केरल के लव जिहाद वाले मामले में जिस हादिया (अखिला) का नाम कभी सुर्ख़ियों में था उस हादिया के पिता ने भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया है। भारतीय जनता पार्टी के जनरल सेक्रेटरी बी गोपालकृष्ण की उपस्थिति में हादिया के पिता केएम अशोकन को सोमवार को पार्टी की सदस्यता दिलवाई। भाजपा में शामिल होने के बाद उन्होंने मीडिया से बातचीत की। इस दौरान हादिया के पिता केएम अशोकन ने कहा, “भाजपा अकेला ऐसा राजनीतिक संगठन है, जो हिंदुओं के विश्वास की रक्षा कर रहा है।”
बता दें कि ये वही हादिया (अखिला) के पिता हैं, जिसने अपना धर्म बदलकर मुस्लिम युवक से शादी की थी। 26 साल की केरल की युवती हादिया ने 2016 में जब मुस्लिम लड़के से शादी करने के लिए इस्लाम धर्म अपनाया तो उसके पिता केएम अशोकन ने इसका कड़ा विरोध किया। हादिया का वास्तविक नाम अखिला है लेकिन धर्म बदलने के बाद उसने अपना नाम हादिया रख लिया था। उन्होंने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। हादिया के पिता ने न्यायालय में कहा कि उनकी बेटी ‘लव जिहाद’ का शिकार हुई। बाद में हादिया को इस्लाम कुबुल करवाया गया था। हालांकि हादिया दबाव में आकर हमेशा इस बात से इंकार करती रही है कि उससे इस्लाम कबूल करवाया गया था।
वहीं दूसरी ओर इस्लाम कबूल करवाने वाला युवक पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) का बताया जाता है। ये एक कट्टरपंथी और आतंकी संगठन बताया जाता है। ऐसे आरोप है कि ये संगठन कई राज्यों में आतंक का कहर बरपाता आया है। ये संगठन देश में कई हत्याएं और हिंसा को अंजाम दे चुका है।
दरअसल, हादिया (अखिला) का मामला उस वक्त सुर्खियों में आया जब केरल हाईकोर्ट ने इस शादी को वैधानिक रुप से अवैध घोषित कर दिया था। हालांकि, बाद में हादिया पर दबाव डालकर उससे सुप्रीम कोर्ट में अपील करवाई गई। ये बातें सूत्रों के हवाले से पता चलीं। बता दें कि केरल के रहने वाली 26 वर्षीय अखिला अशोकन ने मुस्लिम लड़के से शादी किया था। इसके लिए उसे धर्मांतरण करके अपना नाम हादिया रखना पड़ा था। बाद में 2016 में मुस्लिम लड़के से शादी कर ली थी। हादिया के पिता ने बेटी द्वारा इस्लाम धर्म अपनाने का कड़ा विरोध किया था। उन्होंने इस रिश्ते को ‘लव जिहाद’ का नाम दिया था। उसके बाद से वो लगातार कट्टरपंथी संगठनों की धमकियों का सामना कर रहे हैं। जिसके कारण अशोकन अभी भी पुलिस की सुरक्षा में हैं।
बता दें कि हादिया (अखिला) के पिता अशोकन ने सबरीमाला मंदिर मामले में भी पार्टी के प्रदर्शन के थे। सबरीमाला पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर अशोकन ने कहा, “मैं बचपन से ही कम्युनिस्ट पार्टी का समर्थक था, लेकिन बाद में पार्टी अल्पसंख्यकों के वोटों के लिए गंदी वोट बैंक की राजनीति करने लगी। मैं ये समझने में नाकाम रहा कि जब भी कोई हिंदू की बात करता है, तो वो सांप्रदायिकता में बदल जाता है।” ऐसे में हादिया (अखिला) के पिता का ये कदम हिंदुओं के लिए साहस बढ़ाने वाला है। इससे हिंदुओं में एक सकारात्मक संदेश जाएगा। उनका मनोबल बढ़ेगा। इससे उनमें जेहाद और कट्टरपंथी संगठनों से लड़ने का हौसला बढ़ेगा।




























