राफेल मुद्दे पर माननीय सर्वोच्च न्यायालय का फैसला आने के बाद बीजेपी एकदम से फ्रंट फुट पर आ गई है। वहीं दूसरी ओर राफेल पर लगातार हवाबाजी करने वाली कांग्रेस एकदम से बैकफुट पर चली गई है। राफेल मुद्दे पर सर्वोच्च न्यायालय से क्लीन चिट मिलते ही थोड़ी देर बाद बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने प्रेस कांफ्रेंस की। इस कांफ्रेंस में अमित शाह ने कांग्रेस को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कांग्रेस पर जमकर हमला किया। प्रेस कांफ्रेंस में अमित शाह ने कहा कि हम संसद में राफेल मुद्दे पर बहस के लिए कांग्रेस को चुनौती देते हैं। कांग्रेस अध्यक्ष को लगाए गए आरोपों के स्त्रोत बताने चाहिए। अमित शाह ने कहा कि झूठ के पैर नहीं होते, सत्य की विजय होती है।
बता दें कि इससे पहले राफेल मुद्दे पर सर्वोच्च न्यायालय का फैसला आया। फैसले में सर्वोच्च न्यायालय ने मोदी सरकार को क्लीन चिट दे दी। क्लीन चिट देते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने अपनी टिप्पणी में कहा कि राफेल सौदे में सभी जरूरी प्रक्रियाओं का पालन किया गया है। इसमें कोई भी गैरकानूनी प्रक्रिया नहीं हुई है। इस फैसले से कांग्रेस जो राफेल मुद्दे पर बेवजह सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा रही थी, हर सभाओं और भाषणों में राफेल मुद्दे पर सरकार को घेर रही थी, वो कांग्रेस अब बैकफुट पर चली गई है।
मौका देखते हुए बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने तुरंत प्रेस कांफ्रेंस किया। लगभग आधे घंटे के इस प्रेस कांफ्रेंस में अमित शाह ने कांग्रेस को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि, “राहुल गांधी ने राफेल के मुद्दे पर देश को गुमराह किया है, उन्हें देश से माफी मांगनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट के फैसले से सत्य की जीत हुई है, राहुल गांधी ने अपनी पार्टी को फायदा पहुंचाने के लिए झूठ की राजनीति की शुरुआत की है।“
भाजपा अध्यक्ष ने आगे कहा, “झूठ के पैर नहीं होते हैं, हमेशा सत्य की ही जीत होती है। चार याचिकाओं में तीन मुद्दों पर सवाल उठाए गए थे। निर्णय प्रक्रिया, ऑफसेट और दाम, तीनों ही मसलों पर सुप्रीम कोर्ट ने क्लीन चिट दी है।” भाजपा अध्यक्ष ने आगे कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला आरोप लगाने वालों के मुंह पर तमाचा है। आरोप लगाने वाले जनता और सेना से माफी मांगें। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इसमें जांच की जरूरत नहीं है।
अमित शाह ने आगे कहा, “भारत सरकार का ऑफसेट पार्टनर चुनने में कोई रोल नहीं है। राहुल गांधी ने देश की सुरक्षा से खिलवाड़ किया है।” शाह आज एकदम से फ्रंट पर खेल रहे थे। वो यहीं नहीं रुके। उन्होंने कांग्रेस पर हमला जारी रखते हुए कहा, “2001 में वायुसेना ने विमानों की मांग की थी, 2004 से प्रक्रिया शुरू हुई लेकिन 2007 से 2014 तक कोई भी सौदा फाइनल नहीं हो सका था। राहुल गांधी इसकी जानकारी दें कि सौदा फाइनल क्यों नहीं हुआ था, राफेल से जुड़ी जानकारी कांग्रेस अध्यक्ष के पास कैसे पहुंच गई उन्हें बताना चाहिए। उन्होंने पूछा कि क्या कांग्रेस ने कमीशन के लिए राफेल डील को रोका था?”
उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने हर सभा में हर नुक्कड़ पर सौदे को लेकर सवाल उठाए थे। कांग्रेस के 10 साल के शासन में 12 लाख करोड़ रुपये के घोटाले हुए थे। अगर सब चोर इकट्ठा होकर चौकीदार को चोर कहने लगे, तो जनता कभी नहीं मानेगी कि चौकीदार चोर है। चोर-चोर वही चिल्लाते हैं, जिनको चौकीदार का भय है। सूरज के सामने कीचड़ उछालने से उसका तेज कम नहीं होता है। हम सदन में चर्चा के लिए तैयार हैं। अब, जबकि बीजेपी आक्रामक और कांग्रेस रक्षात्मक रुख अपनाए है तो ऐसे में ये देखना दिलचस्प होगा कि अब कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी क्या कदम उठाते हैं। क्या वो सदन में बहस के लिए तैयार होते हैं या नहीं। क्या अपने निराधार आरोपों पर देश की जनता और सेना से माफी मांगेंगे या अमित शाह की तरह प्रेस कांफ्रेंस करके बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के सवालों और जनता के मन में पल रहे सवालों के जवाब देंगे ।