गंगा और यमुना नदी के मध्य स्थित बुलंदशहर गोकशी बवाल को लेकर कुछ दिनों पहले काफी चर्चा में था। आरोपी कौन है और किसने रची है साजिश, इसको लेकर तरह तरह की खबरों से न्यूज चैनल्स और सोशल मीडिया अटा पड़ा था। इस हिंसा के पीछे संशय के आधार पर मुख्य आरोपी बजरंग दल के जिला संयोजक योगेश राज को बनाया गया था। उस वक्त सोशल मीडिया से लेकर न्यूज़ चैनल्स और विपक्षी पार्टियों ने इस हिंदू संगठन को निशाना के लिए जैसे कमर कस ली थी। तब योगेश चीख चीख कर अपनी बेगुनाही का राग अलाप रहे थे लेकिन किसी ने उनका पक्ष नहीं सुना और न ही इस मामले की गहराई में गये। अब जब जांच में सामने आया है कि मुख्य आरोपी योगेश राज नहीं बल्कि 30 साल का अपराधी प्रशांत नट है। ऐसे में मीडिया अब शांत है और लेफ्ट लिबरल गैंग को भी सांप सूंघ गया है।
दरअसल, यूपी के एडिशनल डायरेक्टर जनरल (लॉ ऐंड ऑर्डर) आनंद कुमार ने इस मामले की जानकारी दी और बताया कि नट का नाम एफआईआर में नहीं है। प्रशांत नट एक ड्राईवर है जो दिल्ली में रहता है। आनंद कुमार ने जानकारी देते हुए कहा कि “विडियो फुटेज और कुछ लोगों की मौखिक गवाही के आधार पर इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या में प्रशांत नट को संदिग्ध पाया गया है।“ उन्होंने आगे कहा, “हमने दोबारा क्राइम सीन बनाया और उन लोगों पर फोकस किया है, जिन्होंने वहां जाकर इंस्पेक्टर की हत्या की थी। प्रशांत नट इसी ग्रुप का हिस्सा था। इंस्पेक्टर की हत्या के मामले को हमने लगभग हल कर लिया है।“ बता दें कि पुलिस अधिकारी के इस बयान से पहले तक 3 दिसंबर को भीड़ के हमले में इंस्पेक्टर की हत्या के पीछे योगेश राज को आरोपी बताया जा रहा था लेकिन जांच के बाद अब सच से पर्दा धीरे धीरे उठ रहा है।
खुद बुलंदशहर हिंसा के मामले में मुख्य आरोपी योगेश राज ने वीडियो जारी कर अपना पक्ष रखा था और खुद को बेकसूर बताया था। योगेश ने वीडियो में कहा था, “जैसा कि अपने बुलंदशहर स्याना में गोकशी प्रकरण को देखा। प्रकरण में पुलिस मुझे ऐसे पेश कर रही है जैसे मैं बहुत बड़ा आपराधिक प्रवृति का हूँ। आप सभी लोगों को ये बताना चाहता हूं कि उस दिन दो घटना हुई पहली स्याना के नजदीक गांव में हुई गोकशी की जिसकी सूचना देने के लिए हम स्याना थाने में अपना मुकदमा लिखवाने गए और वहां बैठे ही थे कि हमें पता चला कि उक्त स्थल पर ग्रामीणों ने पथराव किया है जिसमें गोलीबारी हुई और इसमें एक युवक तथा एक पुलिसकर्मी को गोली लगी है। दूसरी घटना से मेरा कोई लेना-देना नहीं है।“
योगेश के इस वीडियो के सामने आने के बाद भी मीडिया योगेश राज को गुनहगार बता रही थी, जबकि योगेश ने अपनी बेगुनाही साबित करने के लिए अपना पूरा पक्ष रखा था। जीतू फौजी पर भी सुबोध की हत्या का आरोप लगा था लेकिन जीतू फौजी के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिले। किसी भी अपराध की तह में जाए बिना ही उसे अपराधी ठहरा देना कितना सही है? खुद यूपी के एडिशनल डायरेक्टर जनरल (लॉ ऐंड ऑर्डर) आनंद कुमार ने अपने बताया कि योगेश राज की भूमिका इंस्पेक्टर की हत्या में संदिग्ध नहीं है। पुलिस ने वीडियो फुटेज और गिरफ्तार किये गये आरोपियों से पूछताछ की जिसके बाद ही नट का नाम सामने आ पाया और पुलिस जल्द ही उसे गिरफ्तार भी कर लेगी। बता दें कि पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या के मामले में संदिग्ध प्रशांत नट की धरपकड़ के लिए एसटीएफ की तीन टीमों ने नोएडा, दिल्ली और गुरुग्राम में दबिश भी तेज कर दी है। तीन अन्य फरार आरोपियों सतीश, विनीत और सचिन के साथ ही प्रशांत नट ने भी बुलंदशहर कोर्ट में पिछले हफ्ते सरेंडर की याचिका दायर की थी लेकिन अभी भी उन्होंने सरेंडर नहीं किया है। पुलिस ने इन तीनों आरोपियों को पकड़ने के लिए प्रयास तेज कर दिए हैं। यही नहीं पुलिस ने फरार लोगों को अपराधी घोषित करने और उनकी संपत्ति को जब्त करने के लिए कोर्ट में आवेदन भी दिया है।
मुख्यधारा की मीडिया अब चुप है और इस खबर को कवर नहीं कर रही है। वास्तव में जब भी कोई आरोपी हिंदू समुदाय से निकलकर आये भले ही उसपर आरोप साबित न हुए हों भले ही उसे फंसाया गया हो लेफ्ट लिबरल गैंग हिंदू समुदाय के लोगों पर हमला करने के लिए तैयार हो जाता है। खासकर तब जब गौ रक्षकों की बात आती है। इनकी नजर में आज के समय में गौ रक्षक होना अपराध है और सार्वजनिक तौर पर गौ मांस को परोसना आधुनिकता। यही वजह है कि गौ रक्षकों को निशाना बनाया जाता रहा है और ये काम सिर्फ बुलंदशहर में ही नहीं देश के कई हिस्सों में हो रहा है। गौ तस्करी करना और जब हिंदू संगठन उनके खिलाफ खड़ा होता है तो गौ तस्कर को बचाने के लिए लेफ्ट-लिबरल मीडिया हो या कुछ राजनीतिक दल सब एक साथ नजर आते हैं। हिंदू संगठन का मकसद गौ रक्षा है और कुछ तथाकथित आधुनिक लोगों का मकसद हिंदुओं के खिलाफ जहर फैलाने का है। खुद यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने बुलंदशहर की घटना को एक बड़ी साजिश करार दिया था और जल्द ही इस मामले की सच्चाई को जांच के बाद सामने आने की भी बात कही थी। उन्होंने अफसरों को गोकशी में शामिल सभी लोगों तुरंत गिरफ्तार करने और उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। अब जांच के बाद इस मामले का सच धीरे धीरे सभी के सामने आ रहा है।