सुप्रीम कोर्ट ने इस महीने की शुरुआत में ही राफेल सौदे मामले में मोदी सरकार को क्लीन चिट दे दी थी लेकिन ऐसा लगता है कि, कांग्रेस पार्टी अभी भी कोर्ट की बात से संतुष्ट नहीं है। हाल ही में, केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव की एक वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर साझा की है। इस वीडियो में राजू श्रीवास्तव ने एक पंक्ति में कहा कि, एचएएल के बजाय, राफेल सौदा निजी क्षेत्र को दिया गया था। उन्होंने इसे सही निर्णय बताते हुए इसके पीछे के कारण भी बताए। उन्होंने कहा कि, सरकारी स्कूलों, सरकारी बसों और कई तरह के सरकारी विभागों की स्थिति ठीक नहीं हैं क्योंकि लोग सरकारी कर्मचारी तो बनना चाहते हैं लेकिन काम नहीं करना चाहते। इस तरह उन्होंने निष्कर्ष निकाला कि, निजी क्षेत्र को राफेल सौदा आवंटित करना एक अच्छा कदम था, जिसका स्वागत करना चाहिए।
डेमोक्रेसी की आड़ में देश के प्रधानमंत्री पर उंगली उठाने वालों को पहचानें pic.twitter.com/vpBOHw1D7x
— Piyush Goyal (मोदी का परिवार) (@PiyushGoyal) December 30, 2018
पीयूष गोयल द्वारा वीडियो शेयर करते ही कांग्रेस इस वीडियो पर टूट पड़ी और राफेल सौदे को लेकर सरकार पर निशाना साधना शुरू कर दिया। हर बार की तरह इस बार भी कांग्रेस ने इस मुद्दे पर अपने मतलब का ही अर्थ निकाला है। कांग्रेस ने निष्कर्ष निकाला है कि, राजू श्रीवास्तव के निजी क्षेत्र का मतलब केवल रिलायंस है और इसी बात को लेकर यह पार्टी पीयूष गोयल को कटघड़े में खड़ी कर रही है।
कांग्रेस के इन दावों में बहुत सारी तथ्यात्मक गलतियाँ हैं। जैसा कि पहले ही कई लोगों ने साफ कर दिया है कि, ऑफसेट मोर्चे पर, 850 करोड़ रुपये के कुल ऑफसेट अनुबंधों का एक छोटा प्रतिशत रिलायंस डिफेंस को दिया गया था। डसॉल्ट एविएशन ऑफसेट सौदों के लिए कंपनियों को चुनने के लिए स्वतंत्र था और उसने कई अन्य कंपनियों के बीच से रिलायंस डिफेंस को चुना।
बता दें कि, डसॉल्ट एविएशन पहले ही एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर यह स्पष्ट कर चुका है कि, ऑफ़सेट पार्टनर का चयन करना डसॉल्ट की कॉल थी जिसमें सरकार या रक्षा मंत्रालय की कोई भागीदारी नहीं थी। ऑफसेट अनुबंधों के लिए चुनी गई कंपनियों में बीटीएसएल, डीईएफएसवाईएस, काइनेटिक, महिंद्रा, मैनी व एसएएमटीई शामिल हैं और ऑफसेट अनुबंधों के लिए 70 से अधिक कंपनियों के साथ बातचीत चल रही है।
जहां तक कांग्रेस का एचएएल के लिए उमड़ रहे प्यार का सवाल है, तो यह सिर्फ सरकार को निशाना बनाने का एक माध्यम है। पिछले दिनों, कांग्रेस पार्टी ने एचएएल को निशाना बनाया था और उसकी क्षमताओं पर सवाल उठाया था। तीन मार्च 2012 को, तत्कालीन रक्षा एमओएस, पल्लम राजू ने स्वीकार किया कि एचएएल भारतीय वायु सेना की अपेक्षाओं को पूरा करने में सक्षम नहीं था। इसके अलावा, अक्टूबर 2013 में, यूपीए सरकार ने दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया कि, एचएएल का खराब काम मिग-21 की दुर्घटनाओं के लिए जिम्मेदार था। उन्होंने वायु सेना के पायलट की रीढ़ की हड्डी में चोट के लिए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड को भी जिम्मेदार ठहराया था।
हाल ही में, अगस्ता वेस्टलैंड मामले में, ईडी ने दिल्ली पटियाला उच्च न्यायालय में रिमांड पेपर प्रस्तुत किया, जिसमें यह पता चला कि, इतालवी सौदे में TATA और Hindustan Aeronautics Limited (HAL) को किनारे कर दिया गया था। इससे स्पष्ट हो जाता है कि, तत्कालीन यूपीए सरकार ने न केवल प्रक्रिया में हेरफेर किया, बल्कि ऐसा प्रयास किया कि, अनुबंध हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड को नहीं जाए। इन सब से स्पष्ट है कि, राजू श्रीवास्तव के व्यंग्य वीडियो को गंभीरता से लेते हुए कांग्रेस ने फिर से खुद का ही मजाक बनाया है।