तेलंगाना में जल्द ही विधानसभा चुनाव होने हैं ऐसे में कांग्रेस यहाँ अपनी पकड को मजबूत करने के लिए हाथ-पांव मार रही है। इसके लिए वो तुष्टिकरण की राजनीति भी खुलकर कर रही है। मुस्लिम समुदाय के लिए अलग से घोषणापत्र जारी करने के बाद अब पार्टी ने अल्पसंख्यकों को अपने पाले में करने के लिए क्रिकेटर से नेता बने मोहम्मद अजहरुद्दीन को तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया है। अजहर को ये पद देकर कांग्रेस एक ऐसे व्यक्ति को सम्मानित कर रही है जिसने भारत की छवि को खराब करने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी।
Mohammad Azharuddin appointed as the working president of Telangana Congress Committee. pic.twitter.com/THwFQWE4bO
— ANI (@ANI) November 30, 2018
दरअसल, मुसलमान तेलंगाना की आबादी का लगभग 14% हिस्सा बनाते हैं और 119 सीट तेलंगाना राज्य विधानसभा में करीब 40 सीटों में निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं। ऐसे में कांग्रेस का मैच फिक्सिंग के आरोपी रहे पूर्व क्रिकेटर मोहम्मद अजहरुद्दीन को प्रदेश का कांग्रेस अध्यक्ष बनाया जाना कई मुस्लिमों को आकर्षित करने का एक पैंतरा नजर आता है।
बता दें कि फिक्सिंग के आरोप लगने के बाद अजहर का क्रिकेट कैरियर खत्म हो गया था। इसके बाद उन्होंने कांग्रेस पार्टी ज्वाइन कर अपनी दूसरी पारी की शुरुआत एक राजनेता के रूप में की। वो कांग्रेस की तरफ से दो बार चुनाव लड़ चुके हैं और साल 2009 में उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद सीट से उन्होंने जीत भी दर्ज की थी। इस पद के मिलने के बाद मोहम्मद अजहरुद्दीन ने कहा, ‘मुझे 18 सालों बाद एक बढ़िया पद दिया गया है और मैं बहुत खुश हूं।’
उन्होंने आगे अपनी ख़ुशी जाहिर करते हुए कहा कि वो 2019 का लोकसभा चुनाव सिकंदराबाद से लड़ेंगे। उन्होंने कहा, मेरा घर निर्वाचन क्षेत्र के अंदर। मैं यहाँ के लोगों की सेवा करना चाहता हूं।। जिस निर्वाचन क्षेत्र की अजहर बात कर रहे हैं वर्तमान में बीजेपी के बंडारू दत्तात्रेय उसका प्रतिनिधित्व करते हैं।
बता दें कि, मोहम्मद अजहरुद्दीन भारत के पूर्व क्रिकेटर हैं जिनका करियर शानदार था लेकिन उन्होंने कुछ ऐसा किया जिससे देश को शर्मिंदा होना पड़ा था। उन्होंने 99 टेस्ट मैच और 334 वनडे मैच खेले हैं। टेस्ट मैच में अजहर ने 22 शतक और 21 अर्धशतक के साथ 6,216 रन बनाये हैं, वहीं 334 वनडे में उन्होंने 7 शतक और 58 अर्धशतक के साथ 9,378 रन बनाये। भारतीय टेस्ट टीम में 1990 से 99 तक कप्तान भी रहे हैं। साल 2000 में अजहर पर मैच फिक्सिंग के आरोप लगे थे और दोषी पाए जाने पर बीसीसीआई उनके क्रिकेटर खेलने पर आजीवन प्रतिबंध लगा दिया था। उनपर लगे आरोपों के चलते भारत की छवि पर गहरा प्रभाव पड़ा था। इसके बाद 8 नवंबर 2012 को आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट ने अजहर के लगे आजीवन प्रतिबंध को खारिज दिया था लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि वो निर्दोष हैं उन पर लगे आरोपों से भारतीय क्रिकेट टीम को बुरे दौर से गुजरना पड़ा था। कोई भुला नहींसकता मैच फिक्सिंग से भारत की छवि और किस तरह का प्रभाव पड़ा था। इसके बावजूद कांग्रेस ने उन्हें इतना बड़े पद की जिम्मेदारी दी है और तो और उन्हें लोकसभा शुनव लड़ने की भी अनुमति दी है।
ऐसा लगता है कि कांग्रेस उस शख्स के करियर को फिर से चमकाना चाहती है जिसने कभी देश को शर्मसार किया था। वास्तव अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही कांग्रेस 7 दिसंबर को होने वाले तेलंगाना विधानसभा चुनाव में बेहतर नतीजे पाने के लिए ये कदम उठाया है।