हरियाणा में हुए नगर निगम चुनावों से पहले आम आदमी पार्टी ने अफवाहों का सहारा लेने का प्रयास किया था। अब उन अफवाहों को फैलाने लिए ‘आप’ के कार्यकर्ता को गिरफ्तार कर लिया गया है। दरअसल, निगम चुनाव में सीएम खट्टर के नाम से करनाल में प्रकाशित हुए एक विज्ञापन की लाइनों को तोड़-मरोड़कर फेक न्यूज फैलाने का प्रयास किया गया था। इस फेक न्यूज को सोशल मीडिया पर वायरल करने का मामला सामने आया। फेक न्यूज की शिकायत हांसी में एक भाजपा कार्यकर्ता ने दी थी। कार्यकर्ता की शिकायत पर शनिवार को पुलिस ने कार्रवाई किया। कार्रवाई करते हुए पुलिस ने हिसार आम आदमी पार्टी के सोशल मीडिया प्रभारी हरपाल क्रांति को गिरफ्तार कर लिया है। हरपाल को गिरफ्तार करके कोर्ट में पेश किया गया। वहां से उसे 1 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। इसके विरोध में आप कार्यकर्ता ने थाने के सामने जोरदार प्रदर्शन किया। वहीं दूसरी ओर आप के हिसार लोकसभा प्रभारी को भी हिरासत में लिया गया था लेकिन बाद में छोड़ दिया गया।
दरअसल हांसी से भाजपा कार्यकर्ता राजेश ठकराल ने सदर थाने में शिकायत किया था कि 28 दिसंबर 2018 को उसे एक कार्यकर्ता ने वाट्सएप पर मैसेज करके बताया कि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के विरुद्ध फेक न्यूज वायरल किया जा रहा है। इस न्यूज में लिखा गया है कि सीएम मनोहर लाल खट्टर ने बयान दिया है कि “मैं केवल पंजाबियों का सीएम हूं, बाकि जातियों से कोई लेना-देना नहीं है।“ हालांकि, इंडिया टुडे ने इस फेक न्यूज की पड़ताल की और इसे झूठ पाया।
राजेश ठकराल ने शिकायत में लिखकर बताया कि इस अफवाह को आम आदमी पार्टी के हिसार सोशल मीडिया प्रभारी हरपाल क्रांति ने फैलाया है। ठकराल ने लिखा कि ये समाज को तोड़ने की साजिश है। सीएम मनोहर लाल खट्टर साफ छवि के नेता है। ये सीएम के खिलाफ साजिश है, इस वजह से आरोपी हरपाल क्रांति व उसके साथियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
मामले की शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने मामला दर्ज करके आरोपी हरपाल क्रांति और आप हिसार लोकसभा प्रभारी अनूप चानौत को हिरासत में ले लिया। अनूप को तो पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया जबकि हरपाल को गिरफ्तार कर लिया गया। हरपाल को शनिवार को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे 1 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
वहीं दूसरी ओर इस घटना की जनाकारी होते ही आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने सदर थाने के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया। आप कार्यकर्ताओं के प्रदर्शन के चलते अनूप चानौत को छोड़ दिया गया। बता दें कि इंडिया टुडे ने भी अपनी पड़ताल में पाया कि ये न्यूज फेक थी। इससे एक बार फिर से स्पष्ट हो गया है कि विपक्षी दल चुनाव जीतने मात्र के लिए किस तरह से अफवाहों और फेक न्यूज का सहारा ले रहे हैं। अब जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आते जाएंगे, वैसे-वैसे विपक्षियों द्वारा तरह-तरह के अफवाह फैलाए ही जाते रहेंगे। ये घटना मात्र एक नमूना है।