कमलनाथ के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए शिवराज सिंह चौहान

कमलनाथ मध्य प्रदेश कमलनाथ

PC: .Jagran

एक कुशल नेता वही होता है जो अपने दायित्वों का निर्वाह बिना किसी स्वार्थ के करता है। वो जनता की सेवा की भावना और स्फूर्ति एवं सहिष्णुता से परिपूर्ण होता है। सत्ता में होने पर हमेशा अपनी जिम्मेदारियों के प्रति सचेत रहना और विपक्ष में होने के बावजूद राज्य में सत्तारूढ़ पार्टी के साथ सम्मानजनक व्यवहार करना एक कुशल नेता के गुण होते हैं। भारतीय राजनीति में ऐसे नेता बहुत ही ही कम ही देखने को मिले हैं और उन नेताओं में से एक उदाहरण मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान हैं। जिस तरह से उन्होंने पहले राज्य में पार्टी की हरा की जिम्मदारी ली फिर खुद को मध्य प्रदेश का आम आदमी बताया उन्होंने अपने हर बोल से जनता का दिल जीत लिया। अब वो एक कुशल विपक्षी नेता होने फर्ज निभा रहे हैं। वो न सिर्फ कमलनाथ के शपथ ग्रहण में शामिल हुए बल्कि उन्हें बधाई भी दी।

दरअसल, आज मध्य प्रदेश में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ ने राज्य मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। भोपाल के जम्बूरी मैदान में ये शपथ आनंदीबेन पटेल ने कमलनाथ को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। कमलनाथ के इस शपथ ग्रहण समारोह में कई बड़े दिग्गज नेता शामिल हुए जिनमें कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के अलावा शिवराज सिंह चौहान जिनपर सभी की निगाहें टिक गयीं। उन्होंने न सिर्फ बधाई दी बल्कि ज्योतिरादित्य सिंधिया और कमलनाथ का हाथ हवा में उठाकर खुशी भी व्यक्त की। इस शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने से पहले अपनी प्रतिक्रिया में उन्होंने कहा भी था कि, “लोकतंत्र की मर्यादा है, अगर वो सम्मानपूर्वक आमंत्रित करते हैं तो मैं जरूर जाऊंगा।”

अगर यही समारोह बीजेपी का होता तो कांग्रेस पार्टी रोना रो रही होती और बीजेपी को कोसती। वास्तव में शिवराज सिंह चौहान ने साबित कर दिया है कि वो कितने गुणकारी और बड़े दिलवाले नेता है और जनता के जनादेश का कितना सम्मान करते हैं जबकि यही कांग्रेस जनता के जनादेश से चुने गुए मुख्यमंत्री हो या प्रधानमंत्री किसी का सम्मान नहीं करती है। ये तो देश का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रधानमंत्री को कभी चोर तो कभी चाय वाला वाला कहकर अपमानित करने का एक मौका नहीं छोड़ती है। ट्विटर पर सभी यूजर्स उनकी इसी सहजता और विनम्रता से प्रभावित हैं और कांग्रेस को इससे कुछ सीखने का ज्ञान भी दे रहे हैं।

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बता दें कि इससे पहले ईद के मौके पर राज्य के मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए कमलनाथ के गले मिले थे। राजनीति को एक तरफा कर कांग्रेस नेता के साथ एक ही मंच साझा किया था। यहां तक कि राजनीतिक में जुबानी जंग और आरोप-प्रत्यारोपों को दरकिनार कर कमलनाथ को गले लगाकर ईद की बधाई दी थी।

मध्य प्रदेश की सत्ता से बाहर होने के बाद भी शिवराज सिंह चौहान किसी किसी वजह से चर्चा में हैं। जिस तरह से उन्होंने हार की जिम्मेदारी स्वीकार की और अब उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल प्रोफाइल को अपडेट कर खुद मध्य प्रदेश का आम आदमी बताया जो अब भी चर्चा में है। दरअसल, शिवराज सिंह ने अपनी प्रोफाइल दो बार बदली पहले तो उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री लिखा था लेकिन कुछ ही घंटों बाद उन्होंने अपने आप को ‘मध्य प्रदेश का आम आदमी’ (द कॉमन मैन ऑफ मध्य प्रदेश) बताया था। 

राज्य भक्ति, ईमानदारी, सादगी, कर्तव्यनिष्ठ जैसे गुणों के कारण ही मध्य प्रदेश में चौहान मामा जी के नाम से मशहूर हैं। मध्य प्रदेश की जनता से उनका लगाव ही है कि उन्होंने लोकसभा चुनाव लड़ने के कयासों पर विराम लगा दिया था। वास्तव में ये सभी घटनाएं शिवराज का मध्यप्रदेश की जनता से नि:स्वार्थ प्रेम और आत्मीयता को दर्शाता है।

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