हाल ही में लश्कर कमांडर नवीद जट्ट के मारे जाने के बाद की एक रिपोर्ट में सामने आया था कि कश्मीर में सेना ने आतंकियों की कमर तोड़ दी है और अब कश्मीर में भारतीय सुरक्षा बलों को एक बड़ी कामयाबी मिली है। कश्मीर पुलिस ने आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद की योजना पर पानी फेरते हुए दो मॉड्यूल नेस्तनाबूद करते हुए 10 आतंकियों जिंदा पकड़ लिया जोकि श्री नगर से सटे कश्मीर के खियू, त्राल और अवंतिपार और आसपास के इलाकों में सक्रीय थे। इन आतंकियों के पास से पुलिस ने भारी मात्र में हथियार इर गोला-बारूद भी बरामद किये हैं। इन सभी की योजना एक बड़े हमले की थी।
दरअसल, सोमवार को कश्मीर पुलिस ने अपनी कार्रवाई करते हुए दक्षिण कश्मीर में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े 10 लोगों को गिरफ्तार किया है। इससे स्थानीय लोगों ने राहत की सांस ली है जो कुछ दिनों पहले त्राल में आतंकी हमलें से दहशत में थे। बता दें कि हाल ही में त्राल में आतंकियों ने एक घंटे में ताबड़तोड़ तीन हमले करके दहशत फैलाने की कोशिश की थी। इससे पहले सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच हुई मुठभेड़ में सेना ने जैश-ए-मोहम्मद के एक आतंकी को ढेर कर दिया जिससे गुसाए आतंकियों ने शहर में दहशत फैलाने के मकसद से एक के बाद एक हमलें को अंजाम दिया था। इन हमलों के बाद सुरक्षाबलों ने तेजी से आतंकी विरोधी अभियान के तहत कार्रवाई शुरू कर दी।
पुलिस प्रवक्ता ने आतंकियों की गिरफ़्तारी पर जानकारी देते हुए कहा कि, पिछले कुछ दिनों में त्राल और उससे सटे इलाकों में सुरक्षाबलों व नागरिकों पर हु़ए आतंकी हमलों से पूरे क्षेत्र में आम लोगों में दहशत का माहौल था। जिसके बाद इन ममलों को गंभीरता से लेते हुए जांच के दौरान पुलिस ने सभी लिंक्स को जोड़ा और उनपर अमल करते हुए एक विशेष जांच दल बनाया।इसके बाद सेना ने इन दस आतंकियों को गिरफ्तार किया।
सुरक्षाबलों को लगातार घाटी में आतंकियों के खिलाफ चलाये जा रहे अभियानों में कामयाबी मिल रही है। ये उसी का उदाहरण है। हाल की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस साल सेना और सुरक्षा बलों की कार्रवाई में मारे गए दहशतगर्द आतंकियों का आंकड़ा 233 के पार पहुंच गया है। यही नहीं आतंकियों की बुरी स्थिति का अंदाजा इससे ही लगाया जा सकता है कि कश्मीर घाटी में कुछ गिनती के ही कमांडर बचे हैं। यही नहीं इन आतंकी संगठनों में काफी लंबे समय से कोई भर्ती नहीं हुई है। यहां तक कि युवा भी मुख्य धारा की ओर लौट रहे हैं। खुद जम्मू कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह ने इसकी जानकारी दी। उनके अनुसार, “मिलिटेंसी के ग्राफ में तो काफी कमी हुई है। पिछले दिनों अच्छे और कामयाब ऑपेरशन हुए। इनमें काफी तादाद में आतंकियों के कमांडर मारे गए, जिससे आतंकी गतिविधियों में कमी आई है। पहले से मिलिटेंट्स के भर्ती का सिलसिला अब न सिर्फ बहुत कम हुआ है, बल्कि न के बराबर हुआ है। आज की तारीख में ऐसी कोई जानकारी पिछले दो महीने से नहीं मिली कि यहां कोई भी नया युवा आतंकियों की फेहरिस्त में शामिल हुआ हो”।
सेना की कार्रवाई और केंद्र की मोदी सरकार द्वारा युवाओं को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए किये जा रहे प्रयासों का ही नतीजा है कि अब धीरे धीरे घाटी में आतंकी गतिविधियों के खिलाफ एक के बाद एक सफलता मिल रही है।