पिछले महीने जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 31 अक्टूबर को गुजरात में सरदार पटेल की मूर्ति का अनावरण किया तो विपक्षियों ने रोना शुरू कर दिया। विपक्षियों ने इसे पैसे की बरबादी बताते हुए खूब प्रचार किया। पूरे देश में हो-हल्ला किया गया। नर्मदा जिले में सरदार सरोवर के साधु बेल्ट इलाके में बनी विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ 1 नवंबर को देश के नागरिकों के दीदार के लिए खोल दी गई। हालांकि, स्टैच्यू को देश को समर्पित करते ही इसे देखने के लिए जो भीड़ उमड़ी उसे देखकर विपक्षियों के मुंह पर ताला लग गया।
दरअसल पहले महीनें में आने वाले पर्यटकों की संख्या चौंकाने वाली रही। आंकड़े बताते हैं कि सरदार की प्रतिमा को देखने के लिए रोज करीब 30 हजार लोग पहुंच रहे हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार इन आगंतुकों से महज 14 दिनों में ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ से 3 करोड़ 27 लाख 15 हजार 5 सौ 9 रुपये की आमदनी हुई थी। स्टेचू ऑफ यूनिटी को देखने के लिए हर रोज हजारों की संख्या में लोग पहुंच रहे हैं। अब तक करीब 1.8 लाख लोग पटेल की प्रतिमा देख चुके हैं। उनसे सरदार पटेल राष्ट्रीय एकता ट्रस्ट की कुल मिलाकर करीब 2.1 करोड़ रुपए की कमाई हो चुकी है।
गुजरात के मुख्य सचिव जेएन सिंह और राज्य के प्रमुख सचिव (पर्यटन) एसजे हैदर ने सोमवार को कहा, “पिछले कुछ दिनों से रोज 30 हजार के करीब लोग प्रतिमा निहारने आ रहे हैं।“ मूर्ति देखने के लिए लोगों की ऐसी भीड़ उमड़ी कि 10 किलोमीटर तक लंबा ट्रैफिक जाम लग जाता है। दिवाली के दिन तो यहां 16 हजार पर्यटक आए थे। भाई दूज के दिन 20 हजार जबकि शनिवार को तो यह संख्या 27 हजार पहुंच गई। लोगों की भीड़ कितनी तेजी से उमड़ी है, इसका अंदाजा आप इस बात से भी लगा सकते हैं स्टेचू ऑफ यूनिटी के साथ बनी टेंट सिटी के सारे टेंट पहले ही बुक हो चुके हैं। आपको बता दें कि इस टेंट सिटी में करीब 250 टेंट हैं।
वहीं सोमवार को अमेरिका के भारत स्थित महावाणिज्य दूत एडगार्ड कागन पटेल स्मारक को देखने पहुंचे। उन्होंने 153 मीटर की ऊंचाई पर स्थित गैलरी पर वक्त बिताकर लुत्फ उठाया। वो सरदार सरोवर बांध और विंध्य व सतपुड़ा पर्वत श्रृंखला के विहंगम दृश्य देख अभिभूत हो गए। दौरे के बाद कागन ने कहा, “यह प्रतिमा बेहद आकर्षक है और मैं इसके निर्माण का उद्देश्य जानकर प्रसन्न हुआ।“
बता दें कि सरदार वल्लभभाई पटेल की यह 182 मीटर ऊंची है। इस प्रतिमा का निर्माण देश को एकसूत्र में पिराने के उनके अविस्मरणीय प्रयास की स्मृति को अमिट बनाने के लिए किया गया है। आजादी के बाद सरदार पटेल ने देश की 562 रियासत का भारत में विलय कराया था। इसके लिए उन्होंने बहुत ही सूझबूझ, साहस और कुशलनीति का परिचय दिया था। सरदार पटेल की उन्हीं बेमिसाल भूमिका को देखते ‘स्टैचू ऑफ यूनिटी’ का निर्माण किया गया है। इसीलिए इस स्टैचू का नामकरण भी ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ किया गया।
अब जिस तरह से स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का दीदार करने के लिए पर्यटक आ रहे हैं, उसे देखकर लगता है कि आने वाले दिनों में यहां और भी रोजगार पैदा होंगे। बता दें कि इस मूर्ति की वजह से आस-पास के लोगों को काफी रोजगार के अवसर मिले हैं। बहुत से लोग तो मूर्ति के रख-रखाव में ही रोजगार पा रहे हैं, जबकि आस-पास की दुकानें और होटल यहां आने वाले पर्यटकों से खूब कमाई कर रहे हैं। स्थिति ये है कि इन दिनों आस-पास के इलाकों के सभी होटल पूरी तरह से बुक हो चुके हैं। इसका मतलब है कि इस मूर्ति की वजह से सरकार की तो कमाई हो ही रही है, साथ ही रोजगार भी पैदा हो रहे हैं।