गुजरात में 200 से अधिक ईसाई परिवारों की हुई घर वापसी

हिंदू ईसाई गुजरात

PC: Oneindia

गुजरात में 200 से अधिक आदिवासी परिवारों की घर वापसी हुई है। सभी ने ईसाई धर्म छोड़कर एक बार फिर से हिंदू धर्म अपना लिया है। इन सभी लोगों को लालच देकर और बरगलाकर उनका धर्म परिवर्तन कराया था लेकिन इन सभी की इच्छा हिंदू धर्म में ही रहने की थी और अपनी इच्छानुसार सभी ने अपने धर्म में वापसी कर ली है। स्वामीनारायण ज्ञानपीठ संस्थान द्वारा आयोजित एक सम्मेलन में सभी ने अपना धर्म परिवर्तन किया।

गुजरात के वलसाड जिले के कपराडा तालुका में विराट हिंदू धर्म जागरण संस्थान के सम्मेलन के आयोजन में हिंदू से ईसाई धर्म में परिवर्तित हुए 200 से अधिक आदिवासी परिवारों ने फिर से हिंदू धर्म अपना लिया है। इस सम्मेलन को स्वामीनारायण ज्ञानपीठ संस्थान के माध्यम से आयोजित किया गया था। इस दौरान स्वामीनारायण संप्रदाय के प्रमुख संत भी उपस्थित थे। दरअसल हिंदू धर्म जागरूकता अभियान के शुरू किये जाने के बाद ही इन परिवारों ने अपने धर्म में वापसी का फैसला किया। स्वामीनारायण संप्रदाय के संतों ने फूल माला पहनकर सभी आदिवासी परिवारों का स्वागत किया। इतने परिवारों के घर वापसी पर स्वामी नारायण संप्रदाय के स्वामी ने कहा, “विभिन तरीके के लालच और प्रलोभन देकर निर्मल और निर्दोष लोगों को बरगलाकर कर ईसाई बना दिया गया था लेकिन अब वो सभी  लोग हिन्दू धर्म में ही रहने की इच्छा रखते हैं। हम इनसे आशा करते हैं कि भविष्य में ये किसी और के बहाकावे में नहीं आएंगे।

बता दें कि आदिवासी इलाकों में ईसाई मिशनरियों के धार्मिक सम्मेलनों के सामने हिंदू धर्म जागरूकता अभियान किये जा रहे हैं और ईसाई मिशनरियों के प्रत्येक गांव में मिशनरीज प्रवृत्तियों के जवाब में हिन्दू धार्मिक संस्थाओं ने हनुमान का मंदिर बनाने का अभियान शुरू किया। इसके बाद आदिवासी इलाकों में लोग अपने धर्म के प्रति जागरूक हो रहे हैं और अब इसका प्रभाव भी नजर आने लगा है।

वैसे ये पहले मामला नहीं है इससे पहले भी ऐसे कई मामले सामने आये हैं जिसमें अपना धर्म बदलने के बाद फिर से घर वापसी की है। हिन्दू धर्म छोड़कर इस्लाम अपनाने वाली अथिरा ने भी बाद में हिंदू धर्म को अपना लिया। उसने इस्लाम अपनाने के पीछे का कारण बताते हुए कहा कि कैसे उसके मुस्लिम दोस्तों उसका ब्रेनवाश किया था। उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में भी 20 परिवारों ने हिंदू धर्म अपनाया था। हिंदू धर्म को अपनाने के लिए कभी हिंदू समुदाय ने दबाव नहीं बनाया जैसा कि अन्य धर्म में देखा गया है।

ऐसे कई उदाहरण हैं जो ये साबित करते हैं कि कैसे आदिवासी लोगों और आर्थिक रूप से कमजोर लोगों का ब्रेन वाश किया जाता है और उनका धर्म परिवर्तन करवा दिया जाता है। अभी दो दिन पहले ही हरिद्वार में 300 बच्चों के धर्मपरिवर्तन की खबरें चर्चा में थी जब पुलिस को ये जानकारी मिली तो तुरंत पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई की।  यही नहीं केरल की एक महिला का तो जबरन धर्म परिवर्तन कराने और मुस्लिम युवक से शादी करवाई। इसके बाद महिला को इस्लामिक स्टेट आतंकवादियों को बेचने के लिए सीरिया ले जाने का प्रयास कर रहे थे लेकिन उससे पहले ही इस मामले का खुलासा हो गया। फिलहाल इस मामले की जांच चल रही है।

इन मामलों से साफ़ हो जाता है किस तरह से देश में धर्म परिवर्तन किया जाता रहा है। अब जाकर हिंदू संगठनों को आंख खुली है और अब वो इस तरह के मामलों के खिलाफ अपना अभियान चला रहे हैं। इसके साथ ही देश का कानून भी इस तरह के मामलों की जांच कर रही है।

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