यूबीआई स्कीम: 10 करोड़ लोगों को हर महीने 2500 रुपये देने की तैयारी में मोदी सरकार

यूबीआई मोदी रुपये

PC: Khabardekho.com

पिछले दो-तीन सालों से सरकार द्वारा यूनिवर्सल बेसिक इनकम (UBI) योजना लागू करने की जो चर्चाएं चल रही थीं वे एक बार फिर जोरों पर हैं। सूत्र बता रहे हैं कि, अब देशवासियों का इंतजार खत्म होने वाला है और केंद्र सरकार 15 जनवरी से पहले इस योजना का ऐलान कर सकती है। इस योजना में मोदी सरकार देश के 10 करोड़  लोगों को चुनेगी और इन चुने गए लोगों को हर महीने 2500 रुपये दिये जाएंगे। इसके साथ ही मोदी सरकार द्वारा तेलंगाना के किसान मॉडल की तर्ज पर किसानों को वित्तीय मदद की घोषणा भी की जा सकती है। 2019 के आम चुनावों में अब 4-5 महीने ही बचे हैं। कांग्रेस के कर्जमाफी के वादे के जवाब में मोदी सरकार की यह योजना एक ठोस कदम साबित होगी। ऐसे में इस योजना का असर आम चुनावों में भी देखने को मिल सकता है। नवभारत टाइम्स के मुताबिक 27 दिसंबर को पीएम नरेन्द्र मोदी ‘यूबीआई’ को लागू किए जाने के लिए अबतक की गई जमीनी काम की समीक्षा करेंगे। इस योजना पर केंद्र सरकार द्वारा दस हजार करोड़ रुपये खर्च करने की योजना है।

नए साल की शुरुआत में ही हो सकता है ऐलान

मोदी सरकार नए साल के शुरुआत में ही देशवासियों को यह बड़ा तोहफा दे सकती है। खबरों के अनुसार, 15 जनवरी के बाद यूनिवर्सल बेसिक इनकम योजना का ऐलान किया जा सकता है। इस योजना के साथ ही तेलंगाना के किसान मॉडल की तर्ज पर किसानों को आर्थिक मदद की घोषणा की भी संभावना है। बता दें कि, पिछले साल हुए आर्थिक सर्वे में यूबीआई की वकालत की गई थी, इस योजना के गरीबों के लिए एक वरदान साबित होने की बात भी कही गई थी। यूबीआई में चुने गए लोगों को सरकार शुरुआत में 2000 से लेकर 2500 रुपये महीने देने की योजना बना रही है। गौरतलब है कि, राजस्थान में बीजेपी के घोषणा पत्र में सबसे पहले यह योजना लागू करने का जिक्र हुआ था।

मध्यप्रदेश में पायलट प्रॉजेक्ट के रूप में लागू हुई थी यूबीआई

बता दें कि, यूबीआई योजना को 2016 में पायलट प्रॉजेक्ट के रूप में लागू किया जा चुका है। यह पायलट प्रॉजेक्ट मध्यप्रदेश के एक गांव में लागू हुआ था जिसमें योजना के लिए 6000 लोगों का चयन किया गया था। वहां यूबीआई योजना में युवाओं को 500 रुपए महीने और बच्चों को 150 रुपये महीने दिये गए थे। करीब पांच साल तक इस योजना के तहत लोगों को रुपये दिये गए थे। तेलंगाना के किसान मॉडल की बात करें, तो वहां कर्जदार किसनों को साल में दो बार 4 हजार रुपये दिये जाते हैं। ये रुपये इसलिए दिये जाते हैं ताकी किसानों के खेतों में फसल उग सके। ये रुपये फसल सीजन से पहले ही दिए जाते हैं। साथ ही यहां किसानों को खेती के लिए मुफ्त बिजली की भी सुविधा है।

फिनलैंड में सबसे पहले लागू हुई थी यूबीआई

बता दें कि, फिनलैंड पहला देश है जहां पूरी तरह से यूबीआई योजना लागू हुई है। इस देश में यूबीआई लागू होने के बाद करीब 22 देशों ने भी इस योजना को लागू किया था। यूनिवर्सल बेसिक इनकम योजना के बारे में काफी समय से दुनियाभर के अर्थशास्त्रियों के बीच बहस चल रही है। यूबीआई योजना में देश के हर व्यक्ति का अपना एक नंबर होता है। भारत में इसे आधार नंबर से जोड़ा जाएगा। उस व्यक्ति का अपना एक अकाउंट होगा और हर महीने उस अकाउंट में निर्धारित राशि आएगी। बता दें कि, यूबीआई योजना में रुपये देने के बाद सब्सिडी सिस्टम खत्म कर दिया जाता है।

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