वैसे तो नवजोत सिंह सिद्धू मंच पर बड़ी-बड़ी और चिकनी-चुपड़ी बातें करने के लिए जाने जाते हैं। बड़े-बड़े आकर्षक शायरियां सुनाकर खुद को बड़े दिल वाला सिद्ध करने पर तुले रहते हैं लेकिन, मध्यप्रदेश में चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने अपने एक प्रशंसक और कांग्रेसी कार्यकर्ता के साथ जो बर्ताव किया वो बेहद शर्मनाक था। मध्यप्रदेश में चुनाव प्रचार के दौरान उनका एक प्रशंसक और कांग्रेसी कार्यकर्ता उनके साथ सेल्फी लेने का साहस जुटाने की भूल कर बैठा लेकिन ये बात सिद्धू को रास नहीं आई। इसपर तमतमाए सिद्धू ने उस कार्यकर्ता बेचारे को सभी के सामने ही मंच से धक्का दे दिया।
दरअसल क्रिकेटर से राजनीति में आए नवजोत सिंह सिद्धू पंजाब की कांग्रेस सरकार में मंत्री हैं। इस बार विधानसभा चुनावों में उन्हें स्टार प्रचारक की भूमिका दी गई है। स्टार प्रचारक बनने के बाद उन्होंने छत्तीसगढ़ में रैली की और अब वो मध्य प्रदेश में रैलियां कर रहे हैं। रैलियों के इसी क्रम में वो शनिवार को भिंड जिले के गोहद विधानसभा में एक जनसभा कर रहे थे। इसी दौरान एक कांग्रेस समर्थक गलती से उनके पास सेल्फी लेने के लिए पहुंच गया। सिद्धू एक-दो सेकंड तो उसे देखते रह गए। फिर उसे दोनों हाथ से धक्का देकर भगा दिए। ये घटना कैमरे में कैद हो गई।
जरूर नवजोत सिंह सिद्धू को एक आम कार्यकर्ता के साथ सेल्फी लेने में अपनी छवि खराब का खतरा नजर आया होगा क्योंकि नवजोत सिंह सिद्धू तो पाकिस्तान के प्रधानमंत्री और सेनाध्यक्ष के साथ गलबहिंया करते हैं। वो बड़े-बड़े मंच से राहुल गांधी, सोनिया गांधी और मनमोहन सिंह के अति तारीफों के पुल बांधते हैं। यही नहीं कई बार तो इशारों ही इशारों में कांग्रेस हिग कमान को अपने लिए भगवान तक बताया है। कई बार तो वो चाटुकारिता की हद एकदम से पार कर देते हैं। ऐसा लगता है कि जरूर सिद्धू को ये बात नागवार गुजरी होगी कि मेरे जैसे इतने बड़े नेता से एक आम मतदाता आकर सेल्फी ले रहा है। इसकी हिम्मत कैसे हुई।
शायद सिद्धू को ये नहीं पता है कि अपनी जिस राजनीति को चमकाने के लिए वो पाकिस्तान के सेनाध्यक्ष से गले मिलकर आ रहे हैं, राहुल और सोनिया की चाटुकारिता करते नहीं थक रहे हैं, वो राजनीति आम मतदातोओं के समर्थन के बिना नहीं चमक सकती। उन्हें शायद ये नहीं पता है कि अगर आप आम मतदाता या नागरिकों को इस तरह से अपमानित करते हैं तो सोनिया, राहुल और पूर्व पीएम मनमोहन सिंह की चाटुकारिता करने से आपको कोई फायदा नहीं होने वाला है।
बता दें कि, इससे पहले भी सिद्धू कई बार विवादों में रहे हैं। राज्यों में चल रहे विधानसभा चुनाव के संदर्भ में पार्टी आलाकमान द्वारा सभी को मना किया गया था कि कोई भी नेता चुनाव तक किसी भी नेता का नाम मुख्यमंत्री पद के लिए प्रस्तावित नहीं करेगा। लेकिन सिद्धू ने आलाकमान के उस आदेश को भी ठेंगा दिखाया था। हद तो तब हो गई जब वह छत्तीसगढ़ में लगातार दो रैलियों में दो नेतओं को सीएम पद का उम्मीदवार बताकर जनता को गुमराह करने लगे। लेकिन ये सारी बातें वीडियो में रिकॉर्ड हो चुकी थीं। वहां भी उनके झूठ और ढोंग का पर्दाफाश हो गया।
इससे पहले पंजाब के अमृतसर में हुए भयावह और दर्दनाक ट्रेन दुर्घटना के में मारे गए लोगों को भड़काने का भी वीडियो वायरल हुआ था। वीडियो में सिद्धू घायलों और मृतकों के परिजनों को भड़काने के लिए कह रहे थे कि ट्रेन बिना हॉर्न दिए ही लोगों को कुचलते चली गई। जबकि इससे पहले वो देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर भी विवादित बयान दे चुके हैं।
आपको बता दें, ये पहली बार नहीं है जब सिद्धू को पद और सत्ता भोगने की अतिमहत्वाकांक्षा में आम जनता और जनभावना को कुचलते हुए देखा गया है। पाकिस्तान के नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह में पहुंच सिद्धू ने पाकिस्तान के सेनाध्यक्ष को गले लगा लिया था। उस समय सिद्दू ने इस बात का भी ख्याल नहीं किया कि ये सेनाध्यक्ष उसी देश का सेनाध्यक्ष है, जिसके इशारे पर काम करने वाले आतंकियों की चोरी छिपे की गई हरकत पर हर साल भारत के ढेरों जवान शहीद होते हैं। कितने घरों के चिराग बुझ जाते हैं। कितनी माताएं अपने लाल खो देती हैं। कितनी मांगें सूनी हो जाती हैं। कितनी बच्चे अपना पिता खो देते हैं। इसके बावजूद नवजोत सिंह सिद्धू को अपने किए पर कोई भी पछतावा नहीं था।
अब जबकि कांग्रेस एक के बात एक राज्यों में हार रही हैं, जनता का समर्थन मिल नहीं रहा है। रैलियों में भीड़ दिख नहीं रही है। ऐसे में कांग्रेस को जनता के बीच बैठी नाराजगी को दूर करने को कौन कहे, उल्टे सिद्धू जैसे नेता बड़ी जिम्मेदारियां पा कर उसी आम जनता को धक्के मारकर दूर कर रहे हैं। ऐसे में अब भगवान ही जानें कि कांग्रेस की लुटिया कहां-कहां डूबेगी। कांग्रेस का क्या होगा!