चुनाव नजदीक देखकर पिछले साल कांग्रेस ने मध्यप्रदेश के मंदसौर में किसानों के बैनर तले हिंसा जरूर भड़काई थी लेकिन उसका उसे कोई फायदा नहीं मिला है। ऐसा हम नहीं बल्कि मध्यप्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव परिणाम बता रहे हैं। भले ही बीजेपी की लापरवाही और कांग्रेस की जद्दोजहद ने मध्यप्रदेश में सीटों की अंकगणित में बदलाव हुए हों लेकिन परिणाम बता रहे हैं कि मंदसौर की जनता ने कांग्रेस को नकारा है। जी हां, मंदसौर की जनता ने कांग्रेस को नकार बीजेपी को चुना है। हालांकि अभी गिनती चल ही रही है लेकिन शुरुआत से ही मंदसौर की सीट पर बीजेपी प्रत्याशी यशपाल सिंह सिसौदिया कांग्रेस और बीएसपी प्रत्याशी से आगे चल रहे हैं।
बता दें कि पिछले बार के विधानसभा चुनाव यानी 2013 के चुनाव में भी बीजेपी प्रत्याशी यशपाल सिंह सिसौदिया ही जीते थे। उन्हें तब 84975 वोट मिले थे। दूसरी तरफ कांग्रेस के प्रत्याशी महेन्द्र सिंह गुर्जर को 60680 वोट ही मिले थे। इस बार एक बार फिर जनता बीजेपी को ही चुना है। जो ये बता रहा है कि बीजेपी सरकार के खिलाफ जनता को उकसाने के लिए कांग्रेस द्वारा भड़काई गई हिंसा का कांग्रेस के जनाधार पर कोई असर पड़ता दिख नहीं रहा है।
बता दें कि पिछले साल 6 जून को कांग्रेस ने किसानों को कर्जमाफी और अन्य मांगों को लेकर भड़काया था। इसके कारण किसानों ने कई राज्यों में एक से 10 जून तक आंदोलन किया था। मध्य प्रदेश के इस क्षेत्र से शुरू आंदोलन की चिंगारी प्रदेश के अन्य राज्यों में भी पहुंच गई। कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने मामले को इतना बढ़ाया कि इस आंदोलन ने मंदसौर ने हिंसा का रूप ले लिया था। जिसके बाद मंदसौर में कर्फ्यू लगाने की नौबत तक आ गयी थी। कई जिलों में आगजनी हुई। कांग्रेसियों ने ट्रेन, सरकारी बसों सहित कई गाड़ियों को फूंक दिया था। इस उपद्रव में कई पुलिसकर्मी घायल हुए थे जबकि पांच किसानों की मौत हुई थी।
बाद में बवाल बढ़ने पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मामले को बखूबी संभाला था। उन्होंने इस मामले में जांच के आदेश दिये थे। आंदोलनकारियों की मौत के बाद मध्य प्रदेश की राजनीति गर्म हो उठी थी। सारे बवाल के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी बताया था कि कांग्रेस किसानों के बीच उपद्रवी तत्वों को भड़काकर राज्य का माहौल बिगाड़ने का काम किया था। किसानों को गोली लगने और आंदोलन के हिंसा का रूप लेने से कांग्रेस ने शिवराज से इस्तीफे की मांग भी थी।
हालांकि वो मामला अब बीते दिनों की बात हो गई है लेकिन कांग्रेस ने जिस उद्देश्य से वो उपद्रव भड़काया था, उसका उसे थोड़ा भी फायदा मिलता नहीं दिख रहा है। मंदसौर की जनता एक बार फिर से बीजेपी प्रत्याशी यशपाल सिंह सिसौदिया को ही चुन रही है। न्यूज लिखे जाने तक यशपाल सिंह सिसौदिया सबसे आगे चल रहे थे। आगे अंतिम परिणाम क्या होंगे शाम तक स्पष्ट हो जायेंगे।