राजस्थान की 16 मुस्लिम बाहुल्य सीटों पर कांग्रेस मुश्किल में, यहां बीजेपी को इस तरह हो रहा सीधा फायदा

राजस्थान कांग्रेस निर्दलीय

PC: Jansatta

राजस्थान विधानसभा चुनावों में मुस्लिम बाहुल्य वाली सीटें कांग्रेस के लिए मुसीबत बनी हुई हैं। राजस्थान में 16 विधानसभा सीटें ऐसी हैं, जो मुस्लिम बाहुल्य हैं। कांग्रेस इन सीटों पर अमूमन मुस्लिम उम्मीद्वार ही खड़ा करती हैं। आमतौर पर मुस्लिम समाज कांग्रेस पार्टी का वोटबैंक माना जाता है। कांग्रेस पार्टी ने इस बार भी टोंक के अलावा मुस्लिम बाहुल्य वाली 15 सीटों पर मुस्लिम प्रत्याशियों को टिकट दिया है। कांग्रेस के लिए मुसीबत यह है कि, इन 15 सीटों पर निर्दलीय मुस्लिम उम्मीद्वारों की फौज दिखाई पड़ रही है जो कि, उसके वोट बैंक को काटने में लगे हैं। प्रदेश की मुस्लिम बाहुल्य सीटों पर 380 से अधिक प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल किया है जिसमें से 125 सिर्फ मुस्लिम प्रत्याशी हैं।

राजधानी जयपुर की बात करें तो सिर्फ किशनपोल और आदर्शनगर सीट पर ही करीब 70 मुस्लिम प्रत्याशी मैदान में हैं। किशनपोल विधानसभा सीट पर कुल 71 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं, जिनमें से 35 मुस्लिम प्रत्याशी हैं। दरअसल, किशनपोल सीट से पिछले चुनाव में बीजेपी के अशोक परनामी ने जीत का परचम लहराया था। अशोक ने करीब तीन हजार से अधिक वोटों के अंतर से जीत दर्ज की थी। खास बात है कि, उस समय यहां सिर्फ 18 ही मुस्लिम निर्दलीय प्रत्याशी थे जबकि इस बार 35 मुस्लिम प्रत्याशी हैं जो कांग्रेस के लिए मुसीबत बने हुए हैं। वहीं, आदर्श नगर सीट पर कुल 66 प्रत्याशियों में से 35 मुस्लिम हैं। ये दोनों ही सीटें मुस्लिम बाहुल्य सीटें हैं। मतलब यह कि, इन सीटों पर कांग्रेस के मुस्लिम वोट बैंक को काटने के लिए निर्दलीय मुस्लिम उम्मीद्वार ही सामने खड़े हैं। अब इन सीटों पर कांग्रेस  पार्टी की सीधी लड़ाई बीजेपी की बजाय इन निर्दलीय उम्मीद्वारों से दिख रही है। सूबे में इस समीकरण से सीधा-सीधा फायदा बीजेपी को होता दिख रहा है। वह इसलिए क्योंकि ये निर्दलीय मुस्लिम उम्मीद्वार कांग्रेस द्वारा खडे किये गए मुस्लिम प्रत्याशी का वोट काट रहे हैं।

राजस्थान में 7 दिसंबर को चुनाव होने हैं और चुनाव परिणाम 11 दिसंबर को सामने आएंगे। कांग्रेस पार्टी जहां एक ओर टिकट आवंटन को लेकर अंदरूनी कलह से जूझ रही है तो दूसरी ओर अशोक गहलोत और सचिन पायलट की आपसी खींचतान भी जगजाहिर है। ऐसे में अब पार्टी के लिए मजबूत कड़ी समझी जाने वाली मुस्लिम बाहुल्य वाली सीटें भी अब उसके हाथ से फिसल रही हैं। वहीं अगर भाजपा की बात करें तो योगी आदित्यनाथ, पीएम मोदी और अमित शाह की तिकड़ी सूबे में धुआंधार प्रचार अभियान में लगी है। कुल मिलाकर बात यह है कि, कांग्रेस पार्टी के लिए प्रदेश में वापसी के द्वार धीरे-धीरे बंद होते नजर आ रहे हैं।

भाजपा ने मुस्लिम समुदाय से सिर्फ एक प्रत्याशी को दिया टिकट

कांग्रेस पार्टी ने जहां प्रदेश में 15 मुस्लिम प्रत्याशी मैदान में उतारे हैं वहीं भाजपा ने एकमात्र टोंक सीट से ही मुस्लिम प्रत्याशी यूनुस खान को टिकट दिया है। बता दें कि टोंक सीट पर इस बार भाजपा और कांग्रेस दोनों पार्टियों के ही समीकरण बदले हुए हैं। कांग्रेस इस सीट से परंपरागत रूप से पिछले 46 सालों से मुस्लिम प्रत्याशी को ही उतारती आ रही थी लेकिन इस बार उसने इस सीट से सचिन पायलट को टिकट दिया है। वहीं बीजेपी ने वसुंधरा राजे सरकार मे मंत्री और प्रदेश भर में मुस्लिम समुदाय में लोकप्रिय चेहरे यूनुस खान को पायलट के खिलाफ उतारकर बड़ा दांव खेल लिया। बीजेपी के इस दांव से टोंक में उसका पलड़ा भारी होता नजर आ रहा है।

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