मोदी ने हिंदुओं के लिए क्या किया है? इस सवाल का जवाब यहां है

मोदी हिंदू

PC: Moneycontrol

आजकल कुछ असंतुष्ट बीजेपी समर्थक और हिंदू विरोधी पार्टियां ये सवाल करती हैं कि बीजेपी सरकार ने हिंदुओं के लिए किया क्या है? ये आर्टिकल उन्हीं के लिए है।

मोदी सरकार साल 2014 में सत्ता में आई थी तब हिंदुओं के मन में था कि, अब उनकी सरकार आ गयी है। अब हिंदुओं को उपेक्षा का शिकार नहीं होना पड़ेगा। सिर्फ 4.5 साल के छोटे से कार्यकाल में ही पीएम मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने हिंदुओं के लिए काफी कुछ किया। इस दौरान केंद्र की मोदी सरकार ने पिछली सरकारों की नीतियों और हिंदू समुदायों की शिकायतों को ध्यान में रखकर काम किया जिससे किसी की भावना आहत न हो और सभी का विकास हो। देश की सभ्यता और संस्कृति का विकास हो। ऐसे में आज ये सवाल उठने लगे हैं कि मोदी सरकार ने हिंदुओं के लिए क्या किया है जो कांग्रेस अपने शासन के 60 सालों में नहीं कर सकी। तो चलिए नजर डालते हैं मोदी सरकार द्वारा हिंदू धर्म के लिए उठाये गये कुछ महत्वपूर्ण कदमों पर।

सांस्कृतिक संरक्षण और संवर्धन

  1. अमेरिका ने भारत को 200 से ज्यादा सांस्कृतिक कलाकृतियां लौटा दीं थीं। इन मूर्तियों में भगवान गणेश की एक अनमोल कांसे की मूर्ति (लगभग एक हज़ार साल पुरानी होने का अनुमान है) और संत माणिककविचावकर की मूर्ति थी जो चोल काल (850 ईसा पश्चात से 1250 ईसा पश्चात) के तमिल कवि थे।
  2. प्रधानमंत्री बनने के बाद साल 2014 में अपनी जापान की यात्रा के दौरान उन्होंने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और जापानी पीएम शिंजो आबे और जापान के सम्राट अकिहितो को उपहार में पवित्र हिंदू धर्म-ग्रंथ ‘श्रीमद् भगवत गीता’ की एक प्रति दी। इसके बाद उन्होंने कहा था, “मैं अपने साथ गीता की प्रति लेकर आया हूं और विश्व के नेताओं को उपहार में दिया। मैं नहीं जानता भारत में इसे लेकर क्या प्रतिक्रिया होगी। हो सकता है टीवी पर बहस हो। हमारे सेक्युलर दोस्त जरुर ही ‘तूफ़ान’ पैदा करेंगे कि मोदी अपने आप को समझते क्या हैं? और शायद वो इसे सांप्रदायिकता से जोड़ दें।” जापान के सम्राट को धर्मग्रंथ सौंपते हुए उन्होंने पुस्तक का महिमामंडन इस तरह से किया, “क्योंकि मुझे नहीं लगता मेरे पास देने के लिए दुनिया में इससे बेहतर कुछ नहीं है।”
  1. इलाहाबाद का नाम बदलकर फिर से प्रयागराज किया। इसी तरह से फैजाबाद का नाम अयोध्या
  2. संयुक्त राष्ट्र महासभा में प्रधानमंत्री मोदी ने 27 सितंबर 2014 को दुनियाभर में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने का आह्वान किया था। उनके इस ऐलान का दुनिया के लगभग सभी देशों ने समर्थन भी किया। 21 जून के दिन को विश्व योग दिवस के लिए चुनने के पीछे एक खास कारण था वो ये कि ये दिन उत्तरी गोलार्द्ध का सबसे लंबा दिन है जिसे ग्रीष्म सक्रांति भी कहते हैं। भारत की संस्कृति के दृष्टिकोण से ग्रीष्म सक्रांति के बाद सूर्य दक्षिणायन हो जाता है और सूर्य के दक्षिणायन का समय आध्यात्मिक सिद्धियां प्राप्त करने के लिए लाभकारी समय भी है। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस ने न सिर्फ अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हिंदू संस्कृति का मां बढ़ाया बल्कि वैश्विक स्तर पर उभरते मजबूत भारत को पेश किया है।
  3. अंतर्राष्ट्रीय मेहमानों को ताजमहल के बजाय मंदिरों में ले जाया गया। पीएम मोदी दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति मून जे इन को स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर ले गए। इनके अलावा अक्षरधाम मंदिर में ऑस्ट्रेलियाई पीएम, कनाडाई पीएम भी गये थे। वाराणसी में जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे के साथ पीएम नरेंद्र मोदी ने गंगा आरती भी की थी।
  4. दक्षिण कोरिया की प्रथम महिला यानी राष्ट्रपति की पत्नी किम जुंग सूक ने सीता उत्सव के लिए भारत का दौरा किया था।
  5. देशभर में पशु बाजारों में गायों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाया गया।
  6. संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में मंदिर: पीएम मोदी की सबसे बड़ी उपलब्धि अबू धाबी में पहला हिंदू मंदिर बनवाने के लिए जमीन मिलना है। उन्होंने अपने ट्वीट में यूएई सरकार को धन्यवाद देते हुए कहा था, “अबू धाबी में मंदिर बनाने हेतु भूमि आवंटन के निर्णय के लिए मैं यूएई सरकार का बहुत आभारी हूं। ये एक बहुत ही बढ़िया फैसला है।“
  7. सबरीमाला मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर भगवान अयप्पा के भक्तों के साथ बुरे व्यवहार के लिए केरल की कम्युनिस्ट को चेतावनी दी।
  8. अयोध्या में सरयू नदी के तट पर 151 मीटर ऊंची भगवान राम की प्रतिमा के निर्माण की योजना
  9. उत्तर प्रदेश के मुगलसराय रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर ‘दीनदयाल उपाध्याय’ किया गया। औरंगजेब और बाबर जैसे क्रूर आतताइयों के खानदान मुग़ल वंश को सम्मानित करने वाले रेलवे स्टेशन का नाम भारत के माटी के लाल और अन्त्योदय के प्रणेता श्री दीन दयाल उपाध्याय जी के नाम पर रखा गया।
  10. हिंदुओं के पवित्र शहर वाराणसी और वहां के घाटों पर ख़ास ध्यान दिया गया। सिर्फ 5 सालों में पीएम मोदी के अपने निर्वाचन क्षेत्र में विकास कार्यों को तेज कर दिया गया।
  11. ट्रिपल तलाक के खिलाफ अध्यादेश लाया गया जिसके तहत तीन तलाक एक दंडनीय अपराध है। ये कदम नागरिक अधिकरों को बरकरार रखने और धर्मों की समानता का प्रतिक है।
  12. संस्कृत: उन मंत्रियों के विपरीत जो उर्दू में शायरी से दर्शकों को खुश करते हैं मोदी ने वैश्विक मंच और भारतीय संसद से संस्कृत भाषा को बढ़ावा दिया। संस्कृत दुनिया की सबसे पुरानी भाषा है जिसे सनातन धर्म देवभाषा भी कहते हैं। गर्व के साथ पीएम मोदी ने संस्कृत श्लोकों और सुभाषित छंदों को पढ़ा जो पूरी मानवता की भलाई के बारे में बताते हैं।
  13. अयोध्या में दीवाली उत्सव पर भव्य समारोह
  14. अयोध्या कला महोत्सव: इस त्योहार का शीर्षक भगवान राम और उनका जीवन था। इसमें लगभग दो सौ कलाकारों ने हिस्सा लिया था जिन्होंने अपनी कला से शहर की दीवारों चित्रित किया था।
  15. साधू/संयासी /गुरुओं के लिए भारतीय पासपोर्ट बनवाना हुआ आसान
  16. राम सेतु को नुकसान पहुंचाने वाली किसी भी परियाजनाओं को स्वीकृति नहीं मिलेगी
  17. अरब सागर के अंदर मशहूर हिंदू शासक छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा बनाने का फैसला
  18. हिंदू आतंकवाद’ की झूठी कहानी बनाने के प्रयासों का पर्दाफाश
  19. एनसीईआरटी की किताबों में किये गये बड़े बदलाव। एनसीईआरटी में उन ‘महान’ लोगों को शामिल किया जा रहा है जिन्हें कांग्रेस और लेफ्ट लिबरल पार्टियों ने देश के इतिहास से दूर रखा था। इसकी नयी किताब में आध्यात्मिक नेता श्री अरबिंदो और स्वामी विवेकानंद से लेकर स्वतंत्रता सेनानी लाला लाजपत राय, वल्लभभाई पटेल, पेशवा बाजीराव बल्लाल, सुरज मल, महाराणा प्रताप से लेकर छत्रपति शिवाजी तक को शामिल किया गया है।
  20. कई पाकिस्तान हिंदू और सिख शरणार्थियों को नागरिकता प्रदान की।
  21. विलुप्त हो चुकी सरस्वती नदी की खोज के लिए प्रयास शुरू किये गये

 सामाजिक और आर्थिक उत्थान

  1. राखी और देसी देवताओं की मूर्तियों पर से जीएसटी की छूट दी (रक्षाबंधन और गणेश चतुर्थी के ठीक पहले)
  2. उत्तर प्रदेश में अवैध बूचड़खानों को कराया गया बंद जिससे लाखों हिंदू जो पशुपालन करते हैं उनकी आजीविका को सुरक्षित किया गया।
  3. यहां हिंदू और मुस्लिमों को बराबरी का दर्जा दिया बिना किसी तरह की तुष्टिकरण की राजनीति को खत्म करते हुए हिंदू और मुस्लिमों को बराबरी का दर्जा दिया। इसका उदाहरण है, हज यात्रियों के लिए सब्सिडी हटाना।
  4. एफसीआरए अधिनियम के तहत 20,000 एनजीओ के लाइसेंस को रद्द किया गया जो विदेशी फंडों का इस्तेमाल जनजातीय आबादी का बड़े पैमाने पर धर्मांतरण के लिए कर रही थीं।
  5. पश्चिम बंगाल और असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) को लागू करने का पुरजोर समर्थन किया जिससे अवैध अप्रवासी बांग्लादेशियों की पहचान कर उन्हें देश से बाहर किया जा सके।

भक्तों को सेवा

  1. तिब्बत में नाथू ला द्वार को खोला गया जो भारतीय तीर्थयात्रियों के लिए कैलाश मानसरोवर की यात्रा के लिए दूसरा रास्ता है। ये फैसला चीन ने साल 2015 में पीएम मोदी की चीन की आधिकारिक यात्रा के दौरान लिया था।
  2. अगले साल प्रयागराज में अर्ध कुंभ मेला का आयोजन है। इसे देखते हुए रेलवे द्वारा कुंभ मेले में आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए रेलवे ने स्‍पेशल ट्रेनें चलाने का फैसला। इसके साथ ही मेला शुल्क भी हटा दिया गया है।
  3. वैष्णों देवी जाने के लिए श्रद्धालुओं को दिल्ली से श्रीमाता वैष्णों देवी (कटरा) के बीच कटरा स्पेशल ट्रेन चलाई गयी।
  4. भारतीय रेलवे कैटेरिंग एवं टूरिज्म कॉर्पोरेशन (आईआरसीटीसी) ने रामायण से जुड़े महत्वपूर्ण स्थलों से गुजरने वाली विशेष पर्यटन ट्रेन ‘श्री रामायण एक्सप्रेस’ को शुरू किया। ये एक्सप्रेस ट्रेन भारत और श्रीलंका में 16 दिनों के दौरे के पैकेज में भगवान राम के जीवन से जुड़े चार महत्वपूर्ण स्थलों को कवर करेगी।
  5. हिंदुओं के लिए चार धाम की यात्रा का खास महत्व है इसी को देखते हुए चार धाम महामार्ग की परियोजना पर तेजी से काम चल रहा है। ये महामार्ग राज्य में स्थित चार धाम तीर्थस्थलों को एक्सप्रेस राष्ट्रीय राजमार्गों के माध्यम से जोड़ेगा। इसके अलावा मई 2017 में भारतीय रेलवे ने चारधाम को रेल रूट से जोड़ने के लिए अपना फाइनल सर्वे भी शुरू कर दिया है।
  6. हिंदुओं की सबसे पवित्र नदी गंगा नदी की सफाई के वादे को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार की तत्परता और प्रयास का ही नतीजा है कि अब गंगा नदी साफ़ होने लगी है।
  7. एक नियोजित और प्राथमिकता में देश में विषयगत सर्किट के विकास स्वदेश दर्शन योजना को स्वीकृति मिली। इसके तहत बौद्ध सर्किट, कृष्ण सर्किट, आध्यात्मिक सर्किट, रामायण सर्किट और हेरिटेज सर्किट, इत्यादि जैसे 15 परियोजनाओं को मंजूरी दी गयी है। इसका उद्देश्य पर्यटकों और विभिन्न प्रकार के पर्यटकों के लिए आकर्षक अनुभव प्रदान करना है।
  8. हिंदुओं के पूजनीय भगवान राम के जन्मस्थल अयोध्या और देवी सीता के जन्मस्थल जनकपुर (नेपाल में स्थित) को आपस में जोड़ने के लिए बस सेवा की शुरुआत की गयी।
Exit mobile version