दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन के खिलाफ सीबीआई चलाएगी मुकदमा

सत्येंद्र जैन सीबीआई आम आदमी पार्टी

PC: Amar Ujala

ऐसा लगता है कि आम आदमी पार्टी की मुश्किलें एक बार फिर से बढ़ने वाली हैं क्योंकि गृह मंत्रालय ने सीबीआई को दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन के खिलाफ आय से ज्यादा संपत्ति मामले की कार्रवाई करने की अनुमति दे दी है। सीबीआई ने अपने दावे में कहा था कि पिछले पांच वर्षों में सत्येंद्र जैन ने अपने नियंत्रण वाली दिल्ली कंपनियों के नाम से 20 बीघा कृषि भूमि खरीदी है और करोडो का अपना काला धन खपाया है। अब इस मामले में सीबीआई को जांच की अनुमति मिल गयी है।

बता दें कि हवाला ऑपरेटरों की मदद से करोड़ों रुपये के कालेधन को सफेद करने के मामले में फंसे केजरीवाल सरकार में स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन के खिलाफ आय सीबीआई ने 24 अगस्त, 2017 में आय से अधिक का मामला दर्ज किया था। इस मामले के दर्ज होने के बाद दिल्ली के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा था और अपने मंत्री का बचाव भी किया था।

केजरीवाल ने अपने ट्वीट में कहा था कि, “सत्येन्द्र जैन ने कच्ची कालोनियों को पक्का करने की स्कीम बनाई। केंद्र ने उसको पास तो किया नहीं, उलटे आज सत्येन्द्र जैन पर केस दर्ज कर दिया। भाजपा कच्ची कालोनियों को पक्का करने के सख़्त ख़िलाफ़ है। भाजपा दिल्ली वालों की दुश्मन है। मोदी दिल्ली के लिए, तू तो हानिकारक है। भाजपा ने ये केस सत्येन्द्र जैन पर नहीं किया बल्कि कच्ची कालोनियों में रहने वाले हर शख़्स पर किया है।“ इस बार भी आम आदमी पार्टी के नेता ने यही किया है। गृह मंत्रालय द्वारा सीबीआई को अनुमति दिए जाने के बाद आम आदमी ओअर्टी ने केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा और एक बार फिर से अपने नेता का बचाव किया है।

दरअसल, दिल्ली सरकार में मंत्री बनने के बाद ही सत्येंद्र जैन की स्वामित्व वाली कंपनी मंगलायतन प्रोजेक्ट्स, पारस इंफोसाल्यूशंस और अकिंचन डेवलपर्स में हवाला के मार्फत करोड़ों रुपये आये थे। आयकर विभाग के बेनामी संपत्ति के तहत जैन की करोड़ों की संपत्ति अटैच किया था। यही नहीं सीबीआइ भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत इस मामले में जांच शुरू की थी। यही नहीं सत्येंद्र जैन पर वित्त वर्ष 2015- के दौरान लोक सेवक रहते हुए 4.63 करोड़ की मनी लॉन्ड्रिंग का भी आरोप है। ऐसे में अब सीबीआई को जांच के लिए अब आदेश मिल जाने के बाद इस मामले का सच भी सबूत के साथ सभी के सामने आ जायेगा और आम आदमी पार्टी के नेता का सच भी बाहर आ जायेगा।

वास्तव में भ्रष्टाचार विरोधी पार्टी के रूप में कभी आम आदमी पार्टी राज्य में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी वो छवि भी दिखावटी साबित हुई। वो अपने सिद्धांतो के विपरीत भ्रष्टाचार में लिप्त है और पार्टी के नेताओं पर लग रहे आरोप इसकी पुष्टि भी कर रहे हैं। सत्येन्द्र जैन पर आम आदमी पार्टी से निलंबित विधायक कपिल मिश्रा ने जनता का पैसा खाने का आरोप लगाया था। 30 अगस्त को ‘द हिंदू’ के सवाल के जवाब में आरटीआई ने बताया कि जबसे आम आदमी पार्टी सत्ता में आई है तबसे इस साल के जुलाई माह तक में लोकायुक्त को 24 शिकायतें प्राप्त हुई हैं जिनमें से 11 2017 में मंत्रिपरिषद के खिलाफ थे।

जिन नैतिक मूल्यों और भ्रष्टाचार रहित शासन के वादे के साथ आम आदमी पार्टी सत्ता में आई थी और आम जनता के समक्ष साफ़ सुथरी राजनीति का विकल्प दिया था उसकी चादर अब भ्रष्टाचार के दाग से मैली हो चुकी है। यहाँ आम आदमी पार्टी के मुखिया केजरीवाल का भ्रष्टाचार के मामले में अपने नेताओं का बचाना भी उनकी राजनीति के तरीकों को दर्शाता है।

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