बीजेपी 2019 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस को उसी के गढ़ में तगड़ी चुनौती देने के मूड में दिख रही है। इसी कड़ी में सोनिया गांधी के विधानसभा क्षेत्र रायबरेली से बीजपी द्वारा किस उम्मीद्वार को खड़ा किया जाएगा, इसकी चर्चाएं मीडिया में खूब चल रही हैं। खबरों की मानें, तो बीजेपी आम आदमी पार्टी के बागी नेता और लोकप्रिय कवि कुमार विश्वास को सोनिया गांधी के खिलाफ उतार सकती है। इसके साथ ही इस सीट पर बीजेपी से टिकट के लिए सोनिया गांधी के पूर्व विश्वासपात्र रहे दिनेश सिंह का नाम भी सामने आ रहा है। 2019 लोकसभा चुनाव में यहां से अपने टिकट पर कांग्रेस के खिलाफ इन दोनों के नामों पर राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं गरम हैं। इसके पीछे के तमाम कारण भी बताए जा रहे हैं। दरअसल, रायबरेली में ब्राह्मण और ओबीसी (कुर्मी पटेल) वर्ग की संख्या लगभग बराबर है। एक ओर कुमार विश्वास ब्राह्मण हैं तो दूसरी ओर ऐसा माना जाता हैं कि दिनेश सिंह ग्रामीण इलाके में लोगों के बीच काफी लोकप्रिय हैं।
बीजेपी ज्वाइन करने के बाद दिनेश सिंह ने कहा कि, “मैंने अमेठी में सलोन और तिलोई विधानसभा सीटों पर काफी काम किया है। मैं वहां एमएलसी भी रह चुका हूं। मैंने कांग्रेस के वफादार सिपाही की तरह रायबरेली में काम किया लेकिन किसी प्रॉजेक्ट के लिए गांधी परिवार के सदस्यों ने कोई रुचि नहीं दिखाई। इस वजह से मैंने बीजेपी जॉइन की और मुझे खुशी होगी अगर मुझे टिकट दिया जाएगा।”
उत्तर प्रदेश बीजेपी के एक अधिकारी ने बताया, “हमने रायबरेली के लिए कुछ नाम शॉर्टलिस्ट किए हैं। इसमें कुमार विश्वास, दिनेश सिंह, रीता बहुगुणा जोशी और विनय कटियार के नाम हैं।” पार्टी सूत्रों का कहना है कि, कुमार विश्वास और रीता बहुगुणा को ब्राह्मण वोटों को लुभाने के आधार पर मुख्य दावेदारों के रुप में देखा जा रहा है।
बता दें कि, आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कांग्रेस पार्टी का गढ़ माने जाने वाले रायबरेली का दौरा किया है। पूरे देश और मीडिया की निगाहें इस दौरे पर टिकी थीं। देश और मीडिया की निगाहों के टिके होने का कारण भी है। कारण यह है कि एक तो 2019 का लोकसभा चुनाव नजदीक है, दूसरे यह कांग्रेस आलाकमान यानी सोनिया गांधी और राहुल गांधी का गढ़ है और तीसरी बात यह कि सोनिया गांधी पिछले लंबे समय से (जून से) अपने संसदीय क्षेत्र नहीं गई हैं। जिसके कारण ऐसा माना जा रहा है कि लोगों में कांग्रेस आलाकमान के प्रति नाराजगी होगी। इससे बीजेपी के पास कांग्रेस के गढ़ में सेंध लगाने का बढ़िया मौका माना जा रहा है।
ऐसे में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के रायबरेली का यह दौरा राजनीतिक मायनों में बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा था। अब देखना यह होगा कि कांग्रेस के गढ़ में सेंध लगाने के लिए ही बीजेपी अगला कदम क्या उठाती है। क्या लंबे समय से रायबरेली की जनता से मिलनी नहीं जाने वाली सोनिया गांधी में रायबरेली की जनता अपना नेता देखेगी या फिर मोदी का जादू यहां भी चल जाएगा।
दौरे पर गए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लालंगज रेलकोच फैक्ट्री में 1100 करोड़ की परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रायबरेली में कोच फ़ैक्टरी में उत्पादित 900वें रेल डिब्बे व हमसफर रेक को भी हरी झंडी दिखा कर देश को समर्पित किया। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “हमारा एक ही मंत्र- सबका साथ, सबका विकास।” उन्होंने कहा रायबरेली में भी 8 लाख लोगों के बैंक खाते खोले गए हैं, पौने दो लाख महिलाओं को मुफ्त गैस कनेक्शन दिया गया है, लगभग 55 हजार घरों को मुफ्त बिजली कनेक्शन देकर रोशन किया गया है। इस दौरे पर प्रधानमंत्री मोदी ने सड़क, घर और मेडिकल कॉलेज जैसी 1100 करोड़ की परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में किसानों, युवाओं, सेना, सुरक्षा जैसे तमाम मुद्दों पर अपनी बात रखा। इसके बाद प्रधानमंत्री प्रयागराज के लिए रवाना हुए।
मोदी के रायबरेली दौरे को लेकर बीजेपी समर्थकों में उत्साह और कांग्रेस में बेचैनी साफ दिख रही है। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि प्रधानमंत्री मोदी जहां भी जाते हैं, अपने भाषणों से जनता को मोह लेते हैं। ऐसे में अगर मोदी मैजिक रायबरेली में चल गया तो फिर कांग्रेस के किले का आधार ही ढह जाएगा। वहीं कुमार विश्वास जैसे लोकप्रिय नेता और कवि का जादू भी रायबरेली में चल सकता है।