठ कांग्रेसी नेता अपने सहयोगी को भारत माता की जय के नारे को बंद करके सोनिया गांधी की जय कहने के लिए कह रहे हैं। चाटुकारिता की यह ओछी हरकत सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है। इस वीडियो के वायरल होने से कांग्रेस फिर अपनों के कीचड़ में गिर पड़ी है। वायरल हुए वीडियो पर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने भी जमकर निशाना साधा। अमित शाह ने ट्विटर पर लिखा कि, “राजस्थान में कांग्रेस नेता ‘भारत माता की जय’ के नारे लगा रहे कार्यकर्ताओं को रोक कर ‘सोनिया गाँधी की जय’ के नारे लगाने को बोलते हैं। कांग्रेस को शर्म आनी चाहिए कि वो बार-बार अपनी वोटबैंक की राजनीति के लिए देश का अपमान करती है। यह कांग्रेस की कुत्सित मानसिकता का एक और परिचायक है।“

बता दें कांग्रेस पार्टी में अपने शीर्ष नेताओं की चापलूस करना कोई नई बात नहीं है। ये कांग्रेसी संस्कार पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के समय से ही चलता आ रहा है।

तो आइए हम आपको कांग्रेसियों के चापलूसी का एक नज़राना दिखाते हैं…

कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष देवकांत बरुआ:  इंदिरा गांधी को देवकांत बरुआ ने यह कहकर सबको चौंका दिया था कि ‘इंदिरा इज़ इंडिया, इंडिया इज़ इंदिरा’। उनकी इस बात को आज भी कांग्रेस विरोधी दल नारे के रूप में याद करके कांग्रेस को लोकतंत्र की याद दिलाते हैं।

छत्तीसगढ़ कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और वरिष्ठ नेता चरणदास महंत:  इन्होंने कुछ ज्यादा ही चापलूसी कर दी थी। इन्होंने मंत्री रहते हुए कहा था कि “मैं वही करता हूं जैसा पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी और राहुल गांधी आदेश देते हैं। अगर सोनिया गांधी आदेश दें तो मैं छ्त्तीसगढ़ के कांग्रेस कार्यालय में झाड़ू लगाने को भी तैयार हूं। उनका आदेश मेरे लिए सर्वोच्च है।”  उस समय वो यूपीए सरकार में फूड प्रोसेसिंग राज्य मंत्री थे।

ज्ञानी जैल सिंह:  पंजाब कांग्रेस के कद्दावर नेता और राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार ज्ञानी जैल सिंह ने तो सारे रिकॉर्ड ही तोड़ दिए थे। इन्होंने 1982 में कहा था कि ”मैं इंदिरा गांधी के लिए कुछ भी कर सकता हूं। अगर इंदिरा गांधी कहें तो मैं उनके घर में झाड़ू लगाने को भी तैयार हूं।”  जैल सिंह का ये बयान तब आया था जब उन्हें इंदिरा गांधी ने 1982 में उन्हें ‘राष्ट्रपति’ का उम्मीदवार घोषित किया था।

 शंकरसिंह वाघेला: गुजरात कांग्रेस के कद्दावर नेता और तत्कालीन कपड़ा मामलों के मंत्री शंकर सिंह वाघेला ने सोनिया की तुलना महात्मा गांधी से कर दिया था। बाघेला ने कहा था कि  “महात्मा गांधी के बाद भारतीय इतिहास में त्याग करने वाले लोगों में सोनिया गांधी का नाम आता है।” एक प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने कहा था कि “भारतीय राजनीति के इतिहास में सोनिया गांधी जैसा महान त्याग किसी और व्यक्ति ने नहीं किया।”

 इसी तरह से एक बार कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा था कि, सत्ता ज़हर है। उनके इस बयान के बाद पार्टी के चाटुकार कार्यकर्ताओं नें इलाहाबाद में हो रहे कुंभ मेले में एक पोस्टर लगाकर उसमें राहुल गांधी को ‘भोलेनाथ’ के रुप में दर्शाया था। पोस्टर में चाटुकारों ने लिखा था,

सत्ता में जहर है ठीक है 
और जो पीता है जहर 
वही नीलकंठ होता है 
उठा लो हलाहल और शंकर हो जा…

इतना ही नहीं, कार्यकर्ताओं ने पोस्टर में राहुल गांधी के गले को नीला और माथे पर तीसरी आंख दिखाई थी!

इस वीडियो के वायरल होने पर कांग्रेस की खूब आलोचना हुई थी। कुल मिलाकर कर देखें तो उन्हीं नेताओं को पार्टी में तवज्जों दी जाती है जो बेहतरीन चापलूसी करते हैं। इस पार्टी में इस तरह के नेताओं की लिस्ट काफी लंबी चौड़ी है। ऐसे में कांग्रेसी नेताओं के इतिहास को देखते हुए यह सवाल उठना स्वभाविक है कि दूसरी पार्टी के नेताओं को अंधभक्त कहने वाली कांग्रेस पार्टी अपने नेताओं को क्या कहेगी। 

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