नक्सलियों के पत्र में मिला कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह का मोबाइल नंबर

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PC: PTI

भीमा-कोरेगांव मामले में मिले पत्र ने पूरे देश में सनसनी फैला दी थी। इस पत्र में 1991 में हुए राजीव गांधी की हत्या की तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी जान से मारने की शाजिश रचे जाने की पुष्टि हुई थी। जिसके कारण पुलिस ने भीमा-कोरेगांव मामले में कई शहरों में ताबड़तोड़ छापेमारी करके लगभग 5 लोगों को गिरफ्तार किया था। इस गिरफ्तारी के बाद कांग्रेस समेत तमाम कथित लिबरल पार्टियां और वामपंथी संगठनों में खलबली मच गई थी। इस पत्र में एक से बढ़कर एक खुलासे हुए थे। पत्र से इस बात की पुष्टि हुई थी कि प्रदर्शन को कांग्रेस का समर्थन था और एक बार फिर से ये सबित हो गया है कि कांग्रेस पार्टी मुस्लिमों का समर्थन करती है क्योंकि नक्सलियों के पत्र में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह का नाम सामने आया है। ऐसे में सवाल ये भी उठता है कि नक्सली पीएम मोदी को मारने की योजना बना रहे हैं, इसकी जानकारी दिग्विजय सिंह को थी? खैर, अभी कुछ भी कहना उचित नहीं होगा क्योंकि जांच के बाद मामले की सच्चाई सभी के सामने होगी।

इस पत्र में कांग्रेस पार्टी के जाने-माने दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह का नाम आने से पूरे देश में कांग्रेस की किरकिरी हो रही है। वैसे नक्सलियों और देश तोड़ने वालों का साथ देने वालों का साथ देना कांग्रेस के लिए कोई नई बात नहीं है। इससे पहले भी कई बार कांग्रेस की ऐसी करतूतों को पर्दाफाश होता रहा है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय का नाम नक्सलियों के साथ कनेक्शन में आने के बाद मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि, “कांग्रेस के दिग्गज नेता के नक्सलवादियों से संबंध की खबर काफी चिंताजनक है। पहले भी वो गैर जिम्मेदारीपूर्ण बयान देते आए हैं और देशद्रोह के आरोप इन पर लगते रहे हैं। कांग्रेस को जल्द से जल्द इन पर कार्रवाई करते हुए इन्हें पार्टी से निष्कासित कर देना चाहिए। कांग्रेस और उनके नेताओं का असली चेहरा देश के सामने आ गया है। भारत तोड़ने की साजिश करने वालों के साथ सांठगांठ, इससे शर्मनाक बात क्या हो सकती है। एक परिवार को सत्ता दिलाने मात्र के लिए देश तोड़ने वालों का साथ देना सही नहीं है।“

माओवादियों के पास मिले पत्रों में दिग्विजय सिंह का नाम आने के बाद इस बात की अटकलें तेज हो गई हैं कि पुलिस जल्द ही उनसे पूछताछ कर सकती है। फिलहाल, सहायक पुलिस आयुक्त पुलिस सुहास बावचे ने पत्र के बारे में कोई भी जानकारी देने से मना कर दिया है। बावचे के मुताबिक पत्र अभी जांच के दायरे में है इसलिए अभी हम इसे सार्वजनिक नहीं कर सकते हैं। हालांकि पत्र में दिग्विजय सिंह का मोबाइल नंबर होने की पुष्टि हो चुकी है।

वैसे नक्सलियों से कांग्रेस का प्रेम कोई नई बात नहीं है। इससे पहले भी कई बार कांग्रेस ने खुले मंच से नक्सलियों के प्रति अपना लगाव जताया है। अभी हाल ही में उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राज बब्बर ने नक्सलियों को क्रांतिकारी बताया था। यूपी कांग्रेस अध्यक्ष राज बब्बर का ये बयान ऐसे समय में आया जब छत्तिसगढ़ में नक्सलियों द्वारा किए गए एक के बाद एक कई हमलों में सीआईएसएफ के कई जवान शहीद हो गए थे। नक्सली छत्तीसगढ़ में होने वाले चुनाव में बाधाएं पहुंचना चाहते थे। इस हमले में डीडी न्यूज के एक पत्रकार की भी मौत हो गई थी। जबकि कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रिय अध्यक्ष राहुल गांधी नक्सलियों पर किसी भी प्रकार की कार्रवाई के विरोध में अड़े रहते हैं। जानकारी के लिए बता दें, नक्सलियों के डर से छत्तीसगढ़ में आज भी स्कूली बच्चे या तो स्कूल नहीं जाना चाहते हैं या फिर जाते भी हैं तो समूह बनाकर जाते हैं। छत्तीसगढ़ और बिहार के कई जिलों में ग्रामीड़ नक्सलियों के आतंक से त्रस्त रहते हों। नक्सली उनसे महीना और हफ्ता वसूलते हैं और पुलिस से शिकायत करनने पर सपरिवार जान से मार देने की धमकी देते हैं।

 ऐसे में देश की सबसे पुरानी पार्टी का नक्सलियों से प्यार और उन्हें संरक्षण देने की वकालत, उन्हें क्रांतिकारी कहना, उनके खिलाफ सरकार के कदम का कड़ा विरोध करने के साथ कांग्रेस पार्टी का चेहरा माने जाने वाले नेताओं का नक्सलियों से जुड़ाव सोचने पर मजबूर करता है कि क्या सत्ता पाने के लिए कांग्रेस किसी भी हद तक चली जाएगी। सत्ता पाने के लिए क्या कांग्रेस देश की अखंडता से खेलने वालों का साथ देने को तैयार है!

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