दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संस्थापक अरविंद केजरीवाल रोज नया चुनावी रंग बदल रहे हैं। अभी कल की ही बात है, केजरीवाल ने दिल्ली की जनता से कांग्रेस को वोट न देने की अपील की है और आज उनके कांग्रेस से गठबंधन की खबरें आ रही हैं। डीएनए के रिपोर्ट की मानें तो आम आदमी पार्टी और कांग्रेस में गठबंधन की खबर आ रही है। रिपोर्ट के मुताबिक, इस गठबंधन में कांग्रेस को 3, आम आदमी पार्टी को 3 और यशवंत सिन्हा को 1 सीट दी गयी है। माना जा रहा है कि, दोनों ही पार्टियों द्वारा प्रत्याशियों के नामों पर भी चर्चा हो चुकी है। यही नहीं, सूत्रों के अनुसार दोनों पार्टियां राजस्थान, मध्यप्रदेश और छ्त्तीसगढ़ में भी सीटों के बंटवारा कर सकती हैं।
बता दें कि, अभी कल की ही बात है, जब मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को एक जनसभा के दौरान लोगों से भाजपा या कांग्रेस को वोट नहीं देने की अपील की थी। ककरोला में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने लोगों से भाजपा को भी वोट नहीं देने की अपील की।
यही नहीं, केजरीवाल ने जनता से अपील करते हुए कहा था कि, वो कांग्रेस के लिए बिल्कुल भी वोट नहीं करें। उनका कहना था कि, अगर आप कांग्रेस को वोट करेंगे तो यह भाजपा को ही मजबूत करेगी। आप अपने वोट बंटने न दें। सभी सात सांसद ‘आप’ के ही चुनें। इस बीच कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच गठबंधन की खबरें चौंकाने वाली है।
अरविंद केजरीवाल में सत्ता की कितनी भूख है, इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि, उनकी पार्टी के एक के बाद एक नेता उनपर लक्ष्य से भटकने का आरोप लगाकर इस्तीफा देते जा रहे हैं। इसके बावजूद वो सत्ता पाने के लिए किसी से भी गठबंधन करने को तैयार हैं।
बता दें कि, अरविंद केजरीवाल की इन्हीं नीतियों से ऊबकर पंजाब में सिख दंगा पीड़ितों की लड़ाई लड़ने वाले और आम आदमी पार्टी की रीढ़ माने जाने वाले वरिष्ठ ‘आप’ नेता एच एस फुल्का ने पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। वहीं दूसरी ओर दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन ने भी अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है।
ऐसा माना जा रहा है कि, अजय माकन नहीं चाहते थे कि, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी गठबंधन करें। माकन का मानना था कि, जिस ‘आप’ का हमने 4 सालों तक विरोध किया, अब उसी ‘आप’ के लिए हम वोट कैसे मांगे, उस आम आदमी पार्टी से हम अपनी पार्टी को गठबंधन नहीं करने देंगे। खबरों की मानें तो कांग्रेस के अजय माकन और आम आदमी पार्टी के एच एस फुल्का कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के गठबंधन के सख्त खिलाफ थे। इसके बावजूद दोनों ही पार्टियों ने गठबंधन को चुना। सत्ता के लालच में दोनों ही पार्टियों ने अपनी-अपनी पार्टियों के 2 सिपाहियों का शहीद होना स्वीकार कर लिया। अगर दोनों पार्टियों के गठबंधन की बात सच है तो अब देखना यह होगा कि, दोनों पार्टियां कैसे जनता के सामने वोट मांगने जाती हैं।