सैफई का नाम तो आप लोगों ने खूब सुना होगा। जी हां, उत्तर प्रदेश के पूर्व मूख्यमंत्री अखिलेश यादव के गांव सैफई की बात कर रहे हैं। जिस सैफई के विकास के बड़े-बड़े वादे और किस्से सुनाए जाते हैं, उस सैफई की स्थिति और वास्तविकता चौंकाने वाली है।
दरअसल, पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के गांव सैफई में मौजूद सरकारी इमारतों पर बिजली विभाग की गाज लगातार गिर रही है। करीब एक सप्ताह पूर्व यहां की हवाई पट्टी की बिजली काटी गई थी। अभी तक वो जुड़ी नहीं थी कि ट्रांजिस्ट हॉस्टल समेत अन्य चार सरकारी इमारतों की भी बिजली काट दी गई। अधिकारियों की मानें तो इन चारों पर करीब 60 लाख रुपये की बकायेदारी है। ये लोग बिजली के बिल नहीं दे रहे थे।
विभाग के अधीक्षण अभियंता एसके शर्मा ने बताया, “सैफई के पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस पर 5.68 लाख रुपये व ट्रांजिस्ट हॉस्टल पर 36.41 लाख रुपये बिजली बिल का बकाया है। इसके अलावा पीडब्ल्यूडी डाक बंगला पर 5.68 लाख रुपये और कृषि उत्पादन मंडी परिषद पर 18.37 लाख रुपये के बिलों का बकाया बना हुआ है।“
उक्त धनराशि के जमा न होने पर बिजली कनेक्शन काटे गए हैं। उन्होंने कहा कि जब तक बिलों का भुगतान नहीं होगा, तब तक कनेक्शन जोड़े नहीं जाएंगे। उन्होंने बताया कि इसके अलावा सैफई क्षेत्र में बिलों का बकाया जमा न करने और कटे हुए कनेक्शन जोड़कर बिजली का उपयोग करने पर 12 उपभोक्ताओं के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई गई है।
बता दें कि समाजवादी पार्टी की सरकार में सैफई गांव में कई बड़ी-बड़ी सरकारी इमारतें बनवाई गईं। इन इमारतों में काफी सुविधाएं दी गई हैं। इन इमारतों में सुख सुविधा के लिहाज से एयर कंडीशन्ड लगे हैं। हालांकि बिजली विभाग के अधिकारियों का यह भी कहना है कि बिजली बिलों के बकाया को लेकर शासन की स्पष्ट नीति बनी है। इसमें 10 हजार या उससे अधिक के बकायेदारों के ही कनेक्शन काटे जा रहे हैं। उसी के तहत कार्रवाई की जा रही है। अधिकारियों के मुताबिक 10 हजार से कम बकाया बिल वाले के कनेक्शन नहीं काटे जा रहे हैं। बताते चलें कि यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव यहां आते जाते रहते हैं।
यहां एक बात तो स्पष्ट है कि योगी सरकार अपने उसूलों पर कायम है। वह किसी भी विभाग में किसी भी प्रकार के लचर व्यवस्था को बर्दाश्त नहीं करने वाली है। योगी ने स्पष्ट संकेत दे दिए हैं कि कितना भी महत्वपूर्ण व्यक्ति हो, कितने भी वीवीआईपी का बंगला हो, आवास हो, निवास हो, सबके लिए कानून समान है। इसी के तहत बिजली विभाग भी अपनी कार्यप्रणाली पर सख्ती से ध्यान दे रहा है।
इससे पहले भी कई शहरों में सड़कों के किनारे और सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जे और अतिक्रमण करने वालों पर कार्रवाई हुई थी। वहां भी योगी के प्रशासन ने बिना किसी भेदभाव के कार्रवाई किया था। योगी ने सत्ता में आते ही स्पष्ट कहा था कि गरीब-अमीर, ऊंच-नीच, जाति-धर्म देखे बगैर काम करेंगे। किसी के साथ भी भेदभाव नहीं होगा। कानून सबके लिए एक समान रुप से लागू होगा। ऐसे में यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश के गांव में उनके ठिकानों पर हुई प्रशासनिक कार्रवाई बताती है कि योगी सरकार में हर विभाग किस तरह से नियम पर सख्ती से कम आकर रहे हैं।