मध्यप्रदेश में कांग्रेस की ओर से पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ मुख्यमंत्री उम्मीद्वार के रूप में उभर रहे हैं इसी के साथ वो आए दिन विवादित बयान भी सामने आ रहे हैं। उन्होंने अब प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों को ही धमकी दे डाली। उन्होंने आरोप लगाया कि, राज्य में कुछ सरकारी कर्मचारियों का भाजपा से गुप्त लगाव है। इसके बाद उन्होंने चेतावनी दी कि, उनकी पार्टी के सत्ता में आने पर इन लोगों को कोपभाजन बनने के लिए तैयार रहना चाहिए। वो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के विधानसभा क्षेत्र में अपनी पहली रैली को संबोधित कर रहे थे। उनका आरोप था कि, मध्यप्रदेश में कुछ सरकारी अधिकारी 15 साल से शासन कर रही भाजपा का समर्थन कर रहे हैं। रैली में उन्होंने कहा, “कमलनाथ की चक्की चलती है देर से, पर बहुत बारीक पीसती है।” उन्होंने आगे कहा, “याद रखना, 11 के बाद 12 (12 दिसंबर) भी आता है।” कमलनाथ का यह बयान पूरे मध्यप्रेदश के सरकारी कर्मचारियों के लिए सीधी धमकी है। लोकतंत्र में इस तरह की धमकियों का कोई स्थान नहीं है। संविधान से भारत के हर एक नागरिक को अपने विचार रखने की स्वतंत्रता मिली है। कमलनाथ का पार्टी के सत्ता में आने के बाद कोपभाजन बनने के लिए तैयार रहने की धमकी एक लोकतांत्रिक देश में कहीं से भी स्वीकार्य नहीं लगती। ये पहली बार नहीं है जब उन्होंने कोई विवादित बयान दिया हो। इससे पहले उन्होंने महिलाओं और संघ के बारे में भी विवादित बयान दिए हैं।
वैसे कमलनाथ का बयान हैरान भी नहीं करता है क्योंकि ये तो इस पुरानी पार्टी की परंपरा रही है जिसका निर्वाह पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भी बखूबी कर रहे हैं। हाल ही में कांग्रेस ने मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों के लिए जारी घोषणा पत्र किया था जिसमें आरएसएस की शाखाओं को बंद करने का वादा किया। इस पत्र के सामने आते ही ये राष्ट्रीय पार्टी विवादों में घिर गयी। चारों तरफ से सवाल उठने पर कांग्रेस ने बाद में अपने इस घोषणापत्र पर सफाई भी दी थी। वास्तव में ये कांग्रेस की आदत बन चुकी है। वो पहले कांग्रेस की गंदी राजनीति के उदाहरणों की फेहरिस्त बहुत लंबी है।
‘इनसे बाद में निपट लेंगे’
घोषणा पत्र जारी होने के बाद मध्यप्रदेश के कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष कमलनाथ का वीडियो भी सामने आया था जो काफी वायरल भी हुआ था। इस वीडियो में वो धार्मिक तुष्टिकरण के साथ ही वो निपटाने की बात कर रहे थे। इस वीडियो में एक बंद कमरा दिखाई दे रहा है जिसमें अधिकांश लोग मुस्लिम समुदाय के बैठे दिख रहे हैं। वीडियो में सामने बैठे कमलनाथ कह रहे हैं, “संघ में दो ही पाठ पढ़ाए जाते हैं। अगर हिंदू को वोट देना है तो सच्चे हिंदू शेर मोदी को वोट दो और अगर मुसलमान को वोट देना है तो कांग्रेस को वोट दो। वे आपको उलझाने की कोशिश करेंगे लेकिन आपको सतर्क रहना पड़ेगा। हम इनसे बाद में निपट लेंगे लेकिन मतदान के दिन तक आपको सब कुछ सहना पड़ेगा।” इस वीडियो ने भी साफ़ कर दिया है कि मध्यप्रदेश में सत्ता में आने के बाद कांग्रेस उन सभी से निपटने वाली है जो बीजेपी का समर्थन करते हैं।
सत्ता में आन एके लिए कांग्रेस हताश है और कमलनाथ सीएम बनने के लिए हाथ-पांव मार रहे हैं। यही वजह है कि जीत के लिए वो आपराधिक तत्वों तक को पार्टी में शामिल करने को तैयार हैं। इसका एक उदाहरण खुद कमलनाथ से जुड़ा एक कथित वीडियो है जिसमें वो कहते हुए नजर आ रहे हैं कि,” गुंडा, बदमाश, केस वाला, या ऐसा कोई भी चलेगा, मुझे जीतने वाला व्यक्ति चाहिए। इस वीडियो का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने भी कमलनाथ पर निशाना साधा था। हालांकि, कांग्रेस ने इस वीडियो को संपादित बताया और इसकी शिकायत भी की जिसके बाद चुनाव आयोग मामले की जांच कर रहा है। खैर, वीडियो का सच जांच के बाद समाने आ ही जायेगा लेकिन यहां सभी बयानों पर गौर करें तो इससे साफ़ पता चल रहा है कि 15 सालों से प्रदेश की सत्ता से दूर रही कांग्रेस इस बार जीत के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है। इसके साथ प्रदेश में कमलनाथ के बयानों के गिरते स्तर के साथ पार्टी की छवि पर भी इसका बुरा प्रभाव पड़ने वाला है और आगामी विधान सभा चुनाव में इसके नतीजे भी सामने होंगे।