मोदी के लिए मनमोहन सिंह का यह बयान कांग्रेस नेताओं की घटिया बयानबाजी का अप्रत्यक्ष समर्थन

मनमोहन सिंह नरेंद्र मोदी कांग्रेस

PC: Hindustan

राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में चुनावी सरगर्मियां चरम पर हैं और आए दिन नेताओं की घटिया बयानबाजी सामने आ रही है। चुनावी रैलियों में नेता व्यक्तिगत हमलों से भी नहीं चूक रहे। कमलनाथ, नवजोत सिंह सिद्दू, विलासराव मुत्तेमवार, सीपी जोशी और राज बब्बर इस घटिया बयानबाजी में सबसे आगे हैं। खास बात ये है कि, ये सभी वरिष्ठ कांग्रेसी नेता हैं। कांग्रेस के पूर्व केंद्रीय मंत्री विलासराव मुत्तेमवार ने तो हाल ही में पीएम नरेंद्र मोदी के पिता को लेकर बेहद घटिया शब्द बोले थे। इसी बीच पूर्व प्रधानमंत्री और कांग्रेसी नेता मनमोहन सिंह ने पीएम नरेंद्र मोदी को संयम बरतने की सलाह दी है। पूर्व प्रधानमंत्री और कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता मनमोहन सिंह का अपनी पार्टी के नेताओं को नसीहत देने की बजाय नरेंद्र मोदी को सयंम बरतने की सलाह देना चौंकाता है। ये सिंह की मंशा पर भी सवाल खड़े करता है। ऐसा लगता है कि मनमोहन सिंह उनकी पार्टी के नेताओं की घटिया बयानबाजी का अप्रत्यक्ष समर्थन कर रहै हैं और चुनावी समय में पीएम नरेंद्र मोदी पर हमला कर पार्टी को फायदा पहुंचाने में लगे हैं।

मनमोहन सिंह सोमवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी की पुस्तक ‘फेबल्स ऑफ फ्रैक्चर्ड’ टाइम्स के विमोचन के लिए पहुंचे थे। यहां उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री को मेरी सलाह है कि उन्हें संयम बरतते हुए प्रधानमंत्री पद की गरिमा बरकरार रखनी चाहिए।” साथ ही सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कहा कि, उन्हें गैर बीजेपी शासित राज्यों के दौरे के दौरान संयम बरतना चाहिए और प्रधानमंत्री पद की गरिमा बरकरार रखनी चाहिए। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री जब उन राज्यों में जाते हैं, जहां बीजेपी का शासन नहीं है तो ये उनका दायित्व होता है कि, वो उस तरह की भाषा का इस्तेमाल न करें, जिसका अब आमतौर पर धडल्ले से इस्तेमाल किया जा रहा है।” मनमोहन सिंह ऐसे बयान देकर अरअसल चुनावी समय में पीएम मोदी पर हमले करके अपनी पार्टी को फायदा पहुंचाना चाहते हैं।

वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं की घटिया बयानबाजी का अप्रत्यक्ष समर्थन

बता दें कि, विधानसभा चुनावों में सबसे ज्यादा वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं की ओर से लगातार घटिया बयानबाजी हो रही है। यही नहीं वो प्रधानमंत्री पद की गरिमा को भी लगातारा ठेस पहुंचा रहे हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेसी नेता विलासराव मुत्तेमवार ने शनिवार को राजस्थान में कांग्रेस की एक जनसभा के दौरान पीएम के पिता के बारे में बेहद घटिया शब्द कहे थे। उन्होंने कहा, “आपके प्रधानमंत्री बनने से पहले आपको जानता कौन था? अब भी आपके पिता का नाम कोई नहीं जानता, लेकिन हर कोई कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के पिता का नाम जानता है।” इससे पहले कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सीपी जोशी ने प्रधानमंत्री मोदी और उमा भारती के बारे में जाति सूचक टिप्पणी की थी। उसके बाद कांग्रेसी सांसद राज बब्बर ने पीएम मोदी की मां पर निजी हमले किए। उन्होंने अमेरिकी डॉलर के मुकाबले अंतरराष्ट्रीय बाजार में गिरते रुपए से पीएम नरेंद्र मोदी की मां हीराबेन मोदी की उम्र करा दी थी। वहीं मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ की एक के बाद एक तुष्टिकरण की घटिया राजनीति के वीडियो सामने आ रहे हैं। वो आए दिन हिंदू-मुसलमान की राजनीति करते दिख जाते हैं। कांग्रेस के इन वरिष्ठ नेताओं पर पार्टी की कोई नकेल नहीं है। पार्टी हाइकमान द्वारा भी इन्हें घटिया बयानबाजी की जैसे छूट दी गई है। ऐसे में मनमोहन सिहं जैसे नेताओं को इन्हें नसीहत देनी चाहिए थी कि, वे कम से कम पीएम के परिवार को तो घटिया राजनीति में नहीं घसीटें लेकिन वो इसके विपरीत पीएम मोदी को ही संयम बरतने की सलाह दे रहे हैं। इससे अप्रत्यक्ष रूप से वो इन वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं की घटिया बोल का समर्थन कर रहे हैं।

कांग्रेस अपना जनाधार कमजोर होते महसूस कर रही- सिंह

सोमवार को मनमोहन सिंह से जब कांग्रेस पार्टी के कम होते जनाधार पर सवाल किया गया तो उन्होंने इसे स्वीकार किया। उन्होंने कहा कि, “कांग्रेस ये महसूस कर रही है और समस्याओं का सामना भी कर रही है।“ वहीं उन्होंने आरोप लगाया कि, साल 2014 के चुनाव के समय यह भ्रम फैलाया गया कि संप्रग सरकार के समय में कथित तौर पर भ्रष्टाचार हुआ है। जबकि हकीकत ये है कि, मनमोहन सिंह के कार्यकाल में धड़ल्ले से भष्टाचार के मामले सामने आए थे और इनकी पुष्टी भी हुई थी। वहीं पीएम नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में कांग्रेस राफेल खरीद में भ्रष्टाचार की बात कह रही है और इसे घोटाले का नाम देने का प्रयास कर रही है। हालांकि, कांग्रेस के दावें हर बार झूठे साबित हुए हैं ऐसे में मनमोहन सिंह का बयान उल्टा ही पड़ जाता है क्योंकि काग्रेस ही राफेल मामले में भ्रष्टाचार का भ्रम फैला रही है।

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