पीएमओ और नासिक के किसान को लेकर मीडिया ने फैलाई झूठी खबर

किसान पीएमओ

मुख्यधारा की मीडिया आउटलेट्स और ऑनलाइन पोर्टल किस तरह से केंद्र सरकार की छवि को धूमिल करने का प्रयास कर रही है। इसका खुलासा तब हुआ जब इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट ने कई न्यूज पोर्टल्स द्वारा फैलाई गयी फेक न्यूज का खुलासा किया। सभी न्यूज पोर्टल मीडिया द्वारा ये फेक न्यूज फैलाई गयी थी कि महाराष्ट्र के नासिक जिले के किसान संजय साठे 750 किलो प्याज बाजार में सिर्फ 1,064 रुपए में बिकने से नाराज थे इसीलिए उन्होंने ये पैसे प्रधानमंत्री के कार्यालय में मनीऑर्डर के जरिये भेजा था। इस पैसे को भेजने के पीछे किसान ने अपनी नाराजगी जताई थी क्योंकि वो प्याज की फसल के सही दाम न मिलने से खुश नहीं थे। इनमें से कुछ न्यूज पोर्टल्स ने आरोप लगाया कि इस मामले की गंभीरता को बिना समझे मनीआर्डर को प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से लौटा दिया गया है और उन्हें ये पैसे आरटीजीएस या फिर अन्य ऑनलाइन ट्रान्सफर प्रणाली के जरिए भेजने के लिए कहा गया था।

दैनिक भास्कर ने सबसे पहले दावा किया था कि, पीएमओ किसी भी तरह मनीऑर्डर स्वीकार नहीं करते हैं। अगर उन्हें पैसे भेजने ही हैं, तो वो ऑनलाइन ट्रांसफर प्रणाली के जरिए पैसे भेजें। इसमें ये भी दावा किया गया था कि पीएमओ ऑफिस कि ओर से मिली प्रतिक्रिया से संजय साठे हैरान थे और आहत भी थे कि पीएमओ कार्यालय ने उन्हें कोई राहत देने के ऑनलाइन पैसा ट्रांसफर करने का विकल्प दे दिया। ये खबर सिर्फ दैनिक भास्कर ने ही नहीं बल्कि Business StandardScoopWhoop, और The Logical Indian ने भी यही खबर प्रकाशित की थी। इन सभी पोर्टल्स ने तो देश में मोदी सरकार के नेतृत्व में किसानों की बदहाली का रोना भी रोया। इससे स्पष्ट है कि लेफ्ट लिबरल गैंग ने अपने प्रोपेगंडा के तहत इस झूठी खबर को फैलाया जिससे जनता में केंद्र की मोदी सरकार का रवैया किसानों के प्रति गैर-जिम्मेदार दिखा सकें। दुर्भाग्यवश लेफ्ट-लिबरल गैंग की ये चाल नाकाम रही।

इंडिया टुडे के फैक्ट चेक की रिपोर्ट के मुताबिक, नासिक के किसान से जब इन खबरों के बारे में पूछा गया तो किसान का जवाब चौंका देने वाला था। संजय साठे ने कहा कि, “मैंने पीएमओ में मनीऑडर भेजा था लेकिन पीएमओ ने मुझे ऑनलाइन तरीके से पैसे भेजने के लिए नहीं कहा था। मुझे डाकघर से फ़ोन आया कि मेरा पैसा वापस लौटा दिया गया है और मैं जाकर अपने पैसे वहां से ले लूं।” संजय साठे ने 10 दिसंबर को पैसे डाकघर से ले भी लिए।

इसके साथ ही आपको बता दें कि किसान की नाराजगी की जानकारी मिलते ही पीएमओ ने मामले में संज्ञान लेते हुए नासिक के कलेक्टर के जरिये किसान से बात की और उनकी समस्या को जाना।

मामले की गहराई में जाए बिना ही दैनिक भास्कर और न्यूज मीडिया पोर्टल्स द्वारा इस तरह की झूठी खबर फैलाना जनता को गुमराह करता है। कहीं न कहीं इसमें पीएमओ की छवि पर कड़ा प्रहार करने के मकसद से ऐसा किया गया होगा। ऐसा लगता है कि हताश लेफ्टिस्ट गैंग अब वर्तमान की मोदी सरकार को सत्ता से बेदखल करने और जनता की नजरों में उनकी छवि को गंदा करने के लिए इस तरह के हत्कंडे अपना रहे हैं जोकि शर्मनाक है।इस तरह की हरकत वो एक बार नहीं बल्कि कई बार करते हैं।

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