इस साल के न्यूनतम स्तर पर आई पेट्रोल की कीमत

पेट्रोल डीजल कीमत

PC: India Today

पिछले कुछ महीने से तेल की बढ़ती कीमतों से अब धीरे-धीरे राहत मिल रही है। इन दिनों अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट चल रही है। गिरावट की तेजी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि, पिछले एक महीने के भीतर कच्चे तेल की कीमतों में 40% तक की गिरावट आ चुकी है। गिरावट के बाद पेट्रोल की ताजी कीमत 70.63 रुपये हो गई है। यह कीमत पिछले साल 1 जनवरी की कीमत यानी 69.97 रुपये के लगभग बराबर हो चली है। वहीं दूसरी ओर अगर हम डीजल की कीमतों की बात करें तो डीजल की कीमत गिरकर 59.70 रुपये हो गई है। गिरावट के बाद डीजल की यह कीमत अप्रैल में डीजल की कीमत के बराबर हो गई है।

दिल्ली में डीजल की कीमत इस समय 64.54 रुपये है। तेल की कीमतों में गिरावट कितनी तेजी से जारी है, उसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि केवल दिसंबर में ही तेल की कीमतों में 2 से 3 रुपये की गिरावट आ चुकी है। जबकि अभी दिसंबर पूरी तरह से बीता भी नहीं है। कच्चा तेल सस्ता होने के कारण केवल पेट्रोल व डीज़ल ही नहीं बल्कि अन्य उत्पादों की कीमतों में भी गिरावट आ रही है। इसकी वजह यह है कि कई सेक्टर्स की कंपनियां कच्चे तेल को रॉ मेटीरियल के तौर पर इस्तेमाल करती है। ऐसे में उन कंपनियों की लागत घटती है तो ग्राहक को सामान सस्ता मिलता है।

बता दें कि, अगस्त के अंतिम महीने से लेकर सितंबर के आखिरी महीने तक पेट्रोलियम की कीमतों में लगातार उछाल आई थी। जिसे लेकर विपक्ष ने संसद से लेकर सड़क तक हंगामा किया था। मीडिया में भी पेट्रोल की कीमतों में बढ़ोत्तरी बड़ा मुद्दा बना हुआ था। हालांकि, पेट्रोलियम में बढ़ोत्तरी का यह कारण अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कच्चे तेल की बढ़ती हुई कीमत थी। इसका देश की अर्थव्यवस्था से कोई संबंध नहीं था। लेकिन विपक्ष और मीडिया के हंगामे के कारण केन्द्र सरकार ने पेट्रोल व डीजल की कीमतों में 2.5 रुपये की कटौती कर दी थी। इसके अलावा केन्द्र सरकार ने राज्य सरकारों से भी आग्रह किया कि वो भी अपनी तरफ से जनता को पेट्रोल व डीजल की कीमतों में 2.5 रुपये की कटौती करें जिससे जनता को कुल मिलाकर 5 रुपये की राहत मिल जाए। लेकिन बीजेपी शासित राज्यों ने तो अपनी और से 2.5 रुपये की छूट दी जिसके कारण जनता को काफी राहत मिली। लेकिन गैर बीजेपी शासित राज्यों जैसे दिल्ली, पंजाब, पश्चिम बंगाल ने अपनी ओर से जनता को कोई राहत नहीं दिया।

हालांकि, अब अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कच्चे तेलों की कीमतों में लगातार गिरावट जारी है जिसके कारण देश में पेट्रोल व डीजल की कीमतों में लगातार गिरावट चल रही है। ब्‍लूमबर्ग में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक तेल कीमतों में 10 डॉलर प्रति बैरल की गिरावट का अर्थ है कि, तेल आयातक देशों की जीडीपी में 0.5% से 0.7% की बढ़ोतरी होना।

बता दें कि, इससे पहले अमेरिका ने ईरान से तेल आयात करने के प्रतिबंध के लिए भारत समेत 8 देशों को छूट दिया था। कच्चे तेल की कीमतों में नरमी को इसी का कारण माना जा रहा है। आंकड़ों की मानें तो कच्चे तेल की कीमत में 5% की गिरावट के साथ यह 14 महीनों के निम्नतम स्तर पर पहुंच गई है। कच्चे तेल की कीमत इस समय 56 डॉलर (अमेरिकी) प्रति बैरल हो गई है। कच्चे तेल की कीमतों में तेजी से गिरावट के कारण देश में पेट्रोल व डीजल की कीमतों में जिस तरह से लगातार कमी के चलते देश की अर्थव्यवस्था में भी सुधार होती दिख रही है। आशा है, आने वाले दिनों में तेल की कीमतों में और भी गिरावट होगी।

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