कांग्रेस पार्टी सत्ता में आने के लिए हताश है और अब वो निम्न स्तर की राजनीति कर रही है। इस बार ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगते हुए कहा है कि इस पुरानी पार्टी ने उनके समक्ष 25 लाख रुपए की पेशकश की थी। इससे साफ़ है कि इस पेशकश के साथ कांग्रेस असदुद्दीन ओवैसी को खरीदने की कोशिश कर रही थी।
I appeal all parties opposing BJP to join us. We want to create an anti-BJP platform. We want to have one meeting in Delhi. We'll discuss issues & then chalk out a programme & take the issues forward.That's the agenda.Meeting's tentative date is 22nd Nov:Chandrababu Naidu.(10.11) pic.twitter.com/pwZLgk6YVT
— ANI (@ANI) November 11, 2018
दरअसल, तेलंगाना में विधानसभा की 119 सीटों के लिए सात दिसंबर को मतदान होना है। मतदाताओं को लुभाने के लिए सभी राजनीतिक पार्टियां पुरजोर कोशिश कर रही हैं। इस बीच सभी पार्टी के नेताओं के बीच एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी जारी है। अब एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि कांग्रेस उन्हें खरीदने की कोशिश कर रही है। उन्होंने अपने बयान में कहा, “कांग्रेस ने मुझे यहां (आदिलाबाद जिले के निर्मल विधानसभा क्षेत्र) रैली रद्द करने के लिए 25 लाख रुपये की पेशकश की थी। इससे ज्यादा उनके अहंकार का सबूत और क्या होगा।“ ओवैसी यही नहीं रुके उन्होंने आगे कहा कि, “मैं वो नहीं हूं जिसे खरीदा जा सकता है।“
असदुद्दीन ओवैसी के इस बयान कांग्रेस पार्टी के ढोंग और गंदी राजनीति को सामने रखा है। देश की सबसे पुरानी पार्टी ने हेमशा ही अपने फायदे के लिए काम किया है और इस बार भी अपने फायदे के लिए एआईएमआईएम के प्रमुख को रैली न करने के लिए पैसे का लोभ दे रही थी। हालांकि, एआईएमआईएम के प्रमुख ने पैसे न लेते हुए कांग्रेस पार्टी के अहंकार का पर्दाफाश कर दिया और इससे इस पुरानी पार्टी की गंदी राजनीति का भी खुलासा हुआ है। इससे पहले असदुद्दीन ओवैसी ने बीजेपी विरोधी कांग्रेस- टीडीप गठबंधन के साथ जुड़ने से सिर्फ मना ही नहीं किया था बल्कि इस गंठबंधन पर तंज भी कसते हुए TDP नेता चंद्रबाबू नायडू और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की जोड़ी को लेकर जमकर हमला बोला था। उन्होंने कहा था कि “अब अचानक चंद्रबाबू नायडू भी मैदान में कूद गए हैं। राहुल गांधी को लगा कि वो अकेले मुकाबला नहीं कर सकते तो इसलिए चंद्रबाबू नायडू को भी साथ ले लेते हैं। अजीबो-गरीब मामला हैं, इन दोनों में अचानक निकाह हो गया।“
This is not Mahakutumbi (alliance of Congress-TDP and others), this is 2018’s East India Company. I’ll tell you why. Telangana was formed. Now will decisions of Telangana be made by Naidu who sits in Vijayawada? By Nagpur based RSS ? By Congress in Delhi?: Asaduddin Owaisi, AIMIM pic.twitter.com/cG37i6Kjr3
— ANI (@ANI) November 5, 2018
असदुद्दीन ओवैसी कांग्रेस- टीडीप गठबंधन जबरदस्त हमला करते हुए अपने एक बयान में कहा था, “ये(कांग्रेस-टीडीपी और अन्य का गठबंधन) महाकुटुंबी नहीं है, ये ईस्ट इंडिया कंपनी है। मैं आपको बताता हूं ऐसा क्यों है। तेलंगाना का गठन हुआ था। क्या अब तेलंगाना के भविष्य का फैसला चंद्रबाबू नायडू विजयवाडा़ में बैठकर करेंगे? दिल्ली में बैठी कांग्रेस करेगी।“ असदुद्दीन ओवैसी ने सीधे ही कांग्रेस-टीडीपी गठबंधन की तुलना ईस्ट इंडिया कंपनी से कर दी थी।
तेलंगाना में विधान सभा चुनाव की तारीख नजदीक है ऐसे में कांग्रेस पार्टी नेताओं को पैसों का लोभ देने का काम करती है और ओवैसी का बयान इसका प्रमाण है।
गौरतलब है कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू बीजेपी से अलग होने के बाद से गैर-भाजपा दलों को एकजुट कर महागठबंधन तैयार करने के भरपूर प्रयास कर रहे हैं। उनकी पार्टी कांग्रेस के साथ तो पहले ही राज्य में गठबंधन कर चुकी है और अब 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को हराने के लिए गैर-भाजपा दलों के प्रमुखों से मुलाकात कर रहे हैं।
राहुल गांधी लगातार बीजेपी-विरोधी लहर को हवा देने का प्रयास कर रहे हैं लेकिन असदुद्दीन ओवैसी के कांग्रेस के पैसे देने की पेशकश को लेकर खुलासे ने राहुल गांधी के किये कराये पर जरुर पानी फेर दिया है।