मुख्यमंत्री वसुंधरा के खिलाफ मानवेंद्र सिंह को टिकट दे कांग्रेस ने उन्हें बना दिया बली का बकरा

मानवेंद्र सिंह वसुंधरा राजस्थान

PC: Janprahari.com

कांग्रेस की ओर से शनिवार को राजस्थान में प्रत्याशियों की दूसरी सूची जारी की गई। इस सूची में एक नाम सबको चौंका रहा है। हाल ही में भाजपा से कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह के बेटे मानवेंद्र सिंह को कांग्रेस ने झालावाड़ की झालरापाटन सीट से टिकट दिया है। बता दें कि, इस सीट पर लंबे समय से बीजेपी की ओर से वसुंधरा राजे चुनाव लड़ती और जीतती रही हैं। झालावाड़ मुख्यमंत्री राजे का गृह क्षेत्र भी है। ऐसे में कांग्रेस द्वारा मानवेंद्र  को राजे के खिलाफ चुनाव में खड़ा करना उन्हें बली का बकरा बनाने जैसा ही प्रतीत हो रहा है। इससे पहले कांग्रेस की 152 सीटों की पहली लिस्ट में मानवेंद्र  सिंह का नाम नहीं था तब कयास लग रहे थे कि, उन्हें बाड़मेर से टिकट क्यों नहीं मिला। इससे पहले भाजपा से नाराज मानवेंद्र  ने मीडिया में कहा था कि उनके पिता को वसुंधरा सरकार ने सिर्फ इस्तेमाल किया और लोकसभा चुनावों में बाड़मेर से टिकट नहीं दिया। लोकसभा चुनाव 2014 में हुए थे लेकिन मानवेंद्र को इसकी याद 2019 लोकसभा चुनाव से पहले आई। मानवेंद्र  ने जब कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की उपस्थिति में कांग्रेस पार्टी ज्वाइन की थी तब कयास लगाए जा रहे थे कि उन्हें कांग्रेस बाड़मेर से टिकट देगी। अब कांग्रेस द्वारा मानवेंद्र  को राजे के गृह क्षेत्र में टिकट देना मानवेंद्र  के लिए हारा हुआ गेम ही दिख रहा हैं। क्योंकि झालरापाटन में वर्षों से राजे के परंपरागत वोटर्स हैं जिन्हें अपनी ओर करना मानवेंद्र  के बहुत बड़ी चुनौती ही होगी।

पिता की विरासत को ठुकराकर मानवेंद्र  ने मारी है पैरों पर कुल्हाड़ी

मानवेंद्र  सिंह ने मंत्री पद नहीं मिलने से नाराज होकर भाजपा से इस्तीफा दिया लेकिन यह उनके लिए पैरों पर कुल्डाड़ी मारने जैसा ही लग रहा है। राज्य की सत्ता में हिस्सेदारी नहीं मिलने की नाराजगी का गान और ‘कमल का फूल मेरी भूल’ के नारे के साथ उन्होंने राहुल गांधी के सामने अपने पिता की राजनीतिक विरासत का आत्मसमर्पण कर दिया था। कांग्रेस भी उन्हें पाकर जैसे धन्य हो गई थी और राजपूत वोट पर अपना दावा मजबूत करने में जुट गयी थी। लेकिन राजपूत वोटों की बात करें तो वसुंधरा राजे से बड़ा चेहरा राजस्थान में अभी कोई नजर नहीं आ रहा। मानवेंद्र  सिंह के कांग्रेस में शामिल होने से ना तो कांग्रेस और ना ही खुद मानवेंद्र  को फायदा होता दिख रहा है। मानवेंद्र सिंह के शामिल होने से कांग्रेस को लेकर जाटों में नाराजगी बढ़ रही है। 2013 राजस्थान विधानसभा चुनाव में मानवेंद्र सिंह को बीजेपी ने अपना प्रत्याशी बनाया था। चुनाव जीतने के बाद वसुंधरा सरकार ने उन्हें कोई मंत्री पद नहीं दिया क्योंकि मानवेंद्र पहली बार विधायक बने थे। राजनीतिक मलाई का स्वाद नहीं चखने के कारण मान्वेन्द्र कांग्रेस में शामिल हो

 

Exit mobile version