रेलवे ने कुंभ मेले पर लगने वाले सरचार्ज को हटाया

कुंभ मेला रेलवे

PC: Gosahin.com

कुंभ मेला भारत में ही नहीं, पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। देश-विदेश से लोग इस मेले में आते हैं। यह कुंभ देश में चार शहरों प्रयाग, हरिद्वार, नासिक और उज्जैन में लगता है। इस मेले का इंतजार देशभर के लोगों को साल भर रहता हैं। कुंभ का सौभाग्य इस बार प्रयागवासियों को मिलने जा रहा है लेकिन प्रयाग में लगने वाला इस बार का अर्ध कुंभ कई मामलों में बेहद खास है। खासतौर पर प्रशासन ने श्रद्धालुओं के लिए जिस स्तर की व्यवस्था की है, वो श्रद्धालुओं के लिए अविस्मरणीय होने वाली है। अगर आप भी इस बार प्रयागराज में लगने जा रहे अर्ध कुंभ मेल में जाने की तैयारी में हैं तो आपके लिए भी यह मेला कई मामलों में बेहद खास होने जा रहा है। प्रशासन की ओर से भी इस बार श्रद्धालुओं के लिए विशेष कई स्तर पर विशेष सुविधाएं दी गई हैं। इस मेले को ध्यान में रखते हुए राज्य प्रशासन से लेकर रेल प्रशासन ने अपने स्तर पर लाजवाब व्यवस्था किए हैं लेकिन यहां हम आपको रेल प्रशासन की ओर से की गई तैयारियों की एक झलक दिखाने जा रहे हैं…

मेले में श्रद्धालुओं की सुविधाओं के मद्देनजर रेल प्रशासन ने एक नई पहल की है। रेल प्रशासन इस बार मेले में आने वाले श्रद्धालुओं से किसी भी प्रकार का कोई मेला शुल्क नहीं वसूलेगा। यही नहीं, रेल प्रशासन कुंभ की तैयारियों के लिए कुल 41 परियोजनाएं शुरू करने जा रहा है। इन परियोजनाओं पर रेल प्रशासन कुल 700 करोड़ रुपये खर्च करेगा। जबकि रेलवे ने भारी संख्या में श्रद्धालुओं के आने के मद्देनजर 800 विशेष ट्रेनों को चलवाने का निर्णय लिया है। रेलवे द्वारा शुरू की गई ज्यादातर परियोजनाएं पूरी हो कर ली गयी हैं और अन्य पर अभी काम चल रहा है।    

उत्तर मध्य रेलवे के महाप्रबंधक राजीव चौधरी ने मीडिया को बताया कि, इलाहाबाद जंक्शन पर 4 बड़े अहातों का निर्माण किया गया है जिनमें 10,000 तीर्थयात्रियों को विभिन्न सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। इन अहातों में वेडिंग स्टॉल, पानी के बूथ, टिकट काउंटर, एलसीडी टीवी, सीसीटीवी, महिलाओं और पुरुषों के लिए अलग-अलग शौचालयों की व्यवस्था होगी।

महाप्रबंधक ने बताया कि मेले के दौरान यहां आने वाले यात्रियों के लिए प्रयागराज जिले के विभिन्न स्टेशनों से करीब 800 विशेष ट्रेन चलाने का प्रस्ताव है। उन्होंने बताया कि ये सारी ट्रेनें एनसीआर की ओर से चलाई जाने वाली नियमति ट्रेनों से अलग होंगी।

यही नहीं, रेलवे प्रशासन ने 5000 ‘प्रवासी भारतीयों’ को प्रयाग से नयी दिल्ली ले जाने के लिए 4-5 विशेष ट्रेनें चलाने की योजना तैयार किया है। ये प्रवासी भारतीय काशी में होने वाले ‘प्रवासी भारतीय दिवस’ में शिरकत करेंगे इसके बाद वो वाराणसी से कुंभ मेले में हिस्सा लेने के लिए प्रयागराज जाएंगे। महाप्रबंधक ने बताया कि रेलवे ने इस मेले के दौरान इस पवित्र शहर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ से निपटने के लिए बड़े पैमाने पर आर्टीफिशल इंटेलिजेंस (एआई) जैसी तकनीकी का इस्तेमाल किया जाएगा। इसके अलावा स्थिति पर नजर रखने के लिए बड़ी संख्या में सीसीटीवी कैमरे और एलईडी स्क्रीनें भी लगी होंगी। उन्होंने बताया कि इलाहाबाद में उत्तर मध्य रेलवे ने ‘रेल कुंभ सेवा मोबाइल एप्प’ का भी शुभारंभ किया गया है। उन्होंने बताया कि विशेष मामले के तौर पर रेल मंत्रालय ने ये फैसला किया है कि इलाहाबाद क्षेत्र में पड़ने वाले 11 स्टेशनों से अनारक्षित रेलवे टिकटों की 15 दिन पहले से बुकिंग की इजाजत दी जाएगी। मेला शुल्क एक जजिया कर जैसा था जो सिर्फ हिंदुओं से वसूली जाती थी हालांकि ये रकम बेहद कम थी लेकीन हिंदुओं के लिए अपमानजनक था। इस तरह के टैक्स मुगलों के शासन के दौरान हिंदुओं से लिए जाते थे जो जजिया कर के नाम से मशहूर था। ऐसे में रेल प्रशासन का ये फैसला हिंदुओं के लिए एक तोहफे की तरह है।

बता दें कि जबसे प्रदेश में योगी सरकार आई है, राज्य की सांस्कृतिक विरासत और वर्तमान दशा ही संवर गई है। प्रयागराज तो मानों उत्तर प्रदेश की ही नहीं बल्कि पूरे देश की धार्मिक नगरी ही बन गई है। पूरे शहर का कायाकल्प हो चला है। आपको शहर में चौड़ी व साफ-सुथरी सड़कों और शहर की दीवारों पर ऐतिहासिक तस्वीरें रोमांचित कर देंगा। ऐसे में अगर आप भी इस मेले का दर्शन करने जा रहे हैं तो यह आपके लिए बेहतरीन यादगार पलों में से एक होने जा रहा है।  

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