कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मध्य प्रदेश में अपने दो दिवसीय दौरे के दौरान शिवराज सिंह चौहान और उनके बेटे पर पनामा पेपर्स मामले में दोषी बताया जब अपने झूठ की वजह से वो फंसते हुए नजर आये तब उन्होंने सफाई दी। अपनी सफाई में उन्होंने कहा कि, “मैं कंफ्यूज हो गया था मध्य प्रदेश के सीएम ने पनामा नहीं किया, उन्होंने तो ई टेंडरिंग और व्यापमं घोटाला किया है।“ चीख चीख कर जहां एक तरफ कांग्रेस अध्यक्ष और उनकी पार्टी शिवराज सिंह की सरकार पर व्यापमं घोटाले का आरोप मढ़ रही है वहीं दूसरी तरफ इस मामले के वास्तविक आरोपी को बाहें फैलाकर अपनी पार्टी में स्वागत कर रही है। जब लोगों ने इस मामले पर सवाल पूछा तो पूरी पार्टी ने ही खुद को इससे किनारा कर लिया और सभी सवालों से पल्ला झाड़ती नजर आई।
दरअसल, मध्य प्रदेश कांग्रेस ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक पोस्ट शेयर करते हुए लिखा था कि, “तेंदूखेड़ा से भाजपा विधायक संजय शर्मा, पूर्व विधायक कमला पट और डॉक्टर गुलाब सिंह किरार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी जी ने कांग्रेस की सदस्यता दिलाई।” इस मौके पर पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी, कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया जैसे शीर्ष नेता भी मौजूद थे लेकिन बाद में इस ट्वीट को हटा लिया गया। इसके बाद प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग की अध्यक्ष शोभा ओझा ने इन खबरों को खारिज किया कि गुलाब सिंह किरार ने भी राहुल की मौजूदगी में कांग्रेस में शामिल हुए। शोभा ओझा ने कहा है कि, कांग्रेस का किरार महासभा के पूर्व अध्यक्ष और पूर्व में राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त डॉ. गुलाबसिंह किरार से कांग्रेस का कोई संबंध नहीं है और न ही उन्हें कांग्रेस पार्टी की सदस्यता दिलाई गई है” जबकि प्रदेश कांग्रेस महासचिव ने ये स्वीकार किया कि ऐसा वास्तव में हुआ था।
डॉक्टर गुलाब सिंह किरार हैं कौन? दरअसल, गुलाब सिंह किरार मूल रूप से भिंड जिले के निवासी हैं। उन्होंने पूर्व में दो बार विधानसभा का चुनाव निर्दलीय रूप से लड़ा था और एक बार नगर पालिका अध्यक्ष का चुनाव बसपा प्रत्याशी के रूप में भी लड़ चुके हैं लेकिन इन तीनों में ही उन्हें हार मिली थी। कुछ रिपोर्ट्स की मानें तो किरार प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के रिश्तेदार हैं जब वो भाजपा में शामिल हुए थे तब शिवराज सिंह चौहान ने उन्हें राज्यमंत्री का दर्जा भी दिया था लेकिन जब किरार व्यापमं घोटाले में आरोपी पाए गये थे। किरार पर आरोप था कि उन्होंने अपने बेटे शक्ति सिंह का पीएमटी में पास करवाने के लिए व्यापमं घोटाले में शामिल आरोपियों को रिश्वत दी थी। शिवराज सिंह चौहान ने त्वरित कार्रवाई करते हुए उन्हें निलंबित कर दिया था। इसी के साथ ही प्रदेशाध्यक्ष ने भी उन्हें भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया था। शिवराज सिंह ने किरार को निलंबित कर ये संदेश दिया था किसी भी मामले में अगर उनके मंत्रालय का कोई नेता आरोपी पाया जाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए वो पीछे नहीं हटेंगे चाहे वो उनका करीबी ही क्यों न हो। अब यही गुलाब सिंह किरार कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं और इसकी पुष्टि न सिर्फ प्रदेश कांग्रेस महासचिव ने की है बल्कि खुद किरार ने भी कहा, “वे जो भी दावा करें, इसके बावजूद मैं कांग्रेस के लिए काम करूंगा क्योंकि मैं इसका सदस्य हूं।” यहां एक और दिलचस्प बात ये है कि किरार के कांग्रेस में शामिल होने को कुछ उनकी घर वापसी भी बता रहे हैं। पोहरी विधायक प्रहलाद भारती से जब डॉ. गुलाब सिंह के कांग्रेस में शामिल होने पर प्रतिक्रिया मांगी गयी तो उन्होंने कहा, “डॉ. गुलाब सिंह अवसरवादी हैं वो कई पार्टियों की ख़ाक छान चुके हैं और वो वास्तव में मूल रूप से कांग्रेसी हैं और उनके भतीजे देवराज किरार ने पोहरी से कांग्रेस टिकट की मांग भी की थी। ऐसे में उनके कांग्रेस में शामिल होने पर यही कहा जा सकता है कि उनकी घर वापसी हुई है।“ खुद डॉ. गुलाब सिंह ने इसकी पुष्टि कर दी जब उन्होंने कहा कि सिंधिया परिवार से उनके पुराने रिश्ते हैं। पोहरी विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस को जिताने की कमान उनके सुपुत्र संभालेंगे और वे पूरे प्रदेश में प्रचार करेंगे।
हालांकि, जब कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से गुलाबसिंह किरार के कांग्रेस में शामिल होने को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने इससे पल्ला झाड़ लिया। भ्रष्टाचारियों को गले लगाना कांग्रेस पार्टी की पुरानी परंपरा है और एक बार फिर से ऐसा ही कुछ कांग्रेस ने किया है। डॉक्टर गुलाब सिंह किरार को पार्टी में शामिल करके खुद कांग्रेस ने व्यापमं घोटाले के अहम मुद्दे पर अपने दावों की धज्जियां उड़ाई हैं।