पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक पार्टियां कमर कस चुकी हैं क्योंकि ये लड़ाई अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव की नींव रखेगा। हालांकि, यहां सबसे दिलचस्प लड़ाई कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और पीएम मोदी के बीच देखने को मिल रही है। राहुल गांधी तीखे अंदाज में पीएम मोदी पर हमले कर रहे हैं लेकिन हर बार की तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जवाब राहुल गांधी पर भारी पड़ रहा है। जैसा नजारा मानसून सत्र में अविश्वास प्रस्ताव के दौरान देखने को मिला था वैसा ही कुछ इन दिनों छत्तीसगढ़ में देखने को मिला। पीएम मोदी छत्तीसगढ़ के बिलासपुर से लेकर शाम को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी पहुंचे। जब 12 नवंबर को छत्तीसगढ़ में पहले चरण का मतदान चल रहा था तब पीएम मोदी रैलियों में पसीना बहा रहे थे ताबड़तोड़ रैलियां कर रहे थे।
छत्तीसगढ़ में अपनी पार्टी के चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पीएम नरेंद्र मोदी को नोटबंदी, भ्रष्टाचार, काले धन पर घेरने की पुरजोर कोशिश की लेकिन जब पीएम मोदी ने बोलना शुरू किया गांधी वंशज के बोल फीके नजर आये। नोटबंदी के दो साल पूरे हो चुके हैं और अब गांधी वंशज ने पीएम नरेंद्र मोदी पर हमला करने के लिए इसी को अपना चुनावी हथियार बनाया। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को छत्तीसगढ़ के कांकेर और राजनांदगांव में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, “मैं चैलेंज देता हूं पीएम मोदी को कि आप छत्तीसगढ़ के चुनाव में मंच से बोल दो, बोल दो कि नोटबंदी का काम मैंने किया और अच्छा काम किया, बोल के दिखा दो, मजाक उड़ाएगी जनता और आपको मंच से भगा देगी।” राहुल गांधी यही नहीं रुके उन्होंने आगे कहा, “कालाधन वापस लाने के नाम पर पीएम नरेंद्र मोदी ने जनता को बेवकूफ बनाया।” गांधी वंशज ने आगे कहा कि, “पीएम मोदी कहते हैं कि काले धन के खिलाफ लड़ाई है लेकिन ये सच्चाई है कि सभी चोरों ने नरेंद्र मोदी की मदद से अपने काले धन को सफेद में बदल दिया है।” इसके बाद राफेल हो या भगोड़े विजय माल्या का मामला सभी को लेकर उन्होंने हमले किये और इसमें कोई शक नहीं है कि अपने भाषण में एक बार फिर से उन्होंने झूठे दावें किये। इसके बाद पीएम मोदी ने जो कहा उससे एक बार फिर से राहुल के दावों की धज्जियां उड़ गयी। पीएम नरेंद्र मोदी ने जो बात छत्तीसगढ़ के जगदलपुर की रैली में नहीं कहा वो उन्होंने बिलासपुर में कहा और सभी मुद्दों को बड़ी ही ख़ूबसूरती से समेटा। उन्होंने अपने भाषण में नोटबंदी, नक्सलवाद, विकास और कांग्रेस के घोषणा पत्र का जिक्र किया।
पीएम मोदी ने नोटबंदी पर गांधी वंशज और कांग्रेस पार्टी की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी पर पलटवार करते हुए कहा, “जो रुपयों की हेरा-फेरी (नेशनल हेराल्ड) में जमानत पर जी रहे हैं और वो नोटबंदी का हिसाब मांग रहे हैं। जो जमानत पर हैं, वे ईमानदारी के प्रमाणपत्र बांट रहे हैं।” उन्होंने आगे कहा, ये नोटबंदी का ही प्रभाव है कि जिसने बिचौलियों को बाहर निकाला जो जनता के पैसों में हेरा-फेरी करते थे, नोटबंदी का ही प्रभाव है कि फर्जी कंपनियां पकड़ी गयीं।” पीएम नरेंद्र मोदी यही नहीं रुके उन्होंने आगे कहा, “आपके पिताजी जो कहते थे कि दिल्ली से एक रुपया निकलता है 15 पैसा पहुंचता है, ये कौनसा पंजा था जो 85 पैसा मार लेता था, नोटबंदी ने उन 85 पैसों को बाहर निकाला है जो उनके पिताजी कहके गये थे उन लोगों को बाहर निकाला है।”
हमेशा की तरह ही पीएम मोदी वार-पलटवार के खेल में कांग्रेस अध्यक्ष पर भारी पड़े और कांग्रेस को पानी-पानी होना पड़ा। पीएम नरेंद्र मोदी ने राहुल गांधी के चैलेंज को स्वीकार किया और नोटबंदी पर बोले और खूब बोले और जनता की प्रतिक्रिया भी सकारात्मक रही। इससे स्पष्ट है कि जिस रोष और गुस्से की बात कांग्रेस अध्यक्ष कर रहे थे वास्तव में वो है ही नहीं। खैर, कभी झूठ को लेकर तो कभी भ्रष्टाचार तो कभी अपने ही नेताओं की वजह से कांग्रेस को शर्मनाक की स्थिति का सामना करना पड़ा है। वास्तव में पीएम मोदी ने देश और अतर्राष्ट्रीय दोनों ही स्तर पर देश की छवि को सुधारने का काम किया है यही वजह है कि उन्होंने जो कहा है तथ्यों और साक्ष्यों के साथ कहा और डंके की चोट पर कहा है। चाहे वो राफेल हो, नोटबंदी हो या हो जीएसटी या हो विकास का मुद्दा वो हर मुद्दे पर खरे उतरे हैं। यहां तक कि उनके नेतृत्व में देश में आर्थिक और सामाजिक स्तर पर विकास में गति देखी गयी है वो पहले कभी नहीं हुई।