कांग्रेस किसानों की हितैषी बनने का ढोंग रच रही है, ये तो सभी को पता था। फिर भी कांग्रेस के किसान प्रेमी बनने के ढोंग का पर्दा इतनी जल्दी हट जाएगा, ये किसी को नहीं मालूम था। ऐसा हम नहीं बल्कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनते ही किसानों की दुर्दशा बता रही है। किसानों की आड़ में अपने कार्यकर्ताओं से आंदोलन कराकर किसानों की हितैषी बनकर सत्ता में आई ये पुरानी पार्टी अब किसानों पर डंडे बरसा रही है। खाद लेने के लिए पहुंचे किसानों को खाद की जगह पुलिस की लाठियां मिल रही है।
कुछ दिनों पहले यूरिया को लेकर शुरू हुआ बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस बार गुना जिले में सोमवार को खाद वितरण के दौरान पुलिस ने किसानों पर लाठियां भी भांजनी शुरु कर दी। कई किसान घायल हो गए। बता दें कि इन दिनों राज्य के अन्य क्षेत्रों की तरह गुना में भी खाद को लेकर मारामारी मची हुई है। ये दशा केवल गुना ही नहीं है, छतरपुर जिले में भी खाद वितरण को लेकर किसानों में गुस्सा है।
दरअसल, गुना के नानाखेड़ी कृषि उपज मंडी की बात है। यहां सोमवार को किसान लाइन लगा कर खाद ले रहे थे। लोगों की मानें तो इसी दौरान खाद को लेकर कुछ कहासुनी हो गई। इसपर किसानों ने विरोध किया तो पुलिस ने लाठीचार्ज शुरु कर दिया। बता दें कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया गुना से सांसद हैं। उनके ही संसदीय क्षेत्र में किसानों को यूरिया के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। जबकि चुनाव से पहले सिंधिया कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ किसानों के मुद्दे को बढ़-चढ़कर, बढ़ा-चढ़ाकर पेश कर रहे थे। उस समय ऐसा लग रहा था, मानों ये दोनों लोग गरीबों के मसीहा हैं। इनकी सरकार गरीबों और किसानों की सरकार होगी लेकिन हुआ एकदम से उल्टा। कांग्रेस की सरकार आते ही किसानों पर लाठियां गिरनी शुरू हो गई हैं।
सिर्फ गुना ही नहीं, छतरपुर जिले में भी खाद को लेकर जबरदस्त हंगामा हुआ। वहीं दूसरी ओर, मध्य प्रदेश में कमलनाथ की अगुवाई वाली कांग्रेस सरकार का दावा है कि केंद्र से लगातार बातचीत के बाद प्रदेश में यूरिया संकट धीरे-धीरे खत्म होने के आसार हैं। कृषि विभाग की मानें तो केंद्रीय उर्वरक एवं रसायन मंत्रालय ने 25 हजार मीट्रिक टन यूरिया की आपूर्ति तत्काल किए जाने की सहमति दी है। विभाग के मुताबिक दिसंबर में मध्य प्रदेश में अब तक करीब 2 लाख 15 हजार मीट्रिक टन यूरिया की आपूर्ति हुई है जबकि करीब 50 हजार मीट्रिक टन यूरिया प्रदेश में पहुंचने वाला है।
हालांकि, कांग्रेस केन्द्र से एमपी को यूरिया न मिलने का बहाना बताकर अपने जिम्मेदारी से बचने की कोशिश कर रही है जबकि विभाग के अधिकारियों ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि मध्य प्रदेश को पहले रोजाना 6 से 7 रेक यूरिया मिल रहा था जो अब बढ़कर 10 रेक हो गया है। इसके बावजूद किसानों को लाठियां खानी पड़ रही हैं। बता दें कि कई दिनों से मध्यप्रदेश में यूरिया को लेकर किसानों परेशान हैं और इस समय को राज्य सरकार द्वारा जल्द से जल्द सुलझाने की मांग कर रहे हैं लेकिन उनके मुद्दे को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है। अब ऐसे में किसानों को खुद ही सोचना होगा कि कांग्रेस किस हद तक उनकी हितैषी है और अब कांग्रेस के बहकावे में आने से बचना चाहिए।