चुनाव से पहले किसानों की हितैषी बनने वाली कांग्रेस के तीन राज्यों में सत्ता में आते ही किसानों का उत्पीड़न शुरु हो चुका है। राजस्थान और मध्यप्रदेश में किसान यूरिया के लिए लाइनों में लगे हैं, पुलिस की लाठियां खा रहे हैं जिससे किसानों में कांग्रेस के प्रति जबरदस्त गुस्सा है। किसान खुद को छला हुआ महसूस कर रहे हैं। इससे अब ये पार्टी सकते में है। इस पुरानी पार्टी को समझ आ गया है कि उसका किसान प्रेमी मुखौटा उतर चुका है। अब ऐसे में ये 2019 के आम चुनाव पर गहरा असर डाल सकता है। इसलिए इस पार्टी को डर है कि कहीं जल्द ही उसे किसान विरोधी होने का तमगा न दे दिया जाए। ऐसे में कांग्रेस ने नई चाल चली है और काल्पनिक कहानियां गढ़ रही है। अपनी इस चाल से वो केंद्र सरकार को घेर अपने राज्य के मुद्दों से जनता का ध्यान हटाने का प्रयास कर रही है।
I sold out 1500 kg of garlic just for Rs 3000 than throwing it away. Net Rs 2000 after fright charges .total production cost Rs 40000/.I could bear this loss think about poor farmers who have no alternate than to commit suicide .this is fate of Indian farmers . pic.twitter.com/ZlIRBBV9ex
— Ujiyare Lal Dohare (@ujiyareD) December 25, 2018
I sold out 1500 kg of garlic just for Rs 3000 than throwing it away. Net Rs 2000 after fright charges .total production cost Rs 40000/.I could bear this loss think about poor farmers who have no alternate than to commit suicide .this is fate of Indian farmers . pic.twitter.com/I99uVR7zjO
— Aadil Mansuri (@AadilMa45201893) December 26, 2018
https://twitter.com/anthonysald/status/1077596826201612288?s=21
कांग्रेस आईटी सेल ने तीन ‘कथित’ किसानों द्वारा एक ट्वीट शेयर करवाया और इसके जरिये अपना एजेंडा साधने का प्रयास किया। हालांकि, यहां उससे एक चूक हो गयी। दरअसल, तीनों ही ‘कथित’ किसानों ने एक ही तरह की लहसुन की बोरी जो एक गाड़ी पर लदी है की एक तस्वीर ट्विटर पर शेयर की। इस ट्वीट में उन्होंने लहसुन की कीमत भी एक ही लिखे हैं। कोट-पैंट टाई और सूट-बूट वाले इन ट्विटरधारी ‘कथित’ किसानों ने ‘ट्विटर’ पर लिखा, “मैने 1500 किलोग्राम लहसुन को फेंकने की बजाय 3000 रुपये में बेच दिया। माल परिवहन की लागत के बाद कुल 2000 रुपये है। कुल उत्पादन लागत 40000 है। इस नुकसान के बाद अंदाजा लगाया जा सकता है कि किसानों के पास आत्महत्या करने के अलावा कोई विकल्प शेष नहीं है। ये भारतीय किसानों का भाग्य है।” इस ट्वीट को तीन ट्विटर हैंडल द्वारा शेयर किया गया और ये तीनों ही तीन धर्म से हैं। अपने एजेंडा के लिए कांग्रेस ने जो तरीका अपनाया वो ही काफी है साजिश का पर्दाफाश करने के लिए जो झूठ का सहारा ले जनता को गुमराह करने का प्रयास कर रही है। शायद कांग्रेस आईटी सेल को ये भी नहीं पता है कि नकल में भी अकल की जरूरत होती है।
ये तीनों ‘कथित’ किसान खुद को अलग-अलग स्थानों के निवासी बता रहे हैं। मजेदार बात ये है कि इनमें एक महामानव और कथित किसान कनाडा के हैं। कोट-पैंट, सूट-बूट और टाई व चश्मा लगाने वाले वो जनाब खुद को किसान बता रहे हैं। यानी आप इन्हें विजय माल्या और अमिताभ बच्चन श्रेणी का किसान समझ सकते हैं। वो बता रहे हैं कि ये भारतीय किसानों का भाग्य है।
हमने जब इन दयालू महामानवों के ट्विटर हैंडल की पड़ताल की तो पाया कि ये बीजेपी और हिंदुओं के कट्टर विरोधी हैं। इनका ट्विटर हैंडल मोदी और हिंदुओं के विरोध से अटा पड़ा है। इन्हें कांग्रेस से अगाध प्रेम हैं और इस पार्टी को ये सिर आंखों पर रखते हैं। राहुल गांधी इनके हीरो हैं। ये लोग दिखाना चाहते हैं कि बीजेपी सरकार में किसान आत्महत्या कर रहे हैं। बीजेपी किसानों विरोधी है। इनका उद्देश्य जनता का ध्यान राजस्थान और मध्यप्रदेश के किसानों की समस्या से हटाना है। ये वो समर्थक है जिनका काम पुरानी पार्टी की समस्याओं पर से जनता का ध्यान हटाना है। हालांकि आईटी सेल के इन कोट-पैंटधारी किसानों को लोगों ने जमकर सबक सिखाया। उन्हें जमकर ट्रोल होना पड़ा। लोगों ने उनके ट्विटर पर ही उनका भंडाफोड़ कर दिया। अब एक बात तो तय हो गया है कि कांग्रेस किसानों को बेवकूफ बनाने के लिए अब अपने आईटी सेल को तैयार कर रही है। कांग्रेस पूरी तरह से असफल हो चुकी है। उसका उद्देश्य मादी सरकार और हिंदुओं को बदनाम करके 2019 को चुनाव जीतना है। किस तरह से वो लोकसभा चुनाव के लिए ओछी राजनीति कर रही ये भी अब सामने आ चुका है।