अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के समर्थन में 24 और 25 नवंबर को शिव सेना और विश्व हिंदू परिषद ने धर्मसभा आयोजित कर सरकार को मंदिर निर्माण के लिए अल्टीमेटम दिया था। विहिप ने इस कार्यक्रम में पांच लाख लोगों के पहुंचने का दावा किया था। भगवान राम के भजनों के बीच तख्तियां और भगवा झंडे लिए राम भक्तों भरा धर्मसभा स्थल पर किसी उत्सव जैसा माहौल था। इस आयोजन के बाद से कुछ राजनैतिक पार्टियों में बौखलाहट देखने को मिल रही है। इसका एक नमूना मंगलवार को तब देखने को मिला जब दक्षिण भारत में सक्रिय राजनैतिक पार्टी एसडीपीआई ने प्रेस कांफ्रेंस की। इसमें पार्टी की ओर से कहा गया कि वह बाबरी मस्जिद के समर्थन में अयोध्या में 25 लाख लोग जुटा सकती है। बता दें कि, सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया नामक संगठन की राजनैतिक पार्टी है। इस पार्टी ने केरल, कर्नाटक और तमिलनाडू में चुनाव लड़े हैं। गौरतलब है कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया शुद्द रूप से मुस्लिम समाज की राजनीति करता है। इस संगठन पर पहले झारखंड सरकार ने बैन लगा दिया था लेकिन बाद में अदालत ने बैन हटा दिया।
सोशल डेमोक्रेटिव पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) के नेशनल सेक्रेटरी तस्लीम रहमानी ने कांफ्रेंस में कहा है कि, नेताओं की बयानबाजी और साधु-संतों की भीड़ देखकर यह नहीं समझना चाहिए कि, बाबरी मस्जिद का दावा खत्म हो गया है। उन्होंने कहा कि, अगर वीएचपी अयोध्या में पांच लाख लोगों की भीड़ जुटा सकती है तो एसडीपीआई भी अयोध्या में 25 लाख लोग जुटा सकती है। तस्लीम का यह बयान राम मंदिर निर्माण के पक्ष में बनते माहौल से उत्पन्न उनकी बोखलाहट को ही दिखाता है। रहमानी यहीं नहीं रुके। उन्होंने पीएम मोदी पर भी हमला बोलते हुए कहा कि, पीएम राजधर्म का पालन नहीं कर रहे हैं और वो आरएसएस के प्रचारक की तरह बयान दे रहे हैं। साथ ही रहमानी ने कहा कि, पूर्व पीएम नरसिम्हा राव ने बाबरी मस्जिद को बनाने का वादा किया था इसलिए बाबरी मस्जिद पर हमारा दावा हमेशा बना रहेगा।
एसडीपीआई के दावे पर आई तीखी प्रतिक्रियाएं
एसडीपीआई द्वारा अयोध्या में 25 लाख लोग जुटाने और बाबरी मस्जिद के पुनर्निर्माण के दावों पर तीखी प्रतिक्रियाएं आई हैं। प्रतिक्रिया देते हुए शिवसेना के अखिलेश तिवारी ने कहा, “बाबर इस देश का नहीं था इसलिए इस देश में राम का ही मंदिर बनेगा। बाबर का यहां कुछ नहीं था और न रहेगा, जो भी था, उसको शिवसैनिकों ने मिटा दिया।” वहीं केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा है कि, भारत में सभी को समान अधिकार मिले हैं। यही कारण है कि देश में 3 लाख से अधिक मस्जिदें बन गई। लेकिन राम जन्मभूमि हिंदूओं की है इसलिए हिंदुओं को इतना न दबाया जाए। राम जन्मभूमि न्यास के सदस्य राम विलास वेदांती ने भी एसडीपीआई के इस दावे पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि, आप 25 लाख की बात करते हैं और अगर राम जन्मभूमि के लिए अयोध्या में हम बुलाते तो 25 करोड़ लोग आ जाते।