बदले की राजनीति: गहलोत सरकार ने अपनी पहली कैबिनेट में बदले बीजेपी सरकार के 4 फैसले

राजस्थान गहलोत वसुंधरा

PC: Jansatta

सरकार बनते ही कांग्रेस जनता के हितों की बात करने की बजाय, बदले की भावना से काम करने में पूरी तत्परता से जुट गई है। राजस्थान में गहलोत सरकार ने अपनी पहली कैबिनेट मीटिंग में वसुंधरा सरकार के 4 बड़े फैसलों को बदलने का निर्णय लिया है। यह बताता है कि, उसका पूरा ध्यान किसी भी तरह से पिछली सरकार के किए धरे पर पानी फेरना है। गहलोत की अगुआई में कांग्रेस सरकार बदले की भावना के साथ राज्य में अब नए-नए नियम लागू करने जा रही है।

राजस्थान में सत्ता में आते ही कांग्रेस ने पुराने निर्णय बदलने की शुरुआत कर दी है। गहलोत सरकार में शिक्षा राज्यमंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने ऐसे संकेत दिए हैं कि, शिक्षा विभाग ने सबसे पहले सरकारी स्कूलों की यूनिफॉर्म और मेधावी बेटियों को दी जाने वाली साइकिल का रंग बदलने की तैयारी कर ली है। कांग्रेस का काम विकास कार्यों की बजाय बदले की भावना से प्रेरित है।

बता दें कि, पदभार ग्रहण करने के बाद डोटासरा ने भाजपा सरकार की ओर से शिक्षा विभाग में किए गए बदलाव सहित योजनाओं की समीक्षा करने की बात कही थी। तभी से माना जा रहा था कि, उनका इशारा या तो पुरानी योजनाओं को बदलने की ओर है या फिर उन योजनाओं से छेड़छाड़ करने से है। अब उन्होंने विभागीय अधिकारियों को साइकिल, पाठ्यक्रम, सरकारी स्कूलों की ड्रेस सहित पिछली सरकार के सभी निर्णयों की समीक्षा करते हुए रोडमैप तैयार करने के निर्देश दिए हैं।

सूत्रों के अनुसार, शिक्षा राज्यमंत्री के इस निर्देश के बाद विभागीय स्तर पर साइकिलों के रंग और स्कूली ड्रेस के रंग में  बदलाव करने की तैयारी की जा रही है। दरअसल, वसुंधरा सरकार ने सत्र 17-18 में स्कूली यूनिफॉर्म में हल्के भूरे रंग की शर्ट, कुर्ता, कत्थई रंग की पैंट, स्कर्ट और सलवार को लागू किया गया था। अब सरकार बदलने के बाद विभागीय स्तर पर सबसे पहले साइकिल के रंग और यूनिफॉर्म के रंग को बदलने की तैयारी की जा रही है। हालांकि, कांग्रेस ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि साइकिल का नया रंग क्या होगा।

यही नहीं, कांग्रेस ने अपनी समझ का परिचय देते हुए निकाय चुनावों में प्रत्याशियों के लिए किसी भी प्रकार की शैक्षिक योग्यता की अनिवार्यता को खत्म करने का निर्णय लिया है। वसुंधरा सरकार ने निकाय चुनाव लड़ने के लिए 10वीं तक की शैक्षिक योग्यता अनिवार्य की थी। यही नहीं, गहलोत सरकार ने सभी लेटरपैड से दीनदयाल उपाध्याय का लोगो भी खत्म करने का निर्णय लिया है। ये बताता है कि, कांग्रेस सरकार नफरत और बदले की भावना से काम कर रही है। ये दोनों निर्णय गहलोत सरकार की पहली कैबिनेट बैठक में लिए गए हैं।

राज्य की नवगठित कांग्रेस सरकार के इस फैसले की राज्य में काफी आलोचना हो रही है। राजस्थान की जनता को कांग्रेस सरकार का यह निर्णय पसंद नहीं आ रहा है। आम चुनाव नजदीक आ रहे हैं। ऐसे में कांग्रेस द्वारा पिछली सरकार के जनहित में लिये गए फैसलों को बदलना पार्टी पर भारी पड़ सकता है।

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