महाकुटमी की विफलता से स्पष्ट है कि आम चुनावों में भी सत्ता पार्टी के आगे नहीं टिक पाएगा महागठबंधन

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PC: thehansindia.com

हाल ही में आए विधानसभा चुनाव परिणामों की समीक्षा से कई दिलचस्प चीजें सामने आ रही है। उनमें से एक है महागठबंध की विफलता। तेलंगाना में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, तेलंगाना जन समिति, तेलूगू देशम पार्टी और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने महाकुटमी नाम से गठबंधन बनाया था जो कि, बुरी तरह विफल रहा है। महाकुटमी की विफलता के बाद अब 2019 में होने वाले आम चुनावों में भी महागठबंधन बनाने के प्रयासों पर पानी फिरता नजर आ रहा है।

चुनाव आयोग द्वारा जारी किये गए तेलंगाना विधानसभा चुनाव के परिणामों के अनुसार यहां कुल 119 सीटों में से टीआरएस को 88, कांग्रेस को 19, टीडीपी को 2, बीजेपी को एक और अन्य के खाते में 9 सीटें गई हैं। वहीं यहां सीपीआई और टीजेएस अपना खाता भी नहीं खोल पाई। इस तरह तेलंगाना में महाकुटमी गठबंधन ने मुंह की खाई है और टीआरएस ने यहां अपना बड़ा नेतृत्व बनाए रखा है।

बता दें कि, तेलंगाना में सत्ताधारी तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के खिलाफ साथ आईं विपक्षी पार्टियों की निगाहें केवल सत्‍ता प्राप्ति पर ही नहीं टिकी थी बल्कि उन्‍हें उम्मीद थी कि, इस दक्षिणी राज्य में उनका यह प्रयोग 2019 के लोकसभा चुनावों में भाजपा और इसकी सहयोगी पार्टियों से मुकाबले के लिए एक व्यापक गठबंधन बनाने में मददगार साबित होगा।

चुनाव प्रचार के दौरान विपक्षी नेताओं ने दावा किया था कि, तेलंगाना में टीआरएस के खिलाफ ‘जोरदार लहर’ है और उनके गठबंधन महाकुटमी को 75 से ज्यादा सीटें मिलेंगी। जबकि नतीजे इसके बिल्कुल विपरीत ही आए हैं. महाकुटमी गठबंधन को राज्य की 119 सीटों में से सिर्फ 21 सीटें ही मिल पाई। वहीं गठबंधन की सीपीआई और टीजेएस पार्टी तो राज्य में चुनावों में अपना खाता भी नहीं खोल सकी। यह बताता है कि महागठबंधन का प्रयोग पूरी तरह से असफल रहा है। यह गठबंधन चुनावों में कोई भी प्रभाव छोड़ने में नाकाम रहा है।

विधानसभा चुनावों में महाकुटमी गठबंधन की यह विफलता का असर राष्ट्रीय स्तर की राजनीति में भी होना तय है। महाकुटमी टीआरएस से सत्ता जीतने में स्पष्ट रूप से विफल रही है, अब यह  विफलता 2019 के लोकसभा चुनावों के लिए भाजपा विरोधी गठबंधन या महागठबंधन बनाने के लिए कांग्रेस और नायडू के प्रयासों पर सवाल उठाएगी। इस प्रयोग के अनुसार देखें, तो 2019 के आम चुनावों में भी इस तरह का गठबंधन सत्ता पार्टी के आगे कहीं नहीं टिक रहा है। ऐसा न हो कि, जो स्थिति तेलंगाना विधानसभा चुनावों में सत्ता पार्टी टीआरएस की है वही स्थिति आम चुनावों में बीजेपी की बने और बीजेपी पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में बनी रहे।

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