अयोध्या में भव्य राममंदिर निर्माण के लिए दिल्ली के जन्तर मंतर में जुटे भारी संख्या में मुस्लिम

राम मंदिर मुस्लिम

PC: Patrika

रविवार को मुस्लिम मंच के बैनर तले देश के तमाम राज्यों से मुसलमान दिल्ली के जंतर-मंतर मैदान में इकट्ठा हुए। देश के मुस्लिमों के इस जमावड़े का उद्देश्य अयोध्या में राम मंदिर का समर्थन करना था। मुसलमानों ने जंतर-मंतर मैदान में अयोध्या में राम-मंदिर के निर्माण के लिए हूंकार भरी। इसके लिए देश के तमाम हिस्सों से इकट्ठा हुए मुसलमानों ने शांतिपूर्ण तरीके से धरना प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि मंदिर तोड़कर बाबर ने मस्जिद का निर्माण करावाया था। इस कारण से वो स्थान इस्लाम के अनुसार पूजा स्थल नहीं है ऐसे में इसपर राजनीति करने का कोई मतलब नहीं रह जाता है। यही नहीं, उन्होने सभी दलों से अपील किया कि मंदिर बनाने में सहयोग करें। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के तले आयोजित किए गए धरना-प्रदर्शन के बाद केन्द्र सरकार को ज्ञापन भी सौंपा।

धरने में मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के मार्गदर्शक इंद्रेश कुमार ने कहा, “आम मुस्लिम भी राम मंदिर के निर्माण के पक्ष में है। वो श्रीराम को ‘इमाम-ए-हिंद’ के नाम से जानते हैं। लोकप्रिय गीत ‘सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तान हमारा’ लिखने वाले प्रसिद्ध उर्दू कवि अल्लामा इकबाल, जो विभाजन के बाद पाकिस्तान के होकर रह गये उन्होंने भी भगवान राम को ‘इमाम-ए-हिंद’ के रूप में लिखा है,”है राम के वजूद पे हिंदुस्तान को नाज, अहले नज़र समझते हैं उसको इमामे हिन्द। यहां तक कि पवित्र कुरान में भी इसका उल्लेख है कि अल्लाह ने एक लाख चौबीस हजार नबियों को अलग-अलग समय पर और अलग-अलग देशों और मानव समूहों में मार्गदर्शन करने के लिए भेजा था और पैगंबर मोहम्मद उनमें से आखिरी नबी थे।

प्रदर्शन करने आये मुस्लिम समुदाय के लोगों ने कहा भी कि,” पैगम्बर ने कहा है कि श्रीराम इस धरती पर उनसे कई सदी पहले आए थे। पैगंबर और उनके सच्चे अनुयायियों की आंखों में श्रीराम स्वयं ही एक नबी हैं और वे सब भी यही मानते हैं कि श्रीराम का जन्मस्थान अयोध्या ही है लेकिन बाबर व उसके सरदार मीर बांकी ने 1526 ईसवी में राममंदिर को नष्ट कर दिया था। जिस बाबर के सरदार ने इस मंदिर का विध्वंस कर मस्जिद बनवाई, उस बाबर से भारत के मुसलमानों का कोई वास्ता नहीं हैं।” इस धरना प्रदर्शन में मौलाना शोएब काशमी, मौलाना कोकब मुज्तबा, मौलाना रजा रिजवी के अलावा जेएनयू के प्रोफेसर डॉ. शाहिद अख्तर समेत कश्मीर से नजीर मीर, हरियाणा से खुर्शीद राजका, दिल्ली से यासिर जिलानी, उत्तर प्रदेश से जहीर अहमद, गुजरात से जहीर भाई कुरैशी, राजस्थान से आसिफा अली, बिहार से अल्तमस बिहारी समेत अन्य राज्यों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

वैसे ये कोई पहली बार नहीं जब मुस्लिम समुदाय खुलकर राम मंदिर निर्माण के समर्थन में सामने आया है। इससे पहले भी कई ऐसे मौके देखे भी गये हैं। इसी साल नवंबर के माहीने में मेरठ की मुस्लिम महिलोओं ने राम मंदिर के लिए बैठक का आयोजन किया था। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की सह संयोजक शाहीन परवेज के मेरठ में स्थित आवास पर राम मंदिर के पक्ष में बैठक का आयोजन किया गया था। इस बैठक में मुस्लिम महिलाओं ने देश में इस मुद्दे पर विचार-विमर्श किया था। अभी हाल ही में योगी आदित्यनाथ के गढ़ में मुसलमानों ने पोस्टर-बैनर जारी कर कहा था कि मंदिर निर्माण में पहली ईंट हम रखेंगे।  

बता दें कि इससे पहले भी आरएसएस, विहिप समेत तमाम हिंदू संगठनों ने अयोध्या में राम-मंदिर को लेकर धरना-प्रदर्शन व मांग करते रहे हैं। वहीं दूसरी ओर बीच-बीच में देश के तमाम हिस्सों से मुस्लिमों द्वारा राम-मंदिर के समर्थन की खबरें आती रही हैं।

ऐसी घटनाएं और लगातार उठती हूंकार से साफ़ है कि देश का हर वर्ग चाहता है कि अयोध्या में राम मंदिर बने लेकिन सालों से राजनीतिक पार्टियों ने अपने फायदे के लिए इसपर अड़चन डालने का काम किया है। हालांकि अब, जब एक के बाद एक जगहों से सभी समुदाय के लोगों द्वारा मंदिर निर्माण के लिए हूंकार उठ रही है तो पूरा विश्वास है कि जल्दी ही राम-मंदिर निर्माण का समय आने वाला है।  

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