मानवेंद्र ने वसुंधरा को बताया बाहरी, ये सोनिया गांधी पर अप्रत्यक्ष हमला है

मानवेंद्र सिंह और वसुंधरा राजे सोनिया

PC: Jansatta

राजस्थान विधानसभा चुनाव में सियासी पारा गरमाया हुआ है। अपने पिता जसवंत सिंह की विरासत को छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए मानवेंद्र सिंह को कांग्रेस ने वसुंधरा राजे के गृह क्षेत्र झालरापाटन से टिकट दे बली का बकरा बना दिया है। अब मानवेंद्र मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के खिलाफ ताल ठोक रहे हैं। उन्होंने राजे पर सीधा हमला बोलते हुए कहा है कि, वो बाहरी हैं और शादी के बाद राजस्थानी हुई हैं। मानवेंद्र सिंह ने कहा,”वसुंधरा राजे झालरापाटन से संबंध नहीं रखती हैं। वो  शादी के बाद राजस्थानी हुई हैं। उनका जन्म कहीं ओर हुआ है। ये सही है कि, वो सालों से यहां हैं लेकिन में उनकी तुलना में कहीं ज्यादा राजस्थानी हूं।“ वसुंधरा राजे पर सीधे व्यक्तिगत हमला करके मानवेंद्र सिंह ने बता दिया है कि, वो कांग्रेस की ओर से झालरापाटन सीट पर मैदान में डटे हुए हैं। कांग्रेस पार्टी ने तो उन्हें बाड़मेर से टिकट नहीं दिया पर अब वो मुख्यमंत्री के विरोध में चुनाव लड़ते हुए बयानबाजी के सहारे मीडिया में बने रहना चाहते हैं।   

मानवेंद्र का यह हमला अप्रत्यक्ष रूप से सोनिया गांधी पर है

देखा जाए तो, वसुंधरा राजे के लिए बाहरी होने की बात कहके अब मानवेंद्र ने बीजेपी के लिए सोनिया गांधी को घेरने का मौका दे दिया है। मानवेंद्र सिंह द्वारा दिये गए बाहरी होने के तर्क की बात करें तो, इससे सोनिया गांधी सबसे पहले कटघड़े में खड़ी होती हैं। गौरतलब हैं कि कांग्रेस पार्टी की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी इटली से हैं। सोनिया गांधी के बाहरी देश से होने के बावजूद उन्हें कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने पर पार्टी में बहुत विवाद हुआ था। कांग्रेस पार्टी के ही बहुत से नेताओं ने इस पर आपत्ती भी जताई थी। इससे स्पष्ट है कि, किसी कांग्रेसी नेता द्वारा दूसरी पार्टी के किसी नेता को बाहरी बताने से ऊंगली कांग्रेस की तरफ ही पहले उठती है।  गौर हो कि, महाराष्ट्र के नेता शरद पवार ने कांग्रेस अध्यक्ष न बन पाने की कसक और राजनीतिक महत्वकांक्षाएं पूरी न होने की वजह से सोनिया गांधी के खिलाफ विद्रोह किया था और अपनी अलग राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) बनाई थी। शरद पवार को सोनिया का अध्यक्ष बनना बिलकुल रास नहीं आया था क्योंकि वो ‘इटली मूल’ से थीं। ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा कि मानवेंद्र सिंह का ये दांव उल्टा पड़ गया है।

चुनाव में अपने आप को बनाए रखने की है कोशिश

कांग्रेस में शामिल होने से पहले भाजपा से नाराज मानवेंद्र सिंह ने मीडिया में कहा था कि, उनके पिता को वसुंधरा सरकार ने सिर्फ इस्तेमाल किया और लोकसभा चुनावों में बाड़मेर से टिकट नहीं दिया। लोकसभा चुनाव 2014 में हुए थे लेकिन मानवेंद्र को इसकी याद 2019 लोकसभा चुनाव से पहले आई। उन्होंने जब कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की उपस्थिति में कांग्रेस पार्टी ज्वाइन की थी तब कयास लगाए जा रहे थे कि उन्हें कांग्रेस बाड़मेर से टिकट देगी। अब कांग्रेस द्वारा मानवेंद्र  को राजे के गृह क्षेत्र में टिकट देना मानवेंद्र के लिए हारा हुआ गेम ही दिख रहा हैं। क्योंकि झालरापाटन में वर्षों से राजे के परंपरागत वोटर्स हैं, जिन्हें अपनी ओर करना मानवेंद्र के बहुत बड़ी चुनौती ही होगी। ऐसे में वे अब सीधे हमले और व्यक्तिगत बयानबाजी के माध्यम से अपने आपको इस चुनाव में बनाए रखने की कोशिश कर रहे हैं।

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