मध्य प्रदेश के विधान चुनाव के लिए कांग्रेस ने 7 उम्मीदवारों की 6 वीं सूची जारी कर चुकी है। पार्टी ने मध्य प्रदेश की जतारा सीट को छोड़कर 229 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। इसके लिए कांग्रेस ने अपने सभी उम्मीदवारों के नाम की घोषणा भी कर दी है। सन्डे गार्डियन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस बार राज्य में कांग्रेस के प्रमुख कमल नाथ के समर्थकों को सबसे ज्यादा टिकट मिला है। भोपाल से कांग्रेस के एक नेता ने अपने बयान में कहा भी कि, ज्यादातर उम्मीदवार नाथ और कुछ हद तक दिग्विजय सिंह के समर्थकों टिकट मिला है। इससे स्पष्ट है कि यदि कांग्रेस चुनाव जीतती है तो अगला मुख्यमंत्री कौन होगा ? कमल नाथ इन दिनों मीडिया और राजनीतिक गलियारों में अपने बयानों की वजह से खूब चर्चा में हैं और माना जा रहा है कि वही कांग्रेस की तरफ से अगले सीएम होंगे। उनके अलावा ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम सीएम पद के लिए सामने आ रहा है।”
ये किसी से छुपा नहीं है कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस पार्टी तीन गुटों में बंटी हुई है- ज्योतिरादित्य सिंधिया, कमल नाथ और दिग्विजय सिंह। यद्यपि दिग्विजय सिंह को प्रदेश की राजनीति में दरकिनार कर दिया गया है ऐसे में यहां मुख्य तौर पर सीएम पद के लिए लड़ाई कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच है। खबरों की मानें तो दिग्विजय सिंह कमलनाथ के समर्थन में हैं। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने घोषणा भी की थी कि वो राज्य के सीएम उम्मीदवार नहीं होंगे लेकिन कमलनाथ को उनका समर्थन मिलना काफी महत्वपूर्ण है। दिग्विजय सिंह आज भी पार्टी के कार्यकर्ताओं में लोकप्रियता का आनंद उठाते हैं, उनकी लोकप्रियता का अंदाजा 6 महीने की लंबी नर्मदा यात्रा से भी लगाया जा सकता है।
दिग्विजय सिंह कमलनाथ के समर्थन में क्यों हैं? ज्योतिरादित्य सिंधिया राहुल के करीबी माने जाते हैं और वो युवा और कम अनुभव वाले नेता हैं ऐसे में दिग्विजय सिंह सिंधिया को मुख्यमंत्री बनाने के पक्ष में नहीं हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया के विपरीत कमल नाथ अनुभवी और अच्छे ट्रैक रिकार्ड्स वाले नेता हैं यही वजह है दिग्विजय सिंह नाथ के समर्थन में हैं। कमलनाथ में वो सभी गुण हैं जो एक अच्छे मुख्यमंत्री के पास होनी चाहिए। इसके अलावा जिस तरह से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने दिग्विजय सिंह पार्टी से दरकिनार किया वो उन्हें रास नहीं आया ऐसे में वो राहुल गांधी के करीबी को अपना समर्थन देने के मूड में बिलकुल नहीं हैं। ये किसी से छुपा नहीं है कि दिग्विजय सिंह पार्टी से नाराज चल रहे हैं। संजय सिंह मसानी के कांग्रेस में शामिल होने से भी वो खुश नहीं हैं। यही नहीं टिकट बंटवारे को लेकर भी दिग्विजय सिंह काफी नाराज हैं। मंदसौर में रैली के दौरान भी कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पार्टी के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह को अनदेखा कर दिया था जिससे दिग्विजय सिंह काफी आहत हुए थे।
जहां तक मध्य प्रदेश की बात है सिंधिया और कमलनाथ दोनों ही प्रदेश में कांग्रेस के मजबूत दावेदारों में से एक हैं लेकिन कहा जा रहा है कि सीएम पद के उम्मीदवार के लिए सिंधिया राहुल गांधी की पहली पसंद हैं।
हालांकि, कमल नाथ बड़े ही तल्ख अंदाज में शिवराज की वर्तमान सरकार पर हमले कर रहीं हैं यही नहीं उन्होंने राज्य में शिवराज के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार से 15 सालों के शासन में किये गये कामों को लेकर सवालों का सिलसिला भी शुरू कर दिया है। दरअसल उन्होंने अपने एक भाषण में कहा था कि वो रोज शिवराज सरकार से अगले 40 दिन में 40 सवाल पूछेंगे।
-सवाल नंबर एक –
"मामा और मंत्री मदमस्त – स्वाथ्य सेवाएं क्यों कर दीं ध्वस्त ?"
मोदी सरकार ही खड़ा कर रही है मामा सरकार की स्वास्थ्य सेवाओं की बिगड़ती तबियत पर सवाल :1)प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर डॉक्टर 1117 चाहिए – 817 पद खाली ।
1/5 pic.twitter.com/5wR9nB2IjI— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) October 20, 2018
कांग्रेस को लगता है वो प्रदेश में सत्ता विरोधी लहर को पैदा करने में सफल हो रही है और इसी नाव पर सवार होकर वो प्रदेश में जीत दर्ज करेगी। इस पुरानी पार्टी को यकीन है कि बीजेपी राज्य में बुरी तरह से हारने वाली है। यदि ऐसा होता है तो चुनाव में जीते हुए विधायक और नेता तय करेंगे कि वो किसी राज्य का सीएम बनाना चाहते हैं। खबर है कि अधिकतर पार्टी के सदस्य कमल नाथ को सीएम पद के उम्मीदवार के रूप में देखना चाहते हैं। जैसा कि संडे गार्डियन अपने एक आर्टिकल में दावा किया है कि इस बार कमल नाथ के समर्थकों को ज्यादा टिकट मिला है ऐसे में प्रदेश में कांग्रेस की जीत की स्थिति कमल नाथ अगले मुख्यमंत्री होंगे। ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा कि पार्टी के सदस्यों ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को भी किनारे कर दिया है जबकि सीएम की कुर्सी की लड़ाई में नाथ ने बाजी मार ली है।