सिद्धू का बार बार पाकिस्तान जाना व्यक्तिगत है या इसके पीछे है किसी और का हाथ?

सिद्धू कांग्रेस

PC: prokerala.com

पाकिस्तान में जाकर पाक सेनाध्यक्ष और खालिस्तानी समर्थक के साथ सिद्धू गले मिलकर लौटे हैं। लौटते ही सिद्धू ने एक बयान देकर कांग्रेस पार्टी का नकाब उतार दिया है। सिद्धू ने कहा कि वह पाकिस्तान खुद नहीं गए थे। उन्हें कांग्रेस पार्टी द्वारा पाकिस्तान भेजा गया था। सिद्धू ने खुद को कांग्रेस पार्टी का सिपाही बताते हुए कहा कि मुझे मेरे कैप्टन (राहुल गांधी) ने पाक भेजा था।

सिद्धू ने कहा कि उन्हें राहुल गांधी ने ही पाकिस्तान भेजा था। उन्होंने कहा, ‘मेरे कप्तान राहुल गांधी हैं, उन्होंने ही भेजा है हर जगह।’ सिद्धू ने यह भी कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मुझे पाकिस्तान जाने से मना किया था। लेकिन करीब 20 कांग्रेसी नेताओं और केंद्रीय नेतृत्व के कहने पर मैं पाकिस्तान गया था। पंजाब के सीएम मेरे पिता के समान हैं। मैं उनसे पहले ही बता चुका था कि मैं पाकिस्तान जाऊंगा। मेरे कप्तान राहुल गांधी हैं और सीएम साहब के कप्तान भी राहुल गांधी हैं।

सिद्धू के इस बयान के बाद कि मेरे कैप्टन (राहुल गांधी) ने मुझे पाकिस्तान भेजा था, कांग्रेस को मुंह छिपाने की जगह नहीं मिल रही है। पार्टी के नेता कोई भी बयान देने से कतराते फिर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस का पाकिस्तान से अगाध प्रेम प्रकट होने के बाद आम नागरिकों से लेकर सोशल मीडिया पर कांग्रेस की जमकर खिंचाई हो रही है।

बता दें कि कांग्रेस का पाकिस्तान से प्रेम उस समय उमड़ रहा है, जबकि हाल ही में अमृतसर में एक गुरुद्वारे में हुए आतंकी हमले में पाक का कनेक्शन सामने आय़ा है। उस हमले में पाक की खूफिया एजेंसी, आईएसआई के हाथ होने के साक्ष्य मिले हैं। इसके बावजूद भी कांग्रेस का पाकिस्तान से प्रेम कम नहीं हुआ है। इसके पहले भी चुनावी समय में पाक भारत में आतंकी घटनाओं को अंजाम देता रहा है।

एक बात गौर करने वाली है कि जब-जब चुनाव नजदीक आते हैं पाकिस्तान की लाख नापाक़ हरकतों के बावजूद, कांग्रेस का उसके प्रति प्रेम उमड़ पड़ता है। अब जबकि लोकसभा चुनाव नजदीक है तो ऐसे में कांग्रेस एक बार फिर से पाकिस्तान का दामन थामती नजर आ रही है।

यह पहली बार नहीं है जब कांग्रेस पाकिस्तान से अपनी राजनैतिक रोटी सेंकने का प्रयास कर रही है। इससे पहले भी कई बार कांग्रेस का पाकिस्तान से कनेक्शन सामने आ चुका है। इससे पहले भी कांग्रेस के तार पाकिस्तान, आतंकवाद और नक्सलवाद से जुड़े होने के साक्ष्य मिलते रहे हैं। जबकि इसके पहले पाकिस्तान में भाजपा के खिलाफ फेसबुक पर कैंपन चलाए जाने की पुष्टि हुई थी। यह कांग्रेस का ही कैंपेन था। इसमें ‘भाजपा हटाओ, देश बचाओ’ जैसे स्लोगन लिखे थे।

ऐसे में अब यह सवाल उठता है कि आखिर हिंदुस्तान में भाजपा की सरकार रहने से पाकिस्तान को भला क्या तकलीफ है। इसमें पाकिस्तान का भला क्या नुकसान है। और कांग्रेस सत्ता पाने के लिए पाकिस्तान से सहयोग क्यों मांग रही है।

हालांकि यह बात किसी से छिपी नहीं है कि कई बार चुनाव नजदीक आते ही पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन भारत में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देते रहे हैं। अब ऐसे में कांग्रेस को पाकिस्तान से किस प्रकार का समर्थन चाहिए, ये तो कांग्रेस ही बता सकती है।

बता दें कि इससे पहले भी पाकिस्तान ने उरी और पठानकोट हमले जैसे नापक हरकतें कर चुका है। जिसके कारण भारत सरकार पाकिस्तान से वार्ता बंद किए हुए है। जबकि दोनों देशों के रिश्ते तल्ख चल रहे हैं।

 फिर भी जानें क्यों कांग्रेस बार-बार पाकिस्तान के पाले में जाकर खड़ा हो जाता है। यही नहीं कांग्रेस और कांग्रेसी दूत पाकिस्तान में जाकर भारत की आंतरिक, मतभेद, फूट और राजनैतिक समीकरण के भेद नापाक पाक को दे आते हैं।

अब देखने वाली बात ये होगी कि इस बार के चुनाव में कांग्रेस को पाकिस्तान को संग लेकर, वहां से कैम्पेन चलवाकर, वहां देश की आंतरिक राजनीति का समीकरण और देश की कमजोरी बताकर कितना फायदा मिलता है। क्या देश की जनता पाकिस्तान से प्रेम दर्शाने वाली और पाक को देश की कमजोरी बताने वाली कांग्रेस पार्टी को समर्थन देगी या इस बार फिर उसे देश विरोधियों का दामन थमना महंगा पड़ने वाला है।  

 

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